शिमला:हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में कनिष्ठ अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता के समाप्त किए गए पदों को लेकर पिछले कुछ दिनों से वर्क टू रूल के तहत काम किया जा रहा है. वहीं, इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्पलाइज यूनियन ने सरकार को 28 अक्टूबर तक अपना फैसला वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है. इस बीच तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड से संबंधित मुद्दों पर गठित उप-समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की है.
बोर्ड की वित्तीय स्थिति सुधारने के निर्देश
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग की ओर से बोर्ड को वित्तीय स्थिति में सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं. आयोग विद्युत क्षेत्र में सुधार और विद्युत दरों को निर्धारित करता है. आयोग ने बोर्ड को कर्मचारी लागत कम करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा भारत सरकार ने 27 अप्रैल, 2023 को सभी डिस्कॉम को सुधारों के लिए दिशा-निर्देशों जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिजली की खरीद लागत 3.50 रुपये प्रति यूनिट है. वहीं, विद्युत आपूर्ति की वास्तविक लागत 6.79 रुपये प्रति यूनिट है. देश में सबसे कम खरीद लागत होने के बावजूद उच्च कर्मचारी लागत होने के चलते उपभोक्ताओं को सस्ती विद्युत आपूर्ति नहीं मिल पा रही है.
पोस्टों को किया जा रहा एडजस्ट
मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि विभिन्न श्रेणियों के पदों का युक्तिकरण किया जा रहा है. ये एक सामान्य प्रक्रिया है और बोर्ड की ओर से किसी भी इंजीनियर को पदों से नहीं हटाया गया है. इन पदों को समायोजित यानी एडजस्ट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए वित्तीय प्रबंधन महत्वपूर्ण है और इस दिशा में ही उपभोक्ता हितैषी फैसले लिए जा रहे हैं.
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