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न्यूजीलैंड छोड़ ऋषिकेश पहुंचेंगे दुनिया भर के RAFTING LOVERS, होने वाला है ये बड़ा काम, जानें प्लान? - RISHIKESH RAFTING

न्यूजीलैंड का क्वीन्सटाउन राफ्टिंग के लिए सर्वोतम स्थानों में एक माना जाता है, लेकिन अपना ऋषिकेश इसे पछाड़ने की तैयारी में है

RISHIKESH RAFTING
ऋषिकेश राफ्टिंग लीडर के रूप में उभरने को तैयार, न्यूजीलैंड के QUEENS TOWN को पछाड़ने की तैयारी (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 16, 2025, 1:25 PM IST

Updated : Jan 16, 2025, 5:46 PM IST

देहरादून (नवीन उनियाल): दुनिया के नक्शे पर ऋषिकेश राफ्टिंग लीडर के रूप में उभरने को तैयार है. दरअसल ये सब केंद्र सरकार की मदद और ऑपरेटर्स के सहयोग से होने जा रहा है. केंद्र सरकार देश भर के तमाम पर्यटन स्थलों में विकास के लिए 3,295 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है. अच्छी बात ये है कि उत्तराखंड ने राफ्टिंग के क्षेत्र में अपना मजबूत पक्ष रखकर केंद्र सरकार को ऋषिकेश में अत्याधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन स्थापित करने के लिए सहमत किया है. जिसके लिए राज्य को 100 करोड़ रुपए केंद्र से जल्द मिलने की उम्मीद है.

हिमालय की तलहटी में बसे ऋषिकेश को मां गंगा की निर्मल धारा विशेष पहचान देती है. यह क्षेत्र वैसे तो योग नगरी के नाम से दुनिया भर में जाना जाता है, लेकिन आध्यात्मिक केंद्र के रूप में भी ऋषिकेश ने अपना अलग रुतबा हासिल किया है. चारधाम यात्रा के द्वार ऋषिकेश को एक और वजह से पहचान मिली है और वो है व्हाइट वाटर राफ्टिंग.

ऋषिकेश राफ्टिंग लीडर के रूप में उभरने को तैयार, देखिए स्पेशल रिपोर्ट (SOURCE: ETV BHARAT)

हर साल ऋषिकेश में 15 लाख से ज्यादा पर्यटक करते हैं राफ्टिंग: ऋषिकेश में गंगा पर राफ्टिंग की शुरुआत करने वालों में शामिल व उत्तराखंड में पिछले तीन दशकों से राफ्टिंग से जुड़े एक्सपर्ट मंजुल रावत बताते हैं कि,

राफ्टिंग के लिहाज से ऋषिकेश को देश में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. इस बात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि ऋषिकेश में गंगा नदी में राफ्टिंग करने के लिए हर साल करीब 15 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं. इसमें करीब आठ से 10% हिस्सेदारी विदेशी पर्यटकों की भी होती है. चौंकाने वाली बात यह है कि राफ्टिंग का इतना बड़ा बाजार निजी ऑपरेटर्स ने अपनी मेहनत से खड़ा किया है और अभी तक सरकार की भूमिका इसमें मामूली रही है, खास बात ये है कि ऋषिकेश पहले ही देश में राफ्टिंग के लिए पर्यटकों की पहली पसंद है. विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में यहां पहुंचते रहे हैं. लेकिन पिछले 30 सालों से राज्य सरकार की अनदेखी व्हाइट वॉटर राफ्टिंग के रोमांच को फीका कर रही है. हालांकि, अब केंद्र सरकार से मिली तवज्जो के बाद इस क्षेत्र में ऋषिकेश के अंतरराष्ट्रीय फलक पर छाने की उम्मीद है.

न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन से मुकाबला करेगा ऋषिकेश: हालांकि, पूरी दुनिया में रिवर राफ्टिंग के लिए न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन को बेस्ट जाना जाता है. आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, नियोजन बताते हैं कि क्वींसटाउन में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों पर राफ्टिंग करने के लिए दुनिया भर के रिवर राफ्टिंग शौकीन पहुंचते हैं. यही कारण है कि ये क्षेत्र रिवर राफ्टिंग की बदौलत 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर की इकॉनामी को तय करता है.

