जयपुर. विधानसभा का बजट सत्र 3 जुलाई यानी बुधवार से शुरू होने जा रहा है. विपक्ष की तैयारियों को देखते हुए ये साफ दिख रहा है इस बार भी सत्र हंगामेदार रहने वाला है. विपक्ष की तैयारियों के बीच मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी विधायक दल की बैठक बुलाई, जिनमे विधानसभा सत्र को रणनीति बनेगी. किस तरह से विपक्ष के सवालों के मजबूती के साथ जवाब देना है, विपक्ष के हंगामे की स्थिति में सत्ता पक्ष किस तरह से जवाब दे, इन सब को लेकर विधायक दल की बैठक में रणनीति बनेगी.
विपक्ष के सवालों का सामना करने की रणनीति : भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं विधायक जितेंद्र गोठवाल ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही 3 जुलाई से शुरु होगी. वहीं मुख्यमंत्री निवास पर आज विधायक दल की बैठक आयोजित की जाएगी. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश की जनता से जुड़ा हुआ बजट पेश किया जाएगा, वहीं विपक्ष की ओर लगाए गए सवालों के जवाब भी कैबिनेट के मंत्रियों की ओर से तैयार करवाए गए हैं. भाजपा की सरकार बनने के बाद सदन में पिछली विधानसभा के लंबित सवालों के जवाब भी 3 माह के दौरान पेश करने के लिए पाबंद किया गया है. ऐसे में वर्तमान में सदन में लगाए गए सभी सवालों को जवाब समय पर लगाए जाएंगे.
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गोठवाल ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विपक्ष की ओर से सदन की कार्यवाही नहीं चलने के बयान जारी कर रहे हैं. ऐसे में उनके बयान से यह प्रतीत होता है कि उनके पास सदन में चर्चा के लिए कोई विषय नहीं है. विपक्ष लोकतंत्र के मंदिर में इस संकीर्ण सोच के साथ जाएगा तो जनता से जुडे़ मुद्दे गौण हो जाएंगे. भाजपा जनता के मुद्दों पर बहस करने के लिए सदैव तैयार है.
7 महीने अभूतपूर्व लिए जनहित के फैसले :जितेंद्र गोठवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने 7 माह के कार्यकाल में ऐसे जनहित के कई फैसले कर दिए, जिन्हें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अटकाने का कार्य किया. भाजपा की ओर से विधानसभा चुनावों में जनता से किए वादों में से करीबन 50 फीसदी वादें भजनलाल सरकार ने इस अल्पकाल में पूरा करने का काम किया है. कांग्रेसी नेता भूल गए कि उनकी सरकार के कार्यकाल में पेपर लीक कर प्रदेश के 70 लाख युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया. महिलाओं पर अत्याचार के मामले में प्रदेश को देश में पहले नंबर पर पहुंचा दिया. किसानों के साथ संपूर्ण कर्ज माफी का वादा कर उनकी जमीनें नीलाम करने का काम किया.
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गोठवाल ने कहा कि भजनलाल सरकार ने सत्ता में आते ही पेपरलीक माफियाओं पर नकेल कंसने के लिए एसआईटी का गठन किया और 100 से अधिक पेपर माफियाओं को सलाखों के पीछे पहुंचाया. कांग्रेस सरकार के राज में हर भर्ती कोर्ट में गई, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उन भर्तियों पर कार्य करते हुए चयनितों को नियुक्ति पत्र देने का काम किया. भाजपा की भजनलाल सरकार के कार्यों को देखने के बाद विपक्ष के पास चर्चा के लिए कोई विषय बचा ही नहीं, ऐसे में वे बिना सार्थक सवाल के सदन की कार्यवाही को प्रभावित करेंगे.