ETV Bharat / state

यूपी में बनेगा देश का पहला हिंदी साहित्य म्यूजियम; साहित्यकारों का जीवन-दर्शन, किताबें-तस्वीरें और दुर्लभ पांडुलिपियां... सबकुछ एक जगह - HINDI SAHITYA BHASHA MUSEUM

बनारस में 31 करोड़ रुपए से बनाया जाएगा हिंदी संग्रहालय, संरक्षित की जाएंगी साहित्यकारों-लेखकों की पहचान और विरासत

ETV Bharat
वाराणसी में बनने जा रहा देश का पहला हिंदी साहित्य भाषा म्यूजियम (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 22, 2025, 1:01 PM IST

Updated : Jan 25, 2025, 6:57 PM IST

वाराणसी : धर्मानगरी काशी में पहली बार हिंदी संग्रहालय बनने जा रहा है, जहां पर हिंदी से जुड़े हुए बड़े साहित्यकारों की यादों, उनके दस्तावेजों को संरक्षित रखने का काम किया जाएगा. बता दे कि, वाराणसी को धर्म, आध्यात्म के साथ साहित्य और विद्या का भी शहर कहा जाता है. यहां के कई बड़े साहित्यकारों ने हिंदी को एक नया मुकाम दिया है. इसी क्रम में पहली बार यहां पर हिंदी साहित्य को सुरक्षित रखने के लिए हिंदी भाषा का म्यूजियम बनाया जाएगा, जिसकी शासन से मंजूरी भी मिल गई है.

म्यूजियम बनारस के पुलिस लाइन स्थित हिंदी भाषा के कार्यालय के समीप बनाया जाएगा. जिसकी कुल कीमत 31 करोड़ रुपए होगी. जल्द ही इसे तैयार करने का काम शुरू हो जाएगा. इस बारे में राज्य हिंदी संस्थान की निदेशक चंदन बताती हैं कि, यह हिंदी संग्रहालय एक भाषा को समर्पित देश का पहला म्यूजियम होगा, जिसमें हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार उनकी पुस्तक तस्वीर दुर्लभ पांडुलिपियों दस्तावेजों को संरक्षित रखा जाएगा.

बनारस में बनाया जाएगा हिंदी संग्रहालय (Video Credit; ETV Bharat)

ये होंगी सुविधाएं : म्यूजियम में एक एमपी थियेटर और ऑडिटोरियम भी होगा. जिसमें साहित्यकारों के जीवन से जुड़ी रचनाओं को समझाया जाएगा और अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस म्यूजियम में हिंदी साहित्य से जुड़े दिग्गजों को लेकर गैलरी होगी, जिसमें उनकी प्रतिमाएं और पेंटिंग लगाई जाएगी. और उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण किताबें को रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि, इसके बन जाने का सबसे बड़ा फायदा आम जनमानस के साथ हिंदी साहित्य प्रेमियों को मिलेगा, उन्हें पुराने साहित्यकारों की पुस्तक व जानकारी के लिए यहां वहां दौड़ना नहीं पड़ेगा.

10 करोड़ का बजट पास : संस्थान निदेशक चंदन बताती हैं कि हिंदी साहित्य भाषा म्यूजियम के लिए सरकार से पहले ही स्वीकृति मिल गई थी. डिजाइन को भी स्वीकृत कर लिया गया है. इसको लेकर के बीते 24 सितंबर को शासन के साथ बैठक भी हुई थी, जिसमें इंटीरियर डिजाइनिंग की प्रक्रिया चल रही है. इसकी रिपोर्ट सबमिट करने के साथ 10 करोड़ का बजट जारी हो जाएगा और काम की शुरुआत हो जाएगी. जी हां बनारस एक ऐसा शहर है जहां से भारतेंदु हरिश्चंद्र से लगायत मुंशी प्रेमचंद जैसे दिग्गज साहित्यकार हुए और उन्होंने बनारस की यह पहचान बनाई, इस म्यूजियम के बन जाने से उनकी पहचान और विरासत सुरक्षित होगी जो कहीं ना कहीं देख रेख के आभाव में गुमनाम होती नजर आ रही है.