RIVER RAFTING IN RISHIKESH
रिवर राफ्टिंग के देश-दुनिया में हैं दीवाने (SOURCE: ETV BHARAT)

ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग का 18 मिलियन अमेरिकी डॉलर का बाजार: उधर, भारत में रिवर राफ्टिंग के लिए सबसे पसंदीदा जगह ऋषिकेश है. यहां रिवर राफ्टिंग का 18 मिलियन अमेरिकी डॉलर का बाजार है.

देश के तमाम राज्यों से आगे निकलते हुए उत्तराखंड ने केंद्र को रिवर राफ्टिंग के क्षेत्र में सहमत करते हुए योजना का लाभ लेने में कामयाबी हासिल की है. राफ्टिंग के क्षेत्र में अब उत्तराखंड ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं वाला स्टेशन तैयार करने जा रहा है. इसके जरिए राफ्टिंग के क्षेत्र में राज्य एक बड़ी छलांग लगाएगा. न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन में ऋषिकेश से 10 गुना कम पर्यटक आते हैं. इसके बावजूद भी उसकी इकोनॉमी राफ्टिंग के जरिए 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर है और ऋषिकेश की मात्र 18 मिलियन अमेरिकी डॉलर. ऐसे में उत्तराखंड भी 18 से 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक का सफर तय करने के लिए पूरा प्रयास करेगा.
-आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, नियोजन-

क्यों दुनियाभर के पर्यटकों के लिए है खास है क्वींसटाउन: न्यूजीलैंड का क्वींसटाउन पूरी दुनिया के पर्यटको को आकर्षित करता है.. खासतौर पर साहसिक खेलों में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटक न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन को बेहद पसंद करते हैं. इसके पीछे की वजह इस शहर में रिवर राफ्टिंग को लेकर मिलने वाली सुविधाएं और सुरक्षित राफ्टिंग है, जो दुनिया भर में इस क्षेत्र को खास बनाती है. यहां पर रिवर राफ्टिंग करने वाले पर्यटकों को ऑनलाइन बुकिंग के बाद स्लॉट मिलते ही हर तरह की सुविधा का भरोसा ऑपरेटर के माध्यम से मिल जाता है. रिवर राफ्टिंग में ट्रेंड हेल्पर से लेकर सुरक्षित उपकरणों के साथ राफ्टिंग की उपलब्धता रहती है. पर्यटकों के वक्त का विशेष ध्यान रखते हुए समय पर सभी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं.

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न्यूजीलैंड का क्वीन्सटाउन को पछाड़ने की तैयारी में ऋषिकेश (SOURCE: ETV BHARAT)

क्वींसटाउन आने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को रहने खाने और दूसरी सुविधाओं के लिए पूरा पैकेज भी मिल जाता है. इसके अलावा बाकी साहसिक खेलों को करने की इच्छा होने पर हर तरह के वॉटर स्पोर्ट्स और पर्यटन की भी सुविधा है. यानी यहां आने वाला पर्यटक एक बार यहां पहुंचने के बाद सभी तरह के साहसिक खेलों और सुविधाओं को ले सकता है. इस तरह रिवर राफ्टिंग करने के लिए आने वाले पर्यटक से केवल राफ्टिंग से ही नहीं बल्कि दूसरे तमाम साहसिक खेलों और सुख सुविधाओं के जरिए भी इस क्षेत्र की इकोनॉमी बिल्ड होती है. तमाम बेहतरीन सुविधाएं मिलने के कारण अंतरराष्ट्रीय पर्यटक यहां न केवल आते हैं बल्कि दिल खोलकर खर्च भी करते हैं.

ऋषिकेश में फिलहाल क्या है कमी: क्वींसटाउन से तुलना करें तो ऋषिकेश में पूरा फोकस रिवर राफ्टिंग पर रहता है और सुविधाओं के नाम पर कुछ खास पर्यटकों को नहीं मिल पाता. इतना ही नहीं प्रशिक्षित हेल्पर भी उपलब्ध नहीं होते और सुरक्षा मानक भी काफी हल्के हैं. इन सभी कमियों के कारण न केवल पर्यटकों का एक बार आने के बाद दोबारा वापस आना मुश्किल होता है बल्कि यहां का आर्थिक रूप से बाजार भी नहीं बढ़ पा रहा. साथ ही पर्यटक यहां अच्छी रकम अदा करने से भी बचते हैं.

