श्रीनगर (उत्तराखंड): टिहरी कीर्तिनगर के ग्राम पंचायत रानीहाट के जगत विहार खेल मैदान में एक अनूठी पहल देखने को मिली. जहां 40 साल से अधिक उम्र की ग्रामीण महिलाएं अपने रोजमर्रा के घरेलू कार्यों से निकलकर वॉलीबॉल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए मैदान में उतरी. इस पहल ने यह साबित कर दिया कि खेलों के प्रति जुनून और आत्मविश्वास उम्र की सीमा में बंधे नहीं होते. वॉलीबॉल प्रतियोगिता में महिलाओं ने शानदार प्रदर्शन किया. वहीं लोगों ने महिलाओं के बेहतर प्रदर्शन की जमकर तारीफ की.
बिलकेदार की टीम ने मारी बाजी:प्रतियोगिता के फाइनल में बिलकेदार की टीम ने श्रीनगर लायन को रोमांचक मुकाबले में हराकर खिताब अपने नाम किया. तीसरे और निर्णायक सेट में बिलकेदार की टीम ने 15-10 से शानदार जीत दर्ज कर चैंपियनशिप ट्रॉफी पर कब्जा जमाया.
टिहरी कीर्तिनगर में महिला वॉलीबॉल प्रतियोगिता का आयोजन (Video-ETV Bharat) ग्रामीण महिलाओं ने प्रतियोगिता में दिखाया दम:वॉलीबॉल टूर्नामेंट का आयोजन महिलाओं को खेलों के प्रति जागरूक करने और उन्हें आगे बढ़ने का मंच देने के उद्देश्य से किया गया था. प्रतियोगिता में कुल पांच टीमें शामिल हुईं, जिनमें से श्रीनगर लायन और हरियाली के बीच उद्घाटन मैच खेला गया. खेलों के प्रति महिलाओं का बढ़ता उत्साह इस आयोजन में साफ नजर आया.
लोगों ने बढ़ाया खिलाड़ियों का हौसला:नगर निगम श्रीनगर मेयर का चुनाव जीती आरती भंडारी मुख्य अतिथि के रूप में इस प्रतियोगिता में शामिल हुईं. उन्होंने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि "महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, खेलों में भी वे पुरुषों से किसी तरह कम नहीं हैं. इस तरह की प्रतियोगिताएं महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनने की दिशा में प्रेरित करती हैं.
आयोजकों ने कही ये बात:प्रतियोगिता के आयोजक देवेंद्र गौड़ ने इस आयोजन को महिलाओं के आत्मविश्वास और खेलों के प्रति उनकी रुचि को बढ़ाने का प्रयास बताया. उन्होंने कहा कि "भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे, जिससे ग्रामीण महिलाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता रहे और वे खेलों में नए कीर्तिमान स्थापित कर सकें.
खेलों से बढ़ता है आत्मविश्वास:प्रतियोगिता में भाग लेने वाली महिलाओं ने इस आयोजन पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि यह टूर्नामेंट उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ एक नई ऊर्जा प्रदान करता है. इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि अगर महिलाओं को सही मंच मिले, तो वे हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं.
कीर्तिनगर की यह पहल साबित करती है कि खेल सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, नेतृत्व और सशक्तिकरण का जरिया भी है. उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इस तरह की प्रतियोगिताएं महिलाओं को अपने सपनों को साकार करने का और भी बड़ा अवसर देंगी.
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