हमारे बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि सेहत भगवान का दिया हुआ बहुत बड़ा वरदान है. अच्छा स्वास्थ्य जीवन का सबसे बड़ा धन होता है. इस अनमोल खजाने को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है. हम सब को पता है कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यायाम जरूरी होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि अच्छी सेहत के लिए हमारा हेल्दी खान-पान भी उतना ही जरूरी है. एक्सरसाइज से फिजिकल हेल्थ और मेंटल हेल्थ में सुधार होता है. कोरोना काल के बाद ज्यादातर लोगों में व्यायाम को लेकर जागरूकता बढ़ी है. आजकल लोग मॉर्निंग वॉकिंग, जॉगिंग, योगा और जिम वर्कआउट कर रहे हैं. लेकिन, क्या आपको पता है पैदल चलना भी एक आसान और बेहद फायदेमंद एक्सरसाइज है.
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह एक कार्डियो एक्सरसाइज है जो फिजिकल हेल्थ और मेंटल हेल्थ के लिए लाभकारी होता है. पैदल चलने के लिए किसी उपकरण या महंगे कपड़ों की जरूरत नहीं होती. इसे आप कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं. वजन घटाने के लिए वॉकिंग सबसे अच्छा ऑप्शन है. डायबिटीज और बीपी के मरीजों को भी वॉकिंग करने से फायदा मिलता है. ऐसे में इस खबर के माध्यम से जाने कि उम्र के हिसाब से पैदल चलना कितना जरूरी है और उम्र के हिसाब से रोज कितना पैदल चलना चाहिए...
Howdy Health की एक रिपोर्ट के मुताबिक जानें उम्र के हिसाब से रोज कितना पैदल चलना चाहिए..
18-30 साल की उम्र
इस एज ग्रुप के लोग युवा होते हैं और बेहद एक्टिव होते हैं. युवाओं की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं. इसलिए, विशेषज्ञों का मानना है कि इस उम्र के लोगों को एक घंटे तक चलना चाहिए, इस एज ग्रुप के लोगों के तेज गति में चलने कि सलाह दी जाती है. यदि इस उम्र के लोग 30 मिनट तक धीरे-धीरे चलते हैं, तो उन्हें अगले तीस मिनट तक तेज गति से चलने की सलाह दी जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह चलने से वेट कंट्रोल में रहता है. इससे तनाव कम होता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है. ऐसा करने से हार्ट डिजीज की संभावना भी कम हो जाती है. खासतौर पर जो लोग ऑफिस में लंबे समय तक बैठे रहते हैं उनके लिए पैदल चलना ही एक बेहतर एक्सरसाइज है.
31-50 साल की उम्र
यह आयु वर्ग मध्यम आयु वर्ग है. इस एज ग्रुप के लोग युवाओं के मुकाबले उतना एक्टिव नहीं होते हैं. इसलिए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस उम्र के लोगों को दिन में 30 से 45 मिनट तक पैदल चलना चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह चलने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पुरानी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. इस आयु वर्ग के कई लोग तनाव से पीड़ित होते हैं. ऐसे लोगों के लिए पैदल चलना सबसे अच्छा विकल्प है. विशेषज्ञों का कहना है कि दिन में 30-45 मिनट पैदल चलने से तनाव कम हो सकता है और आप मानसिक रूप से हेल्दी रह सकते हैं.
उम्र 51-65 साल
विशेषज्ञों का कहना है कि इस इस एज ग्रुप के लोग ज्यादा एक्टिव नहीं होते हैं. ऐसे में अगर वे दिन में 30 से 40 मिनट पैदल चलते हैं, तो यह उनके लिए काफी है. इस आयु वर्ग के लोगों के शरीर में बदलाव, मांसपेशियों में कमजोरी और पाचन तंत्र धीमा हो जाता है. इसलिए विशेषज्ञ का कहना है कि इस एज ग्रुप के लोग पैदल चलने का व्यायाम जरूर करें. पैदल चलने से हड्डियां और जोड़ मजबूत होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि पैदल चलने से पहले वार्म अप करें और चलने के बाद कूल डाउन एक्सरसाइज करें.
उम्र 66-75 साल
इस एज ग्रुप के लोगों में ताकत अपने आप कम हो जाती है. मांसपेशियां बहुत कमजोर हो जाती हैं. ऐसे लोगों को बीमारियां होने का खतरा अधिक होता है. इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस आयु वर्ग के लोग रोजाना 20 से 30 मिनट तक पैदल चलते हैं, तो यह उनके लिए बेहद फायदेमंद होगा. विशेषज्ञों का कहना है कि रोजाना पैदल चलना हार्ट डिजीज के खतरे को कम करता है. इस आयु वर्ग में भूलने की बीमारी होने की संभावना रहती है. विशेषज्ञों का कहना है कि पैदल चलने से भूलने की बीमारी कम होती है और याददाश्त बढ़ती है. हालांकि, जोड़ों के दर्द और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को सुबह 15 मिनट और शाम को 15 मिनट ही टहलना की सलाह दी जाती है.
75 वर्ष से अधिक आयु
इस एज ग्रुप के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है. इससे उन्हें कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस आयु वर्ग के लोग दिन में 15 से 20 मिनट भी चलें, भले ही धीमी गति से चलें, तो जोड़ और मांसपेशियां स्वस्थ रहेंगी. इस तरह चलने से दिल की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है. अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही वॉक करें.
(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)