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राफ्टिंग में कई मौजूदा चुनौतियां (SOURCE: ETV BHARAT)

ये आ रही समस्याएं: साहसिक खेल व रिवर राफ्टिंग एक्सपर्ट मंजुल रावत बताते हैं कि गंगा नदी में राफ्टिंग करने के लिए लाखों पर्यटक तो पहुंच रहे हैं, लेकिन देखा जाए तो ऋषिकेश में राफ्टिंग के लिए सरकार कुछ खास कर ही नहीं पाई है. यहां सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक की बनी हुई है. इस कारण विदेशी पर्यटकों का धीरे-धीरे यहां से मोहभंग हो रहा है. राफ्ट को गंगा नदी तक पहुंचने में काफी वक्त लग जाता है. सड़क पर भी ट्रैफिक के कारण पर्यटकों को काफी समय तक राफ्टिंग के लिए इंतजार करना पड़ता है. यहां ना तो पार्किंग की उचित व्यवस्था है और ना ही राफ्टिंग ऑपरेटर्स को ही कोई सुविधा दी गई है. यही नहीं पर्यटकों के लिए शौचालय और चेंजिंग रूम की व्यवस्था भी यहां नहीं है.

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ऋषिकेश में बनाया जाएगा राफ्टिंग बेस स्टेशन (SOURCE: ETV BHARAT)

सुरक्षित राफ्टिंग हो प्राथमिकता: मंजुल रावत बताते हैं कि राफ्टिंग के दौरान सेफ्टी पॉलिसी सबसे महत्वपूर्ण होती है. ऐसे में राफ्टिंग को सुरक्षित बनाने के लिए भी कुछ जरूरी कदम उठाए जाने आवश्यक हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण राफ्टिंग से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करना है. अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से राफ्टिंग करवाने वालों को प्रशिक्षण देना जरूरी है. इसके साथ ही तमाम सेफ्टी इक्विपमेंट की उपलब्धता को भी पूरा करना होगा. इसके लिए वर्ल्ड राफ्टिंग फेडरेशन समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय स्तर के संगठनों द्वारा बनाए गए मानकों को लागू करना होगा.

राफ्टिंग के नाम पर सुविधाएं ना के बराबर: जानकारी के मुताबिक, गंगा नदी में राफ्टिंग कराने वाले ऑपरेटर्स की संख्या करीब 250 तक है. इनके जरिए करीब 1000 राफ्ट चलाई जाती हैं. गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति इस पूरी एक्टिविटी को नियंत्रित करती है. गंगा नदी में अब किसी भी नए ऑपरेटर को परमिट देने की पाबंदी भी लगा दी गई है.

राफ्टिंग ऑपरेटर सरकार को हर साल एक राफ्ट के लिए करीब 15,000 रुपए का भुगतान करते हैं. इसमें इंश्योरेंस की रकम भी शामिल है. इसके अलावा राज्य सरकार को ₹20 प्रति पर्यटक के रूप में भी राफ्टिंग से जुड़े ऑपरेटर अदा करते हैं. इसके बावजूद सुविधाओं के नाम पर सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है-

- मंजुल रावत, एक्सपर्ट, साहसिक खेल व रिवर राफ्टिंग-

रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग नियमावली 2014 राज्य में लागू है. इसको लागू करवाने की जिम्मेदारी उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की है. इसके अंतर्गत टेक्निकल कमेटी और विनियामक समिति काम करती है. हालांकि साहसिक खेलों के लिए जरूरत के लिहाज से यहां कर्मचारियों की कमी भी दिखाई देती है. बोर्ड द्वारा कंसल्टेंट की 3 साल के लिए तैनाती की जाती है, लेकिन जब तक राफ्टिंग के नियमों और व्यवस्थाओं को कंसल्टेंट समझ पाता है, तब तक उसका कार्यकाल पूरा हो जाता है. यानी नियमावली तो है, लेकिन इसमें राफ्टिंग ऑपरेटर कई संशोधन होने की जरूरत महसूस करते हैं.

