शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सलापड़ से तत्तापानी सड़क धीमी गति से चल रहे निर्माण पर कड़ा संज्ञान लिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग से दो दिनों के भीतर सड़क निर्माण से जुड़े ठेकेदारों की सूची कोर्ट को उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए है. वहीं, सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने 39 मलबा डंपिंग स्थलों के लिए निगरानी योजना के साथ अपनी पुन: प्राप्ति योजना भी प्रस्तुत कर दी है.
इस पर कोर्ट ने कहा कि अब सड़क निर्माण की गति में तेजी आनी चाहिए. इस मामले में कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि सड़क निर्माण कार्य को समय पर पूरा न करने के क्या कारण है? लोक निर्माण विभाग से ये भी पूछा था कि अभी तक उन ठेकेदारों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है, जो सड़क निर्माण की धीमी गति के लिए जिम्मेदार हैं. कोर्ट ने स्टेट्स रिपोर्ट के माध्यम से यह जानकारी मुहैया करवाने के आदेश दिए थे.
जून 2024 तक पूरा होना था निर्माण कार्य
बता दें कि इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि अभी यह सड़क सिंगल लेन है. इसे डबल लेन करने को केंद्र सरकार ने ₹219 करोड़ की राशि स्वीकृत की है. कोर्ट को बताया गया था कि डबल लेन के लिए अतिरिक्त वन भूमि और निजी भूमि का अधिग्रहण किया जाना बाकी है. वन विभाग की मंजूरी के लिए मामला सक्षम अधिकारी को भेज दिया गया है. कोर्ट को बताया गया था कि इस सड़क निमार्ण कार्य जून 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा.
जनहित में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि तत्तापानी से 27 किलोमीटर और सलापड़ से 31 किलोमीटर सिंगल लेन सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. अभी चार किलोमीटर सड़क को भारी बरसात के कारण पूरा नहीं किया जा सका है. कोर्ट मित्र ने बताया कि हाल ही हुई बरसात के कारण इस सड़क का तीन किलोमीटर हिस्सा बह चुका है, लेकिन विभाग की ओर से इसे ठीक करने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
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