प्रयागराजः महाकुंभ में देश-दुनिया से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. सबसे बड़े स्नान मौनी अमावस्या पर ही 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. इसको देखते हुए सरकार अलर्ट मोड पर है. सुरक्षा, स्वास्थ्य, अग्निशमन सेवाओं को भी किसी भी आपात स्थित से निपटने के लिए तैयार किया गया है. महाकुंभ में मुख्य स्नान पर्व के दिन सबसे बड़ी समस्या फ्री मूवमेंट की होती है. भीड़ इतनी होती है कि रास्तों पर वाहन नहीं चल सकते. ऐसे में अगर कोई आकस्मिक स्वाथ्य समस्या आ जाए ताे अस्पताल शहर के अंदर मेला क्षेत्र से 10 से 25 किलोमीटर के दायरे में हैं. ऐसे में गंभीर व्यक्ति को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना सबसे बड़ा चैलेंज है. इसको देखते हुए प्रयागराज मेला विकास प्राधिकरण ने 25 सेक्टरों और 25 किलोमीटर के दायरे में बसे महाकुंभ क्षेत्र में हर सेक्टर में मेडिकल हेल्प डेस्क और मोबाइल यूनिट की सुविधा दी गई है. अगर किसी को किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी आती है तो उसे चंद मिनट के अंदर संबंधित सेक्टर में ही इलाज की सुविधा मिल जाएगी.
ग्राउंड में सबसे बड़ा अस्पताल परेड, हर तरह का होगा इलाज
महाकुंभ में आने वाली संभावित भीड़ को देखते महाकुंभ में स्थापित किए गए अस्पतालों में ओपीडी, ऑपरेशन, भर्ती करने और सर्जरी का भी इंतजाम किया गया है. 400 चिकित्सकों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है. महाकुंभ का सबसे बड़ा अस्पताल परेडग्राउंड में स्थित है. परेड ग्राउंड से ही होकर श्रद्धालु शहर की तरफ से संगम के लिए जाते हैं. इस केंद्रीय अस्पताल में ओपीडी, सर्जरी, महिलाओं और बच्चों के वार्ड बनाए गए हैं. सीएमएस डॉ. मनोज कौशिक ने बताया कि यह देश का पहला एआई बेस्ड 100 बेड का अस्पताल है. 36 स्टाफ नर्स व 15 वार्ड ब्वाय भी तैनात किए गए हैं. यहां 36 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है. अस्पताल में हर तरह की खून की जांच, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, आंखों की जांच की सुविधा दी गई है. सीएमएस ने बताया कि इसके अलावा आकस्मिक सेवा के लिए 43 अस्थाई अस्पताल भी बनाए गए हैं. इनमें भी लगभग 400 बेड सुरक्षित रखे गए हैं. शहर के प्राइवेट अस्पतालों को भी जोड़ा गया है. उनमें भी आकस्मिक घटना होने पर 3000 बेड सुरक्षित रखे गए हैं.