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हर साल 14 से 15 लाख पर्यटक राफ्टिंग के लिए ऋषिकेश पहुंचते हैं (SOURCE: ETV BHARAT)

ऋषिकेश में तैयार होगा बेस स्टेशन: हालांकि, अब केंद्र से मिलने वाले बजट के जरिए ऋषिकेश में बेस स्टेशन तैयार होगा. सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार, इसके लिए फिलहाल उपयुक्त जमीन की तलाश की जा रही है. इस स्टेशन को हाईटेक बनाते हुए पर्यटकों के रुकने, राफ्टिंग करने के लिए बुकिंग के साथ ही शौचालय, खाने-पीने की व्यवस्था जैसी सुविधा यहां पर मौजूद होंगी.

अभी तमाम राफ्टिंग से जुड़े ऑपरेटर अपने-अपने कार्यालयों से इस एक्टिविटी को संचालित करते हैं, लेकिन बाद में इसी बेस स्टेशन से राफ्टिंग की गतिविधि को नियंत्रित किया जाएगा. ऑपरेटर्स की राफ्ट को नदी तक पहुंचाने इसके रखरखाव जैसी व्यवस्थाएं भी इसी बेस स्टेशन में करने का प्लान किया जा रहा है. इस स्टेशन को बेहतर बनाने के लिए न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन में मौजूद सुविधाओं का भी अध्ययन करते हुए इसकी स्थापना की जाएगी.

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अत्याधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन स्थापित करने के लिए सहमत केंद्र (SOURCE: ETV BHARAT)

ऋषिकेश में गंगा नदी पर राफ्टिंग से जुड़ी अहम जानकारी: ऋषिकेश में गंगा नदी पर मुख्यत: 4 जगहों से राफ्टिंग करवाई जाती है. इसमें कोडियाला, मरीन ड्राइव, ब्रह्मपुरी और शिवपुरी हैं. कोडियाला से करीब 36 किलोमीटर की राफ्टिंग होती है. इसमें करीब ₹2000 प्रति व्यक्ति चार्ज किया जाता है. मरीन ड्राइव से 22 किलोमीटर की राफ्टिंग होती है. इसमें ₹1500 प्रति व्यक्ति चार्ज किया जाता है. शिवपुरी से 18 किलोमीटर की राफ्टिंग के लिए 800 से ₹1000 देने होते हैं. ब्रह्मपुरी से 9 किलोमीटर के लिए 600 से 750 रुपए प्रति व्यक्ति देना होता है. गंगा नदी पर होने वाली राफ्टिंग 1 सितंबर से 30 जून तक करवाई जाती है. मानसून सीजन के दौरान राफ्टिंग बंद करवा दी जाती है.

RIVER RAFTING IN RISHIKESH
सबसे ज्यादा पर्यटक गंगा नदी में राफ्टिंग करने आते हैं (SOURCE: ETV BHARAT)

सबसे ज्यादा पर्यटक गंगा नदी में राफ्टिंग करने आते हैं: उत्तराखंड में गंगा नदी के अलावा काली नदी, अलकनंदा, यमुना, टौंस, पिंडर और भागीरथी पर भी राफ्टिंग हो रही है, लेकिन सबसे ज्यादा पर्यटक गंगा नदी पर होने वाली राफ्टिंग में ही आते हैं. मंजुल रावत इसकी वजह राफ्टिंग का ऋषिकेश शहर के करीब होना मानते हैं. इसके अलावा दुनिया भर से योग के लिए ऋषिकेश आने वाले देशी और विदेशी पर्यटक भी राफ्टिंग का लुत्फ उठाने भी यहां पहुंचते हैं. इतना ही नहीं, चारधाम यात्रा में आने वाले पर्यटकों के अलावा ऋषिकेश के आश्रम और आध्यात्म के लिए पहुंचने वाले पर्यटक भी राफ्टिंग का लुत्फ उठाते हैं.

क्या न्यूजीलैंड की जगह ऋषिकेश को चुनेंगे दुनिया भर के पर्यटक? देखा जाए तो न्यूजीलैंड के क्वीन्सटाउन से मुकाबला करने के लिए ऋषिकेश में राफ्टिंग की सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत है. ऐसा हुआ तो न केवल राफ्टिंग के लिए पर्यटकों से ज्यादा पैसा राफ्टिंग ऑपरेटर वसूल कर सकेंगे, बल्कि राफ्टिंग के अलावा पर्यटकों के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था के साथ ऋषिकेश में राफ्टिंग के बाजार को और बड़ा किया जा सकेगा. सुरक्षित राफ्टिंग का भरोसा मिलने पर दुनिया के तमाम पर्यटक न्यूजीलैंड के क्वीन्सटाउन की जगह ऋषिकेश को चुन सकेंगे और ये देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में राफ्टिंग के लिहाज से एक बड़ा बाजार बन पाएगा.