यह भी पढ़ें : नरसापुर से बनारस के लिए चलेगी कुंभ स्पेशल ट्रेन, यहां देखें समय

वाराणसी : धर्मानगरी काशी में पहली बार हिंदी संग्रहालय बनने जा रहा है, जहां पर हिंदी से जुड़े हुए बड़े साहित्यकारों की यादों, उनके दस्तावेजों को संरक्षित रखने का काम किया जाएगा. बता दे कि, वाराणसी को धर्म, आध्यात्म के साथ साहित्य और विद्या का भी शहर कहा जाता है. यहां के कई बड़े साहित्यकारों ने हिंदी को एक नया मुकाम दिया है. इसी क्रम में पहली बार यहां पर हिंदी साहित्य को सुरक्षित रखने के लिए हिंदी भाषा का म्यूजियम बनाया जाएगा, जिसकी शासन से मंजूरी भी मिल गई है.

म्यूजियम बनारस के पुलिस लाइन स्थित हिंदी भाषा के कार्यालय के समीप बनाया जाएगा. जिसकी कुल कीमत 31 करोड़ रुपए होगी. जल्द ही इसे तैयार करने का काम शुरू हो जाएगा. इस बारे में राज्य हिंदी संस्थान की निदेशक चंदन बताती हैं कि, यह हिंदी संग्रहालय एक भाषा को समर्पित देश का पहला म्यूजियम होगा, जिसमें हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार उनकी पुस्तक तस्वीर दुर्लभ पांडुलिपियों दस्तावेजों को संरक्षित रखा जाएगा.

बनारस में बनाया जाएगा हिंदी संग्रहालय (Video Credit; ETV Bharat)

ये होंगी सुविधाएं : म्यूजियम में एक एमपी थियेटर और ऑडिटोरियम भी होगा. जिसमें साहित्यकारों के जीवन से जुड़ी रचनाओं को समझाया जाएगा और अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस म्यूजियम में हिंदी साहित्य से जुड़े दिग्गजों को लेकर गैलरी होगी, जिसमें उनकी प्रतिमाएं और पेंटिंग लगाई जाएगी. और उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण किताबें को रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि, इसके बन जाने का सबसे बड़ा फायदा आम जनमानस के साथ हिंदी साहित्य प्रेमियों को मिलेगा, उन्हें पुराने साहित्यकारों की पुस्तक व जानकारी के लिए यहां वहां दौड़ना नहीं पड़ेगा.

10 करोड़ का बजट पास : संस्थान निदेशक चंदन बताती हैं कि हिंदी साहित्य भाषा म्यूजियम के लिए सरकार से पहले ही स्वीकृति मिल गई थी. डिजाइन को भी स्वीकृत कर लिया गया है. इसको लेकर के बीते 24 सितंबर को शासन के साथ बैठक भी हुई थी, जिसमें इंटीरियर डिजाइनिंग की प्रक्रिया चल रही है. इसकी रिपोर्ट सबमिट करने के साथ 10 करोड़ का बजट जारी हो जाएगा और काम की शुरुआत हो जाएगी. जी हां बनारस एक ऐसा शहर है जहां से भारतेंदु हरिश्चंद्र से लगायत मुंशी प्रेमचंद जैसे दिग्गज साहित्यकार हुए और उन्होंने बनारस की यह पहचान बनाई, इस म्यूजियम के बन जाने से उनकी पहचान और विरासत सुरक्षित होगी जो कहीं ना कहीं देख रेख के आभाव में गुमनाम होती नजर आ रही है.

यह भी पढ़ें : नरसापुर से बनारस के लिए चलेगी कुंभ स्पेशल ट्रेन, यहां देखें समय

Last Updated : Jan 25, 2025, 6:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.