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यहां पिछले 22 सालों से परोसी जा रही है मंडयाली धाम, दूर-दूर से स्वाद चखने आते हैं लोग - MANDYALI DHAM

मंडी में शर्मा ढाबे पर 22 सालों से मंडयाली-धाम परोसी जा रही है. यहां धाम का स्वाद लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.

शर्मा ढाबे पर 22 सालों से परोसी जा रही मंडयाली धाम
शर्मा ढाबे पर 22 सालों से परोसी जा रही मंडयाली धाम (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 6 hours ago

मंडी: पहाड़ी प्रदेश हिमाचल जहां देव संस्कृति, कला, संगीत, रीति रिवाज के लिए पूरे देशभर में जाना जाता है, वहीं यहां के व्यंजनों की भी काफी चर्चा होती है. 12 जिलों में फैले इस प्रदेश में हरेक जिला के अपने खास व्यंजन हैं, जिन्हें शादी समारोह या अन्य खास मौकों पर परोसा जाता है. शादी समारोह और अन्य सामूहिक कार्यक्रमों में मेहमानों को धाम परोसने का रिवाज है.

धाम में लोगों को अलग अलग तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं. हर जिले में धाम को बनाने का अलग अलग तरीका है. मंडयाली धाम, कांगड़ी धाम, बिलासपुरी धाम हिमाचल में काफी प्रसिद्ध हैं. धाम में बनने वाले व्यंजनों को बनाने के लिए खास तरह के बर्तनों का प्रयोग किया जाता है, जिसे बलटोई या चरोसी भी कहते हैं. धाम को नीचे पंगत में बैठ कर टौर के पत्तों पर खाया जाता है, लेकिन आजकल इसकी जगह डिस्पोजेबल पत्तलों ने ले ली है.

शर्मा ढाबे पर 22 सालों से परोसी जा रही मंडयाली धाम (ETV BHARAT)

पीएम मोदी कर चुके हैं जिक्र

पहले धाम सिर्फ विशेष मौकों पर ही परोसी जाती थी, लेकिन अब ये व्यवसायिक भी हो गई है. इस धाम की चर्चा आज हिमाचल ही नहीं लेकिन अन्य राज्यों में भी खूब होती है. यहां तक कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य तमाम बड़े नेता जब भी मंडी आते हैं तो मंडयाली धाम का स्वाद चखना नहीं भूलते हैं. मंडयाली धाम की तो पीएम मोदी खुद कई बार तारीफ कर चुके हैं.

शर्मा ढाबे पर परोसी जा रही धाम
शर्मा ढाबे पर परोसी जा रही धाम (ETV BHARAT)

22 सालों से ढाबे पर परोसी जा रही धाम

शादी समारोह और अन्य खास मौकों पर खाई जाने वाली ये धाम मंडी बस स्टैड के पास भी पिछले 22 सालों से शर्मा ढाबे में परोसी जा रही है. शर्मा ढाबे की इस धाम का स्वाद चखने के लिए रोजाना सैकड़ों लोग पहुंचते हैं. मंडी शहर के ही रमेश शर्मा इस ढाबे को संचालित कर रहे हैं. रमेश शर्मा बताते हैं कि, 'पहले उनके बुजुर्ग मंडयाली धाम बनाते थे, अब उन्होंने परिवार के इस काम को आगे बढ़ाया है. इस मंडयाली धाम को बनाने के लिए प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और इसमे पिसे हुए मसालों की जगह पर खड़े मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही इस धाम को तेल की जगह घी में ही तैयार किया जाता है.'

सेपू बड़ी यहां की मुख्य डिश

शर्मा ढाबे में पिछले 10 सालों से मंडयाली धाम बनाकर लोगों को खिला रहे महेंद्र सिंह ने बताया कि, 'सुबह धाम बनना शुरू हो जाती है, जिसमें मुख्य रूप से 7 सब्जियां मूंग दाल, बदाने का मीट्ठा, खट्टा, सेपू बड़ी, मटर पनीर, राजमाह, माह की दाल और कढ़ी परोसी जाती है.' हिमाचल में मंडी की मंडयाली धाम इसलिए भी ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि इसमें सेपू बड़ी को मुख्य डिश माना जाता है. पीएम भी सेपू बड़ी के स्वाद का जिक्र कर चुके हैं.

पंगत में बैठकर खाई जाती है धाम
पंगत में बैठकर खाई जाती है धाम (ETV BHARAT)

ढाबे पर धाम का आनंद ले रहे सराज के वीरू ठाकुर और चेतराम ने बताया कि जब भी उनका मंडी आना होता है तो इस ढाबे में मंडयाली धाम जरूर खाकर जाते हैं. धाम को शादी समारोह में बोटी(रसोइया) तैयार करता है और परोसता है. हिमाचली धाम को अन्य राज्यों दिल्ली, यूपी, हरियाणा में परोसा जा रहा है.