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देहरादून (नवीन उनियाल): दुनिया के नक्शे पर ऋषिकेश राफ्टिंग लीडर के रूप में उभरने को तैयार है. दरअसल ये सब केंद्र सरकार की मदद और ऑपरेटर्स के सहयोग से होने जा रहा है. केंद्र सरकार देश भर के तमाम पर्यटन स्थलों में विकास के लिए 3,295 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है. अच्छी बात ये है कि उत्तराखंड ने राफ्टिंग के क्षेत्र में अपना मजबूत पक्ष रखकर केंद्र सरकार को ऋषिकेश में अत्याधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन स्थापित करने के लिए सहमत किया है. जिसके लिए राज्य को 100 करोड़ रुपए केंद्र से जल्द मिलने की उम्मीद है.

हिमालय की तलहटी में बसे ऋषिकेश को मां गंगा की निर्मल धारा विशेष पहचान देती है. यह क्षेत्र वैसे तो योग नगरी के नाम से दुनिया भर में जाना जाता है, लेकिन आध्यात्मिक केंद्र के रूप में भी ऋषिकेश ने अपना अलग रुतबा हासिल किया है. चारधाम यात्रा के द्वार ऋषिकेश को एक और वजह से पहचान मिली है और वो है व्हाइट वाटर राफ्टिंग.

ऋषिकेश राफ्टिंग लीडर के रूप में उभरने को तैयार, देखिए स्पेशल रिपोर्ट (SOURCE: ETV BHARAT)

हर साल ऋषिकेश में 15 लाख से ज्यादा पर्यटक करते हैं राफ्टिंग: ऋषिकेश में गंगा पर राफ्टिंग की शुरुआत करने वालों में शामिल व उत्तराखंड में पिछले तीन दशकों से राफ्टिंग से जुड़े एक्सपर्ट मंजुल रावत बताते हैं कि,

राफ्टिंग के लिहाज से ऋषिकेश को देश में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. इस बात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि ऋषिकेश में गंगा नदी में राफ्टिंग करने के लिए हर साल करीब 15 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं. इसमें करीब आठ से 10% हिस्सेदारी विदेशी पर्यटकों की भी होती है. चौंकाने वाली बात यह है कि राफ्टिंग का इतना बड़ा बाजार निजी ऑपरेटर्स ने अपनी मेहनत से खड़ा किया है और अभी तक सरकार की भूमिका इसमें मामूली रही है, खास बात ये है कि ऋषिकेश पहले ही देश में राफ्टिंग के लिए पर्यटकों की पहली पसंद है. विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में यहां पहुंचते रहे हैं. लेकिन पिछले 30 सालों से राज्य सरकार की अनदेखी व्हाइट वॉटर राफ्टिंग के रोमांच को फीका कर रही है. हालांकि, अब केंद्र सरकार से मिली तवज्जो के बाद इस क्षेत्र में ऋषिकेश के अंतरराष्ट्रीय फलक पर छाने की उम्मीद है.

न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन से मुकाबला करेगा ऋषिकेश: हालांकि, पूरी दुनिया में रिवर राफ्टिंग के लिए न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन को बेस्ट जाना जाता है. आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, नियोजन बताते हैं कि क्वींसटाउन में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों पर राफ्टिंग करने के लिए दुनिया भर के रिवर राफ्टिंग शौकीन पहुंचते हैं. यही कारण है कि ये क्षेत्र रिवर राफ्टिंग की बदौलत 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर की इकॉनामी को तय करता है.

RIVER RAFTING IN RISHIKESH
रिवर राफ्टिंग के देश-दुनिया में हैं दीवाने (SOURCE: ETV BHARAT)

ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग का 18 मिलियन अमेरिकी डॉलर का बाजार: उधर, भारत में रिवर राफ्टिंग के लिए सबसे पसंदीदा जगह ऋषिकेश है. यहां रिवर राफ्टिंग का 18 मिलियन अमेरिकी डॉलर का बाजार है.

