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भूकंप की तीव्रता ही नहीं डेप्थ पर भी दें ध्यान, मच सकती है तबाही! यहां 'गहराई' को गहराई से जानिए - EARTHQUAKE IN UTTARAKHAND

भूकंप की तबाही उसकी गहराई पर भी निर्भर करती है. भूकंप की डेप्थ जितना कम, उतना ज्यादा नुकसान की आशंका.

Earthquake in Uttarakhand
भूकंप (फोटो- ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 18, 2025, 8:01 PM IST

Updated : Feb 19, 2025, 10:39 AM IST

रोहित सोनी, देहरादून: भूकंप...एक ऐसा शब्द जो सिरहन पैदा कर दे. भारत ने इतिहास में कई भूकंप और उनसे होने वाली त्रासदी झेली है. इतिहास में देश का सबसे विनाशकारी भूकंप बिहार में दर्ज है, जो 15 जनवरी 1934 को आया था. 8.1 तीव्रता के इस भूकंप के कारण करीब 30 हजार लोगों की मौत हो गई थी. ये केवल एक उदाहरण भर है. पहाड़ी क्षेत्रों की बात करें तो उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 20 अक्टूबर 1991 के दिन आए 6.1 तीव्रता के भूकंप के कारण एक हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. यहां पर एक बात नोट करने योग्य है कि जितने भी बड़े-छोटे भूकंप दर्ज होते हैं, वहां हमें तीव्रता की जानकारी दी जाती है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे फैक्टर के बारे में बताएंगे, जो भूकंप के बाद होने वाले नुकसान और सीमा को तय करता है.

पिछले कुछ वक्त में भारत के कुछ क्षेत्रों में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. उत्तराखंड का पहाड़ी जिला उत्तरकाशी, उनमें से एक है. इस जिले में पिछले एक महीने के भीतर करीब 9 बार भूकंप आया. इसके कुछ समय बाद ही हाल ही में (17 फरवरी) दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस हुए. जिसके बाद इन भूकंपों के पैटर्न पर चर्चा हो रही है.

कम गहराई केंद्र वाले भूकंप से बड़ा खतरा ! (Video- ETV Bharat)

दरअसल, भूकंप के लिहाज से देखें तो उत्तराखंड सिस्मिक जोन 4 और 5 तो दिल्ली सिस्मिक जोन 4 में आता है. ऐसे में इन क्षेत्रों में भूकंप आने की संभावना बनी रहती है. हाल ही में उत्तरकाशी के बाद दिल्ली में आए भूकंप में एक महत्वपूर्ण पहलू सामने आया है. उत्तरकाशी और दिल्ली में आए भूकंप की डेप्थ यानी गहराई मात्र 5 किलोमीटर रही है. यहां ये बात गौर करने लायक है. दरअसल, जिस फैक्टर की हम बात कर रहे थे वो डेप्थ ही है. कोई भी भूकंप कितनी तबाही मचाएगा, ये भूकंप की गहराई पर भी निर्भर करता है.

भूकंपीय डेप्थ को जानिए: भूकंपीय डेप्थ का मतलब होता है कि भूकंप का उद्गम केंद्र यानी जहां से भूकंप की एनर्जी रिलीज होती है. भूकंप डेप्थ को जमीनी सतह से गहराई के अनुसार 3 हिस्सों में बांटा गया है.

  1. 0 से 70 किलोमीटर तक के डेप्थ भूकंप को उथले भूकंप (Shallow Earthquake).
  2. जमीनी सतह से 70 से 300 किलोमीटर तक के डेप्थ भूकंप को मध्यवर्ती भूकंप (Intermediate Earthquake).
  3. जमीनी सतह से 300 से 720 किलोमीटर तक के डेप्थ भूकंप को गहरे भूकंप (Deep Earthquake) कहते हैं.
Earthquake in Uttarakhand
इंडियन और यूरेशियन प्लेट से जमा हो रही एनर्जी (फोटो- ETV Bharat Graphics)

5 से 10 किलोमीटर डेप्थ वाले भूकंप मचाते हैं तबाही: वैज्ञानिकों की मानें तो 5 से 10 किलोमीटर डेप्थ वाले भूकंप यानी उथले भूकंप काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. उत्तराखंड समेत देश का पूरा हिमालयन क्षेत्र भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील है. यही वजह है कि देश के हिमालयन क्षेत्रों को सिस्मिक जोन 4 और 5 में रखा गया है. यानी पूरे हिमालयन बेल्ट में कभी भी भूकंप के झटके महसूस हो सकते हैं, लेकिन अब वैज्ञानिक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भूकंप का मैग्नीट्यूड जितना इंपॉर्टेंट होता है, उतना ही इंपॉर्टेंट भूकंप आने की डेप्थ भी होती है.

