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समरावता हिंसा प्रकरण में 38 आरोपियों को हाईकोर्ट से मिली जमानत - RAJASTHAN HIGH COURT

समरावता हिंसा मामले में गिरफ्तार 38 आरोपियों को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

HIGH COURT ORDERS,  38 ACCUSED ON BAIL
राजस्थान हाईकोर्ट . (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 3, 2025, 7:33 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने देवली-उनियारा विधानसभा सीट के उप चुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा और एसडीएम के बीच हुए विवाद के बाद समरावता में हुई हिंसा के मामले में 38 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश बलराम व अन्य की ओर से दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

जमानत याचिकाओं में अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा, महेन्द्र शांडिल्य और कपिल गुप्ता सहित अन्य ने बताया कि याचिकाकर्ता स्थानीय निवासियों को राजनीतिक द्वेषता के चलते मामले में फंसाया है. प्रकरण में एक व्यक्ति के हाथ में फैक्चर आया है, जबकि याचिकाकर्ताओं पर हत्या का प्रयास की धारा लगाई गई है. ऐसे में प्रकरण सिर्फ मारपीट का ही बनता है. वहीं, एफआईआर में याचिकाकर्ताओं पर स्पष्टत: कोई आरोप नहीं लगाए गए हैं. याचिकाकर्ता गत नवंबर माह से जेल में बंद हैं और जांच पूरी होकर ट्रायल समाप्त होने में लंबा समय लगेगा, इसलिए उन्हें जमानत का लाभ दिया जाए.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने भर्ती परीक्षा में नकल कराने से जुडे़ मामले में आरोपियों को दी जमानत

इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि आरोपियों ने एक राय होकर हिंसा की है और वे आगजनी के आरोपी भी हैं, यदि उन्हें जमानत दी गई तो वे साक्ष्य को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में उनकी जमानत याचिकाओं को रद्द किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ताओं को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि गत 13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मारा था. वहीं, बाद में नरेश मीणा को हिरासत में लेने के दौरान उसके समर्थकों ने प्रदर्शन और आगजनी की थी. इसके बाद नगरफोर्ट थाना पुलिस ने याचिकाकर्ताओं सहित दर्जनों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने देवली-उनियारा विधानसभा सीट के उप चुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा और एसडीएम के बीच हुए विवाद के बाद समरावता में हुई हिंसा के मामले में 38 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश बलराम व अन्य की ओर से दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

जमानत याचिकाओं में अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा, महेन्द्र शांडिल्य और कपिल गुप्ता सहित अन्य ने बताया कि याचिकाकर्ता स्थानीय निवासियों को राजनीतिक द्वेषता के चलते मामले में फंसाया है. प्रकरण में एक व्यक्ति के हाथ में फैक्चर आया है, जबकि याचिकाकर्ताओं पर हत्या का प्रयास की धारा लगाई गई है. ऐसे में प्रकरण सिर्फ मारपीट का ही बनता है. वहीं, एफआईआर में याचिकाकर्ताओं पर स्पष्टत: कोई आरोप नहीं लगाए गए हैं. याचिकाकर्ता गत नवंबर माह से जेल में बंद हैं और जांच पूरी होकर ट्रायल समाप्त होने में लंबा समय लगेगा, इसलिए उन्हें जमानत का लाभ दिया जाए.

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इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि आरोपियों ने एक राय होकर हिंसा की है और वे आगजनी के आरोपी भी हैं, यदि उन्हें जमानत दी गई तो वे साक्ष्य को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में उनकी जमानत याचिकाओं को रद्द किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ताओं को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि गत 13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मारा था. वहीं, बाद में नरेश मीणा को हिरासत में लेने के दौरान उसके समर्थकों ने प्रदर्शन और आगजनी की थी. इसके बाद नगरफोर्ट थाना पुलिस ने याचिकाकर्ताओं सहित दर्जनों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

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