देश के तमाम राज्यों से आगे निकलते हुए उत्तराखंड ने केंद्र को रिवर राफ्टिंग के क्षेत्र में सहमत करते हुए योजना का लाभ लेने में कामयाबी हासिल की है. राफ्टिंग के क्षेत्र में अब उत्तराखंड ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं वाला स्टेशन तैयार करने जा रहा है. इसके जरिए राफ्टिंग के क्षेत्र में राज्य एक बड़ी छलांग लगाएगा. न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन में ऋषिकेश से 10 गुना कम पर्यटक आते हैं. इसके बावजूद भी उसकी इकोनॉमी राफ्टिंग के जरिए 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर है और ऋषिकेश की मात्र 18 मिलियन अमेरिकी डॉलर. ऐसे में उत्तराखंड भी 18 से 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक का सफर तय करने के लिए पूरा प्रयास करेगा.
-आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, नियोजन-

क्यों दुनियाभर के पर्यटकों के लिए है खास है क्वींसटाउन: न्यूजीलैंड का क्वींसटाउन पूरी दुनिया के पर्यटको को आकर्षित करता है.. खासतौर पर साहसिक खेलों में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटक न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन को बेहद पसंद करते हैं. इसके पीछे की वजह इस शहर में रिवर राफ्टिंग को लेकर मिलने वाली सुविधाएं और सुरक्षित राफ्टिंग है, जो दुनिया भर में इस क्षेत्र को खास बनाती है. यहां पर रिवर राफ्टिंग करने वाले पर्यटकों को ऑनलाइन बुकिंग के बाद स्लॉट मिलते ही हर तरह की सुविधा का भरोसा ऑपरेटर के माध्यम से मिल जाता है. रिवर राफ्टिंग में ट्रेंड हेल्पर से लेकर सुरक्षित उपकरणों के साथ राफ्टिंग की उपलब्धता रहती है. पर्यटकों के वक्त का विशेष ध्यान रखते हुए समय पर सभी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं.

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न्यूजीलैंड का क्वीन्सटाउन को पछाड़ने की तैयारी में ऋषिकेश (SOURCE: ETV BHARAT)

क्वींसटाउन आने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को रहने खाने और दूसरी सुविधाओं के लिए पूरा पैकेज भी मिल जाता है. इसके अलावा बाकी साहसिक खेलों को करने की इच्छा होने पर हर तरह के वॉटर स्पोर्ट्स और पर्यटन की भी सुविधा है. यानी यहां आने वाला पर्यटक एक बार यहां पहुंचने के बाद सभी तरह के साहसिक खेलों और सुविधाओं को ले सकता है. इस तरह रिवर राफ्टिंग करने के लिए आने वाले पर्यटक से केवल राफ्टिंग से ही नहीं बल्कि दूसरे तमाम साहसिक खेलों और सुख सुविधाओं के जरिए भी इस क्षेत्र की इकोनॉमी बिल्ड होती है. तमाम बेहतरीन सुविधाएं मिलने के कारण अंतरराष्ट्रीय पर्यटक यहां न केवल आते हैं बल्कि दिल खोलकर खर्च भी करते हैं.

ऋषिकेश में फिलहाल क्या है कमी: क्वींसटाउन से तुलना करें तो ऋषिकेश में पूरा फोकस रिवर राफ्टिंग पर रहता है और सुविधाओं के नाम पर कुछ खास पर्यटकों को नहीं मिल पाता. इतना ही नहीं प्रशिक्षित हेल्पर भी उपलब्ध नहीं होते और सुरक्षा मानक भी काफी हल्के हैं. इन सभी कमियों के कारण न केवल पर्यटकों का एक बार आने के बाद दोबारा वापस आना मुश्किल होता है बल्कि यहां का आर्थिक रूप से बाजार भी नहीं बढ़ पा रहा. साथ ही पर्यटक यहां अच्छी रकम अदा करने से भी बचते हैं.