ये भी पढ़ें: कालका-शिमला ट्रैक पर आज से पर्यटकों के लिए शुरू हुई हॉलीडे स्पेशल ट्रेन, ये रहेगा शेड्यूल और किराया

मंडी: पहाड़ी प्रदेश हिमाचल जहां देव संस्कृति, कला, संगीत, रीति रिवाज के लिए पूरे देशभर में जाना जाता है, वहीं यहां के व्यंजनों की भी काफी चर्चा होती है. 12 जिलों में फैले इस प्रदेश में हरेक जिला के अपने खास व्यंजन हैं, जिन्हें शादी समारोह या अन्य खास मौकों पर परोसा जाता है. शादी समारोह और अन्य सामूहिक कार्यक्रमों में मेहमानों को धाम परोसने का रिवाज है.

धाम में लोगों को अलग अलग तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं. हर जिले में धाम को बनाने का अलग अलग तरीका है. मंडयाली धाम, कांगड़ी धाम, बिलासपुरी धाम हिमाचल में काफी प्रसिद्ध हैं. धाम में बनने वाले व्यंजनों को बनाने के लिए खास तरह के बर्तनों का प्रयोग किया जाता है, जिसे बलटोई या चरोसी भी कहते हैं. धाम को नीचे पंगत में बैठ कर टौर के पत्तों पर खाया जाता है, लेकिन आजकल इसकी जगह डिस्पोजेबल पत्तलों ने ले ली है.

शर्मा ढाबे पर 22 सालों से परोसी जा रही मंडयाली धाम (ETV BHARAT)

पीएम मोदी कर चुके हैं जिक्र

पहले धाम सिर्फ विशेष मौकों पर ही परोसी जाती थी, लेकिन अब ये व्यवसायिक भी हो गई है. इस धाम की चर्चा आज हिमाचल ही नहीं लेकिन अन्य राज्यों में भी खूब होती है. यहां तक कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य तमाम बड़े नेता जब भी मंडी आते हैं तो मंडयाली धाम का स्वाद चखना नहीं भूलते हैं. मंडयाली धाम की तो पीएम मोदी खुद कई बार तारीफ कर चुके हैं.

शर्मा ढाबे पर परोसी जा रही धाम
शर्मा ढाबे पर परोसी जा रही धाम (ETV BHARAT)

22 सालों से ढाबे पर परोसी जा रही धाम

शादी समारोह और अन्य खास मौकों पर खाई जाने वाली ये धाम मंडी बस स्टैड के पास भी पिछले 22 सालों से शर्मा ढाबे में परोसी जा रही है. शर्मा ढाबे की इस धाम का स्वाद चखने के लिए रोजाना सैकड़ों लोग पहुंचते हैं. मंडी शहर के ही रमेश शर्मा इस ढाबे को संचालित कर रहे हैं. रमेश शर्मा बताते हैं कि, 'पहले उनके बुजुर्ग मंडयाली धाम बनाते थे, अब उन्होंने परिवार के इस काम को आगे बढ़ाया है. इस मंडयाली धाम को बनाने के लिए प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और इसमे पिसे हुए मसालों की जगह पर खड़े मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही इस धाम को तेल की जगह घी में ही तैयार किया जाता है.'

सेपू बड़ी यहां की मुख्य डिश

शर्मा ढाबे में पिछले 10 सालों से मंडयाली धाम बनाकर लोगों को खिला रहे महेंद्र सिंह ने बताया कि, 'सुबह धाम बनना शुरू हो जाती है, जिसमें मुख्य रूप से 7 सब्जियां मूंग दाल, बदाने का मीट्ठा, खट्टा, सेपू बड़ी, मटर पनीर, राजमाह, माह की दाल और कढ़ी परोसी जाती है.' हिमाचल में मंडी की मंडयाली धाम इसलिए भी ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि इसमें सेपू बड़ी को मुख्य डिश माना जाता है. पीएम भी सेपू बड़ी के स्वाद का जिक्र कर चुके हैं.

पंगत में बैठकर खाई जाती है धाम
पंगत में बैठकर खाई जाती है धाम (ETV BHARAT)

ढाबे पर धाम का आनंद ले रहे सराज के वीरू ठाकुर और चेतराम ने बताया कि जब भी उनका मंडी आना होता है तो इस ढाबे में मंडयाली धाम जरूर खाकर जाते हैं. धाम को शादी समारोह में बोटी(रसोइया) तैयार करता है और परोसता है. हिमाचली धाम को अन्य राज्यों दिल्ली, यूपी, हरियाणा में परोसा जा रहा है.

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