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सरकारी भूमि से काट डाले पेड़, वन विभाग ने पंचायत प्रधान पर लगाया जुर्माना - ILLEGAL FELLING OF TREES

बड़सर उपमंडल में पेड़ों के अवैध कटान का मामला सामने आया है. वन विभाग ने इस मामले में पंचायत प्रधान पर जुर्माना लगाया है.

अवैध रूप से काटे गए पेड़
अवैध रूप से काटे गए पेड़ (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 2, 2025, 12:39 PM IST

हमीरपुर:जिला के बड़सर उपमंडल के अंतर्गत सरकारी भूमि से पेड़ों के अवैध कटान का मामला सामने आया है. वन विभाग ने मामला सामने आने के बाद 25 हजार का जुर्माना लगाया है. अवैध कटान का ये मामला उपमंडल की सठवीं बीट में आया है. सोशल एक्टिविस्ट परमजीत डटवालिया ने मामले की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम को साक्ष्य दिखाए और कार्रवाई की मांग की थी.

शिकायत मिलने के बाद जांच में पाया गया कि सरकारी भूमि से 9 पेड़ काटे गए हैं. विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में पूरी जांच की थी. वहीं, विभागीय अधिकारियों ने इस मामले में समैला पंचायत प्रधान डीआर काटकर 25 हजार रुपए का जुर्माना वसूला है. इसके साथ ही लकड़ी को भी अपने कब्जे में ले लिया गया है. बता दें कि प्रदेश सरकार ने निजी और सरकारी भूमि से किसी भी प्रकार के पेड़ों के कटान पर पूर्ण पाबंदी लगा रखी है. केवल हो चुके कटान के लिए ही परमिट जारी किया जा रहा है.

बीट ऑफिसर विनोद कुमार ने कहा कि, 'जैसे ही विभाग को इस मामले में जानकारी मिली तो उसके बाद टीम तुरंत मौके पर पहुंची और काटे गए 9 पेड़ों के एवज में समैला पंचायत प्रधान को 25 हजार रुपए जुर्माना किया गया है.' सोशल एक्टिविस्ट परमजीत डटवालिया ने बताया कि, 'पेड़ों का अवैध तरीके से कटान किया जा रहा था. उनके पास इसकी शिकायत आई थी. उन्होंने खुद अपने स्तर पर सभी साक्ष्य जुटाकर वन विभाग की टीम को सौंपे थे. इसके बाद वन विभाग की टीम ने मामले में कार्रवाई की है.'

हिमाचल में पेड़ कटान पर प्रतिबंध

बता दें कि बीते दिसंबर में हिमाचल प्रदेश में खैर को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के पेड़ों के कटान पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी गई थी. इससे संबंधित आदेश विभाग के सभी फील्ड अधिकारियों को दे दिए गए हैं. सफेदा, बांस सहित अन्य प्रजाति के पेड़ जिन्हें ईंधन के लिए काटने की अनुमति होती है. अब वो भी नहीं काटे जाएंगे. बताया जा रहा है कि सफेदा, बांस के कटान की आड़ में देवदार जैसी प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल रही थी, जिसके बाद सरकार ने ये निर्णय लिया है.

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