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राफ्टिंग में कई मौजूदा चुनौतियां (SOURCE: ETV BHARAT)

ये आ रही समस्याएं: साहसिक खेल व रिवर राफ्टिंग एक्सपर्ट मंजुल रावत बताते हैं कि गंगा नदी में राफ्टिंग करने के लिए लाखों पर्यटक तो पहुंच रहे हैं, लेकिन देखा जाए तो ऋषिकेश में राफ्टिंग के लिए सरकार कुछ खास कर ही नहीं पाई है. यहां सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक की बनी हुई है. इस कारण विदेशी पर्यटकों का धीरे-धीरे यहां से मोहभंग हो रहा है. राफ्ट को गंगा नदी तक पहुंचने में काफी वक्त लग जाता है. सड़क पर भी ट्रैफिक के कारण पर्यटकों को काफी समय तक राफ्टिंग के लिए इंतजार करना पड़ता है. यहां ना तो पार्किंग की उचित व्यवस्था है और ना ही राफ्टिंग ऑपरेटर्स को ही कोई सुविधा दी गई है. यही नहीं पर्यटकों के लिए शौचालय और चेंजिंग रूम की व्यवस्था भी यहां नहीं है.

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ऋषिकेश में बनाया जाएगा राफ्टिंग बेस स्टेशन (SOURCE: ETV BHARAT)

सुरक्षित राफ्टिंग हो प्राथमिकता: मंजुल रावत बताते हैं कि राफ्टिंग के दौरान सेफ्टी पॉलिसी सबसे महत्वपूर्ण होती है. ऐसे में राफ्टिंग को सुरक्षित बनाने के लिए भी कुछ जरूरी कदम उठाए जाने आवश्यक हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण राफ्टिंग से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करना है. अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से राफ्टिंग करवाने वालों को प्रशिक्षण देना जरूरी है. इसके साथ ही तमाम सेफ्टी इक्विपमेंट की उपलब्धता को भी पूरा करना होगा. इसके लिए वर्ल्ड राफ्टिंग फेडरेशन समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय स्तर के संगठनों द्वारा बनाए गए मानकों को लागू करना होगा.

राफ्टिंग के नाम पर सुविधाएं ना के बराबर: जानकारी के मुताबिक, गंगा नदी में राफ्टिंग कराने वाले ऑपरेटर्स की संख्या करीब 250 तक है. इनके जरिए करीब 1000 राफ्ट चलाई जाती हैं. गंगा नदी राफ्टिंग प्रबंधन समिति इस पूरी एक्टिविटी को नियंत्रित करती है. गंगा नदी में अब किसी भी नए ऑपरेटर को परमिट देने की पाबंदी भी लगा दी गई है.

राफ्टिंग ऑपरेटर सरकार को हर साल एक राफ्ट के लिए करीब 15,000 रुपए का भुगतान करते हैं. इसमें इंश्योरेंस की रकम भी शामिल है. इसके अलावा राज्य सरकार को ₹20 प्रति पर्यटक के रूप में भी राफ्टिंग से जुड़े ऑपरेटर अदा करते हैं. इसके बावजूद सुविधाओं के नाम पर सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है-

- मंजुल रावत, एक्सपर्ट, साहसिक खेल व रिवर राफ्टिंग-

रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग नियमावली 2014 राज्य में लागू है. इसको लागू करवाने की जिम्मेदारी उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की है. इसके अंतर्गत टेक्निकल कमेटी और विनियामक समिति काम करती है. हालांकि साहसिक खेलों के लिए जरूरत के लिहाज से यहां कर्मचारियों की कमी भी दिखाई देती है. बोर्ड द्वारा कंसल्टेंट की 3 साल के लिए तैनाती की जाती है, लेकिन जब तक राफ्टिंग के नियमों और व्यवस्थाओं को कंसल्टेंट समझ पाता है, तब तक उसका कार्यकाल पूरा हो जाता है. यानी नियमावली तो है, लेकिन इसमें राफ्टिंग ऑपरेटर कई संशोधन होने की जरूरत महसूस करते हैं.

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हर साल 14 से 15 लाख पर्यटक राफ्टिंग के लिए ऋषिकेश पहुंचते हैं (SOURCE: ETV BHARAT)

ऋषिकेश में तैयार होगा बेस स्टेशन: हालांकि, अब केंद्र से मिलने वाले बजट के जरिए ऋषिकेश में बेस स्टेशन तैयार होगा. सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार, इसके लिए फिलहाल उपयुक्त जमीन की तलाश की जा रही है. इस स्टेशन को हाईटेक बनाते हुए पर्यटकों के रुकने, राफ्टिंग करने के लिए बुकिंग के साथ ही शौचालय, खाने-पीने की व्यवस्था जैसी सुविधा यहां पर मौजूद होंगी.

