मंडी: आज का दौर सोशल मीडिया का दौर है. आज के दौर में ज्यादातर लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पर डाली जा रही सामग्री से जहां कई लोग अपनी आदतों को बिगाड़ रहे हैं. वहीं, कुछ लोग इसी सोशल मीडिया से प्रेरित होकर नेकी की राह पर चलकर दुसरों के लिए प्रेरणाा स्त्रोत बन रहें है. सोशल मीडिया से प्रेरित होकर ऐनिमल लवर बनने की ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी की दीक्षा की है.
यूट्यूब वीडियो देखकर बनी एनिमल लवर
24 साल की दीक्षा ने सोशल मीडिया से प्रेरित होकर कई बेजुबान जानवरों को सहारा दिया है. दीक्षा कितनी बड़ी एनिमल लवर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज जब वो सड़कों पर चलती हैं तो शहर के कुत्ते भी उनके साथ-साथ चल पड़ते हैं. दीक्षा मंडी जिले के बल्ह उपमंडल के नेरचौक बाजार की रहने वाली हैं. स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब दीक्षा कॉलेज जाने लगी तो यूटयूब वीडियो देखकर उसे भी बेसहारा और घायल जानवरों की सेवा करने की इच्छा हुई.
बाकियों के लिए प्रेरणा बनी दीक्षा
एक दिन दीक्षा एक कुत्ते के घायल बच्चे को इलाज के लिए घर ले आई और उसे बचा लिया. उसके बाद ये सिलसिला रुका नहीं और ऐसे ही आगे बढ़ता रहा. दीक्षा ने बताया कि अब तक वो 70 से ज्यादा कुत्तों, बिल्लियों, गायों, बैलों और पक्षियों का रेस्क्यू करके उनका इलाज करवा कर ठीक कर चुकी हैं. कहते हैं जब आप नेकी की राह पर चलकर कुछ अच्छा करना चाहते हैं तो कारवां अपने आप ही आपके साथ जुड़ना शुरू हो जाता है. दीक्षा का बेसहारा जानवरों के प्रति प्यार देखकर पड़ोसी भी उसके इस नेक काम के मुरीद हो गए और दीक्षा के साथ इस काम में आगे आए.
एनिमल लवर दीक्षा ने बताया, "पड़ोस वाली पार्वती आंटी ने अपने घर का एक फ्लोर इन जानवरों की देखरेख के लिए दे रखा है. वे खुद, उनकी बेटी आयुषी सहित परिवार के अन्य लोग भी इस काम में पूरी मदद कर रहे हैं. वेटनरी विभाग के डॉ. नरेश दवाइयां और मलहम पट्टी मुहैया करवाने के अलावा घायल जानवरों का इलाज करने में भी पूरी मदद करते हैं. इसके अलावा कहीं से कोई मदद नहीं लेती हैं. घरवालों से पैसे मांगकर और अपनी पॉकेट मनी से इन जानवरों की देखभाल कर रही हैं. मुझे किसी से पैसे चाहिए भी नहीं. अगर कोई मदद करना चाहता है तो पशुओं के लिए चारा और कुत्तों के लिए डॉग फीड व दवाइयां आदि छोड़ दिया करें, इससे ज्यादा कुछ और नहीं चाहिए."
5 सालों से जानवरों की सेवा कर रही दीक्षा की दोस्त
दीक्षा के साथ इस काम में हाथ बंटाने वाली उनकी फ्रेंड आयुषी भी बीते 5 सालों से निष्काम भाव से जानवरों की मदद कर रही है. रोजाना अपने घर पर घायल जानवरों की देखभाल करना और उन्हें खाना खिलाने से लेकर उनकी पूरी देखभाल करना आयुषी की दिनचर्या बन गई है. आयुषी भावुक होते हुए एक किस्सा सुनाती है, "कुछ समय पहले आस-पड़ोस के कुछ लोगों ने कुत्तों के बच्चों को धीमा जहर देकर मारा था और यह घटना मेरे लिए बहुत दुखदायी थी. अगर आप किसी जानवर को जिंदगी नहीं दे सकते तो उसे मारो भी मत, हमारे पास दे दो, हम उसकी देखभाल करेंगे."
पार्वती देवी ने जताया डॉ. नरेश का आभार
दीक्षा के बेसहारा जानवरों को अपने घर पर पनाह देने वाली पार्वती देवी ने बताया कि पहले वे कुत्तों और जानवरों से दूर रहती थी, लेकिन अब इनके बिना रहा नहीं जाता. एनिमल लवर पार्वती देवी ने कहा, "घायल जानवरों की मदद किए बिना आराम नहीं मिलता. इस काम में सबसे ज्यादा मदद वेटनरी विभाग के डॉ. नरेश करते हैं. डॉ. नरेश को मैं भगवान का दर्जा देती हूं. आज तक मैं जितने भी जानवरों की मदद कर पाई हूं, वो डॉ. नरेश की मदद के कारण संभव हो पाया है. वो जानवरों की मदद के लिए दिन-रात तैयार रहते हैं."