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बिहार सहित पूरे देश में आंदोलन के मूड में है यह बीमा कंपनी, LIC जैसा वेतन की मांग - Insurance Company Protest

SCST Employees Welfare Association: अखिल भारतीय साधारण बीमा कंपनी बिहार सहित पूरे देश में आंदोलन करेगी. कंपनी के कर्मचारियों की मांग है कि LIC के कर्मचारी की तरह वेतन दिया जाए और एससी-एसटी कर्मियों के साथ भेदभाव बंद किया जाए. पढ़ें पूरी खबर.

अखिल भारतीय साधारण बीमा कंपनी की बैठक
अखिल भारतीय साधारण बीमा कंपनी की बैठक (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 30, 2024, 8:26 AM IST

अखिल भारतीय साधारण बीमा कंपनी की बैठक (ETV Bharat)

पटनाःअखिल भारतीय साधारण बीमा कंपनी बिहार सहित पूरे देश में आंदोलन के मूड में है. राजधानी पटना में गुरुवार को एससी-एसटी कर्मचारी कल्याण संघ की ओर से बैठक में इसका फैसला किया गया. 2022 से वेतन में बढ़ोतरी नहीं होने के साथ-साथ कई मुद्दों पर चर्चा की गयी. मुंबई से पटना पहुंचे राष्ट्रीय महासचिव सोपन पवार ने कहा कि लंबित मांगों को अगर पूरा नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

40 हजार कर्मियों का वेतन नहीं बढ़ाः सोपन पवार ने बताया किपूरे देश में इस बीमा कंपनी के 40 हजार कर्मचारी हैं. 2022 से ही वेतन संशोधन के मुद्दों पर आवाज उठा रहे हैं. कहा कि पूरे देश में सभी कर्मचारी काम कर रहे हैं लेकिन 4 साल से वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. नए कर्मियों की वेतन हम लोगों से अधिक दी जा रही है.

"लोकसभा में इस मुद्दे को उठाने के लिए भी विपक्ष के नेताओं को बाध्य किया जाएगा. राहुल गांधी का भी दरवाजा खटखटाने का काम किया जाएगा. पूरे देश में लगभग 40 हजार कर्मचारी जिनका 4 साल से वेतन नहीं बढ़ा है. हमलोगों को एलआईसी की तरह वेतन मिलना चाहिए."-सोपन पवार, राष्ट्रीय महासचिव, एससी-एसटी कर्मचारी कल्याण संघ

एलआईसी की तरह मिले वेतनः सोपन पवार ने बताया कि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, दी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड हम सभी की मांग है कि समकक्ष बीमा कंपनी एलआईसी की तर्ज पर कर्मियों की वेतन में बढ़ोतरी की जाए. ऐसा नहीं किया गया तो पूरे देश में आंदोलन किया जाएगा.

संसद उठेगा मुद्दाः एससी एसटी वर्ग के साथ कर्मचारियों के भेदभाव को बंद करने की मांग की है. सोपन पवार ने कहा कि आज हम लोगों ने ऐलान कर दिया है कि इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे. संसद में भी आवाज उठाने के लिए इस मुद्दे पर वाध्य करेंगे. अगर फिर भी कुछ नहीं होता है तो केंद्रीय कमेटी के मेंबर तय करेंगे कि अब आखरी रास्ता क्या होगा?

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