अभी तमाम राफ्टिंग से जुड़े ऑपरेटर अपने-अपने कार्यालयों से इस एक्टिविटी को संचालित करते हैं, लेकिन बाद में इसी बेस स्टेशन से राफ्टिंग की गतिविधि को नियंत्रित किया जाएगा. ऑपरेटर्स की राफ्ट को नदी तक पहुंचाने इसके रखरखाव जैसी व्यवस्थाएं भी इसी बेस स्टेशन में करने का प्लान किया जा रहा है. इस स्टेशन को बेहतर बनाने के लिए न्यूजीलैंड के क्वींसटाउन में मौजूद सुविधाओं का भी अध्ययन करते हुए इसकी स्थापना की जाएगी.

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अत्याधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन स्थापित करने के लिए सहमत केंद्र (SOURCE: ETV BHARAT)

ऋषिकेश में गंगा नदी पर राफ्टिंग से जुड़ी अहम जानकारी: ऋषिकेश में गंगा नदी पर मुख्यत: 4 जगहों से राफ्टिंग करवाई जाती है. इसमें कोडियाला, मरीन ड्राइव, ब्रह्मपुरी और शिवपुरी हैं. कोडियाला से करीब 36 किलोमीटर की राफ्टिंग होती है. इसमें करीब ₹2000 प्रति व्यक्ति चार्ज किया जाता है. मरीन ड्राइव से 22 किलोमीटर की राफ्टिंग होती है. इसमें ₹1500 प्रति व्यक्ति चार्ज किया जाता है. शिवपुरी से 18 किलोमीटर की राफ्टिंग के लिए 800 से ₹1000 देने होते हैं. ब्रह्मपुरी से 9 किलोमीटर के लिए 600 से 750 रुपए प्रति व्यक्ति देना होता है. गंगा नदी पर होने वाली राफ्टिंग 1 सितंबर से 30 जून तक करवाई जाती है. मानसून सीजन के दौरान राफ्टिंग बंद करवा दी जाती है.

RIVER RAFTING IN RISHIKESH
सबसे ज्यादा पर्यटक गंगा नदी में राफ्टिंग करने आते हैं (SOURCE: ETV BHARAT)

सबसे ज्यादा पर्यटक गंगा नदी में राफ्टिंग करने आते हैं: उत्तराखंड में गंगा नदी के अलावा काली नदी, अलकनंदा, यमुना, टौंस, पिंडर और भागीरथी पर भी राफ्टिंग हो रही है, लेकिन सबसे ज्यादा पर्यटक गंगा नदी पर होने वाली राफ्टिंग में ही आते हैं. मंजुल रावत इसकी वजह राफ्टिंग का ऋषिकेश शहर के करीब होना मानते हैं. इसके अलावा दुनिया भर से योग के लिए ऋषिकेश आने वाले देशी और विदेशी पर्यटक भी राफ्टिंग का लुत्फ उठाने भी यहां पहुंचते हैं. इतना ही नहीं, चारधाम यात्रा में आने वाले पर्यटकों के अलावा ऋषिकेश के आश्रम और आध्यात्म के लिए पहुंचने वाले पर्यटक भी राफ्टिंग का लुत्फ उठाते हैं.

क्या न्यूजीलैंड की जगह ऋषिकेश को चुनेंगे दुनिया भर के पर्यटक? देखा जाए तो न्यूजीलैंड के क्वीन्सटाउन से मुकाबला करने के लिए ऋषिकेश में राफ्टिंग की सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत है. ऐसा हुआ तो न केवल राफ्टिंग के लिए पर्यटकों से ज्यादा पैसा राफ्टिंग ऑपरेटर वसूल कर सकेंगे, बल्कि राफ्टिंग के अलावा पर्यटकों के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था के साथ ऋषिकेश में राफ्टिंग के बाजार को और बड़ा किया जा सकेगा. सुरक्षित राफ्टिंग का भरोसा मिलने पर दुनिया के तमाम पर्यटक न्यूजीलैंड के क्वीन्सटाउन की जगह ऋषिकेश को चुन सकेंगे और ये देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में राफ्टिंग के लिहाज से एक बड़ा बाजार बन पाएगा.

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Last Updated : Jan 16, 2025, 5:46 PM IST
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