उत्तरकाशी में आ रहे कम डेप्थ वाले भूकंप: कुल मिलाकर हिमालयी क्षेत्र में भूकंप की डेप्थ लगभग 20 से 25 किलोमीटर होती है. यही वजह है कि जब हिमालय क्षेत्र में कोई बड़ा भूकंप आया, उस दौरान काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. दरअसल, पिछले एक महीने के भीतर उत्तराखंड के उत्तरकाशी क्षेत्र में आए सभी भूकंप की डेप्थ यानी गहराई मात्र 5 किलोमीटर थी. जबकि, भूकंप का मैग्नीट्यूड काफी कम था. यही वजह रहा कि लोगों को भूकंप के झटके महसूस हुए.

दिल्ली में 17 फरवरी को आया था 4 मैग्नीट्यूड का भूकंप: वहीं, दिल्ली में 17 फरवरी को सुबह 5:36 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए थे. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता 4 मैग्नीट्यूड की थी, लेकिन खास बात ये है कि इस भूकंप की डेप्थ मात्र 5 किलोमीटर थी, जिसके चलते लोगों को भूकंप के झटके काफी तेज महसूस हुए.

Earthquake in Uttarakhand
हिमालय रीजन में आए बड़े भूकंप (फोटो- ETV Bharat Graphics)

दिल्ली में 5 से 10 किलोमीटर ही रहती है भूकंप की अमूमन डेप्थ: वैज्ञानिकों के अनुसार, दिल्ली में आने वाले भूकंप की अमूमन डेप्थ 5 से 10 किलोमीटर ही रहती है, लेकिन अभी तक दिल्ली में कोई बड़ा भूकंप महसूस नहीं किया गया है. हालांकि, दिल्ली में 27 अगस्त 1960 को 5.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. इस भूकंप की वजह से दिल्ली की तमाम इमारतों को नुकसान पहुंचा था.

उत्तरकाशी में आए भूकंप की डेप्थ: उत्तराखंड की बात करें तो साल 2025 में अभी तक 10 से ज्यादा भूकंप के झटके महसूस हो चुके हैं. जिसमें से उत्तरकाशी क्षेत्र में 9 भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. इन सभी भूकंप की तीव्रता 3.5 से कम रही है, लेकिन इन सभी भूकंप की डेप्थ मात्र 5 किलोमीटर रही है. जिसे चलते उत्तरकाशी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भूकंप के झटके काफी तेज महसूस हुए थे.

Earthquake in Uttarakhand
साल 2000 के बाद आए बड़े भूकंप (फोटो- ETV Bharat Graphics)

बागेश्वर और रुद्रप्रयाग में आए भूकंप की डेप्थ: उत्तरकाशी के अलावा एक भूकंप बागेश्वर में महसूस हुआ था, जिसकी डेप्थ भी 5 किलोमीटर थी. साथ ही 13 फरवरी को रुद्रप्रयाग क्षेत्र में भी भूकंप महसूस किया गया है. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर की थी. दिल्ली में बात करें तो दिल्ली में पिछले 6 महीने के भीतर दो भूकंप के झटके महसूस हुए हैं.

बीती 24 सितंबर 2024 को दिल्ली में 1.4 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था, जिसकी डेप्थ 9 किलोमीटर थी, लेकिन इसकी तीव्रता काफी कम होने और डेप्थ ज्यादा होने की वजह से लोगों को महसूस नहीं हुआ. इसके बाद 17 फरवरी को चार मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था, जिसकी डेप्थ 5 किलोमीटर थी. इस भूकंप का मैग्नीट्यूड ज्यादा होने और डेप्थ काफी कम होने की वजह से दिल्ली वासियों को भूकंप के झटके काफी तेज महसूस हुए.

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, साल 2024 में देश-दुनिया में आए 5 मैग्नीट्यूट से बड़े भूकंप, जिनकी डेप्थ रही कम-

  1. 6 जनवरी 2024 को कार्ल्सबर्ग रीज (Carlsberg Ridge) में 5.4 मैग्नीट्यूट का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  2. 18 फरवरी 2024 को अफगानिस्तान में 5.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 15 किलोमीटर थी.
  3. 19 फरवरी 2024 को लद्दाख में 5.2 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  4. 5 मार्च 2024 को किंघई (Qinghai), चीन में 5.2 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  5. 4 अप्रैल 2024 को चंबा, हिमाचल प्रदेश में 5.3 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  6. 13 अप्रैल 2024 को साइजिंग शिजांग (Xizang), चीन में 5.7 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  7. 18 अप्रैल 2024 को शिजांग (Xizang), चीन में 5.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  8. 28 मई 2024 को हिंद महासागर में 5.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था, जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  9. 1 जून 2024 को शिजांग (Xizang), चीन में 5.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  10. 12 जून 2024 को किंघई (Qinghai), चीन में 5.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
Earthquake in Uttarakhand
भूकंप डेप्थ को लेकर जानकारी (फोटो- ETV Bharat Graphics)

