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अंग्रेजी स्कूलों की समीक्षा के लिए बनाई कमेटी पर भड़के डोटासरा, कहा-सरकार की मंशा निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने की - DOTASRA ON SCHOOL REVIEW COMMITTEE

पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समेत खोले गए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा के लिए कमेटी गठन करने पर डोटासरा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

Govind Singh Dotasra
गोविंद सिंह डोटासरा (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 3, 2025, 7:41 PM IST

जयपुर: पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के समय की एक और योजना की भजनलाल शर्मा सरकार ने समीक्षा करवाने का फैसला किया है. अब सरकार ने कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया है. इस पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि सरकार का विजन प्रदेश को पीछे धकेलने और निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने का है.

कमजोर, शोषित, पीड़ित बराबरी न कर ले: सरकार के फैसले के बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने X पर बयान जारी कर कहा, 'भाजपा नेताओं को तकलीफ इस बात से है कि कमजोर, शोषित और पीड़ितों के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करके कहीं इनकी बराबरी न कर लें. भाजपा सरकार द्वारा अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के रूपांतरण की समीक्षा के लिए कमेटी बनाने का निर्णय दर्शाता है कि इनका विजन प्रदेश को पीछे धकेलने एवं निजी अंग्रेजी स्कूलों को लाभ पहुंचाने का है.

पढ़ें: अंग्रेजी मीडिया स्कूल को लेकर कांग्रेस ने खोला मोर्चा तो बीजेपी ने कहा-हमारी सरकार बेहतर लागू करेगी - BJP counterattack on Congress

कमेटी में न शिक्षाविद और न ही विशेषज्ञ: उन्होंने कहा, भाजपा सरकार नहीं चाहती कि गरीब-मध्यम वर्ग और अभावग्रस्त तबके के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करे. जबकि भाजपा नेताओं के बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूलों और विदेशों में पढ़ते हैं. सरकार द्वारा गठित समीक्षा कमेटी राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित एवं पूर्वाग्रही प्रतीत होती है. चार सदस्यीय कमेटी में न तो कोई शिक्षाविद है और न ही कोई विशेषज्ञ, कमेटी में सिर्फ सरकार के मंत्री हैं. प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है, शिक्षा मंत्री से लेकर इनके नेता अंग्रेजी माध्यम स्कूलों पर ताला लगाने की तरफदारी कर रहे हैं.

पढ़ें: मदन दिलावर बोले- अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने टीचर नहीं लगाकर किया पाप - MINISTER MADAN DILAWAR

जनविरोधी फैसला किया, तो ईंट से ईंट बजा देंगे: डोटासरा ने कहा, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने शिक्षा में क्रांतिकारी निर्णय करते हुए हर वर्ग के बच्चों के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले. आज प्रदेश में 3700 से ज्यादा सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में हर वर्ग के लाखों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. भाजपा सरकार ने समीक्षा के नाम अगर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को लेकर कोई भी जनविरोधी निर्णय किया तो ईंट से ईंट बजा देंगे, कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी.

पढ़ें: इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षकों के चयन प्रक्रिया को लेकर बोले डोटासरा- अपने चहेतों को फायदा देने की कोशिश - CONGRESS TARGETS BJP

मानसरोवर में खुला था पहला अंग्रेजी स्कूल: बता देंग कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में शिक्षा मंत्री रहते गोविंद सिंह डोटासरा ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का ऐलान किया था. 6 जून, 2019 को जयपुर के मानसरोवर में पहला अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला गया. इसकी सफलता को देखते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के सभी 33 जिला मुख्यालय पर एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का निर्णय किया. फिलहाल, राजस्थान में 3737 अंग्रेजी स्कूल संचालित हैं. जिनमें 7.21 लाख छात्र-छात्राएं तालीम ले रहे हैं. इन स्कूलों में पढ़ने वाले 70 फीसद छात्र-छात्राएं ऐसे हैं, जिन्होंने प्राइवेट स्कूल छोड़कर यहां दाखिला लिया है.

जयपुर: पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के समय की एक और योजना की भजनलाल शर्मा सरकार ने समीक्षा करवाने का फैसला किया है. अब सरकार ने कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया है. इस पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि सरकार का विजन प्रदेश को पीछे धकेलने और निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने का है.

कमजोर, शोषित, पीड़ित बराबरी न कर ले: सरकार के फैसले के बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने X पर बयान जारी कर कहा, 'भाजपा नेताओं को तकलीफ इस बात से है कि कमजोर, शोषित और पीड़ितों के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करके कहीं इनकी बराबरी न कर लें. भाजपा सरकार द्वारा अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के रूपांतरण की समीक्षा के लिए कमेटी बनाने का निर्णय दर्शाता है कि इनका विजन प्रदेश को पीछे धकेलने एवं निजी अंग्रेजी स्कूलों को लाभ पहुंचाने का है.

पढ़ें: अंग्रेजी मीडिया स्कूल को लेकर कांग्रेस ने खोला मोर्चा तो बीजेपी ने कहा-हमारी सरकार बेहतर लागू करेगी - BJP counterattack on Congress

कमेटी में न शिक्षाविद और न ही विशेषज्ञ: उन्होंने कहा, भाजपा सरकार नहीं चाहती कि गरीब-मध्यम वर्ग और अभावग्रस्त तबके के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करे. जबकि भाजपा नेताओं के बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूलों और विदेशों में पढ़ते हैं. सरकार द्वारा गठित समीक्षा कमेटी राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित एवं पूर्वाग्रही प्रतीत होती है. चार सदस्यीय कमेटी में न तो कोई शिक्षाविद है और न ही कोई विशेषज्ञ, कमेटी में सिर्फ सरकार के मंत्री हैं. प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है, शिक्षा मंत्री से लेकर इनके नेता अंग्रेजी माध्यम स्कूलों पर ताला लगाने की तरफदारी कर रहे हैं.

पढ़ें: मदन दिलावर बोले- अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने टीचर नहीं लगाकर किया पाप - MINISTER MADAN DILAWAR

जनविरोधी फैसला किया, तो ईंट से ईंट बजा देंगे: डोटासरा ने कहा, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने शिक्षा में क्रांतिकारी निर्णय करते हुए हर वर्ग के बच्चों के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले. आज प्रदेश में 3700 से ज्यादा सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में हर वर्ग के लाखों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. भाजपा सरकार ने समीक्षा के नाम अगर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को लेकर कोई भी जनविरोधी निर्णय किया तो ईंट से ईंट बजा देंगे, कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में जन आंदोलन करेगी.

पढ़ें: इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षकों के चयन प्रक्रिया को लेकर बोले डोटासरा- अपने चहेतों को फायदा देने की कोशिश - CONGRESS TARGETS BJP

मानसरोवर में खुला था पहला अंग्रेजी स्कूल: बता देंग कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में शिक्षा मंत्री रहते गोविंद सिंह डोटासरा ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का ऐलान किया था. 6 जून, 2019 को जयपुर के मानसरोवर में पहला अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला गया. इसकी सफलता को देखते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के सभी 33 जिला मुख्यालय पर एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का निर्णय किया. फिलहाल, राजस्थान में 3737 अंग्रेजी स्कूल संचालित हैं. जिनमें 7.21 लाख छात्र-छात्राएं तालीम ले रहे हैं. इन स्कूलों में पढ़ने वाले 70 फीसद छात्र-छात्राएं ऐसे हैं, जिन्होंने प्राइवेट स्कूल छोड़कर यहां दाखिला लिया है.

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