नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के केंद्रीय बजट 2025 में आम लोगों के वित्तीय बोझ को कम करने के उद्देश्य से कई राहत उपायों को पेश की गई है. जब भी कोई वित्त मंत्री बजट पेश करता है, तो आम लोगों का ध्यान इस बात पर होता है कि उनकी घोषणा उन्हें कैसे अमीर बनाएगी. इसमें टैक्स लाभ, निवेश योजनाओं को छूट , कुछ लेन-देन के लिए कर छूट देने या सेवानिवृत्ति योजना पर कर लाभ देने के रूप में हो सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट 2025 में भी कई ऐसे उपायों को पेश किया गया. इसमें करदाताओं, गैर-करदाताओं, निम्न, मध्यम और उच्च वर्ग के लिए कुछ न कुछ था. बजट 2025 में 9 घोषणाएं शामिल है जो आम लोगों को अच्छी खासी रकम बचाने में मदद कर सकती हैं.
आम लोगों के लिए बचत घोषणाएं
- 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं- वित्त मंत्री ने नई टैक्स व्यवस्था स्लैब में संशोधन किया. सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह था कि करदाताओं को 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर आयकर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है.
- किराये पर टीडीएस की सीमा बढ़ाई गई- किराये पर टीडीएस की वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है. यह उन लोगों के लिए बड़ी राहत है जो अपनी आजीविका के लिए किराये की आय पर निर्भर हैं.
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस सीमा बढ़ाई गई- निर्मला सीतारमण ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है. इस घोषणा से वरिष्ठ नागरिकों को लाभ होगा, खासकर जो अपने रिटायरमेंट जीवन के लिए एफडी से होने वाली आय पर निर्भर हैं.
- टैक्स-फ्री राष्ट्रीय बचत योजना निकासी- राष्ट्रीय बचत योजना से निकासी को टैक्स-फ्री कर दिया गया है. पुरानी कर व्यवस्था का पालन करने वाले करदाताओं को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत एक वित्तीय वर्ष में 1.50 लाख रुपये तक की जमा राशि पर कर लाभ भी मिलता है.
- टैक्स-फ्री एनपीएस वात्सल्य निकासी- पहले यह सुविधा केवल एनपीएस खाताधारकों के लिए उपलब्ध थी, लेकिन इस बजट से इसे एनपीएस वात्सल्य खाताधारकों के लिए भी बढ़ा दिया गया है. इस पहल के जरिए लोग अपने रिटायरमेंट कॉरपस पर करोड़ों का टैक्स बचा सकते हैं.
- एनपीएस वात्सल्य अंशदान के लिए धारा 80सीसीडी कटौती- धारा 80सीसीडी(1बी) के तहत 50,000 रुपये तक की कर कटौती एनपीएस खाताधारकों के लिए उपलब्ध थी. अब यह कटौती एनपीएस वात्सल्य खाताधारकों के लिए भी बढ़ा दी गई है. माता-पिता/अभिभावक इस छूट का लाभ उठा सकते हैं. यह सीमा धारा 80सीसीई के तहत 1.50 लाख रुपये की कुल सीमा से अलग है.
- शिक्षा के उद्देश्य से भेजे जाने वाले पैसे पर टीसीएस हटाना- शिक्षा के उद्देश्य से भेजे जाने वाले पैसे पर टीसीएस हटाने का भी प्रस्ताव रखा गया, जहां ऐसा पैसे किसी वित्तीय संस्थान से लिए गए लोन से भेजा जाता है. इससे छात्रों के माता-पिता को लाभ होगा.
- अपडेटेड ITR फाइलिंग की सीमा बढ़ाकर 4 साल की गई- अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की समय-सीमा मौजूदा 24 महीने (2 साल) से बढ़ाकर प्रासंगिक आकलन वर्ष के अंत से 48 महीने (4 साल) कर दी गई है. इससे जुर्माने के रूप में पैसे की बचत होगी.