यहां भी डेप्थ रही कम: इसके साथ ही 19 जून 2024 को अफगानिस्तान में 5.7 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था, जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी. 26 जून 2024 को बंगाल की खाड़ी में 5.3 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी. 15 जुलाई 2024 को पाकिस्तान में 5.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी. 20 जुलाई 2024 को हिंद महासागर में 5.4 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी. 1 सितंबर 2024 को बंगाल की खाड़ी में 5.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी. 19 सितंबर 2024 को बंगाल की खाड़ी में 5.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी. 23 नवंबर 2024 को तजाकिस्तान में 5.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.

Earthquake in Uttarakhand
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (फोटो- ETV Bharat)

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक ने दी अहम जानकारी

भूकंप में डेप्थ की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. क्योंकि, भूकंप की डेप्थ जितनी कम होगी, वो उतना ज्यादा नुकसानदायक होगा. हिमालयन क्षेत्रों में आने वाले भूकंप की डेप्थ लगभग 20 से 25 किलोमीटर की होती है. जिसके आने पर ज्यादा नुकसान होता है.
- डॉ. नरेश कुमार, वैज्ञानिक, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान -

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, साल 2025 में देश-दुनिया में आए 5 मैग्नीट्यूट से बड़े भूकंप, जिनकी डेप्थ रही कम-

  1. 7 जनवरी 2025 को तिब्बत में 7.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  2. 7 जनवरी 2025 को तिब्बत में 5.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 7 किलोमीटर थी.
  3. 13 जनवरी 2025 को तिब्बत में 5.2 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  4. 21 जनवरी 2025 को तिब्बत में 5.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  5. 7 फरवरी 2025 को हिंद महासागर में 5.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  6. 9 फरवरी 2025 को कैमन आईलैंट रीजन (Cayman Islands Region) में 7.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
Earthquake in Uttarakhand
भूकंप की तीव्रता मापने का यंत्र (फोटो- ETV Bharat)

भारत देश में आए बड़े भूकंप, जिनकी डेप्थ रही थी कम-

  • 12 जून 1897 को शिलांग, मेघायल में करीब 8.2 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ अनुमानित 32 किलोमीटर थी.
  • 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में 7.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ अनुमानित 6 किलोमीटर थी.
  • 15 जनवरी 1934 को बिहार-नेपाल में 8.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 15 किलोमीटर थी.
  • 15 अगस्त 1950 को असम-तिब्बत में 8.7 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ करीब 15 किलोमीटर थी.
  • 19 जनवरी 1975 को किन्नौर, हिमाचल प्रदेश में 6.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ करीब 33 किलोमीटर थी.
  • 20 अक्टूबर 1991 को उत्तरकाशी, उत्तराखंड में 6.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 11.6 किलोमीटर थी.
  • 29 मार्च 1999 को चमोली, उत्तराखंड में 6.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 15 किलोमीटर थी.
  • 26 जनवरी 2001 को भुज, गुजरात में 7.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 23.6 किलोमीटर थी.
  • 8 अक्टूबर 2005 को कश्मीर में 7.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 21 किलोमीटर थी.
  • 18 सितंबर 2011 को सिक्किम में 6.9 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
Earthquake in Uttarakhand
हिमालय में भूकंप आने की वजह (फोटो- ETV Bharat Graphics)

भूकंप की डेप्थ जितनी कम, उतना ज्यादा नुकसान: नरेश कुमार ने बताया कि हिंदू कुश में आने वाले भूकंप के डेप्थ को देखें तो उन क्षेत्र में भूकंप का डेप्थ लगभग 100 से 150 किलोमीटर का होता है. यही वजह है कि हिंदु कुश में 6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आने के बावजूद ज्यादा नुकसान नहीं होता है. साथ ही कहा कि भूकंप का डेप्थ जितना कम होगा, उतना ज्यादा नुकसान होगा. हालांकि, दिल्ली में आने वाले भूकंप जमीनी सतह के काफी नजदीक होते हैं.

दिल्ली में आने वाला भूकंप लगभग 5 से 10 किलोमीटर डेप्थ का होता है. ऐसे में इस क्षेत्र में नुकसान होने की संभावना काफी ज्यादा रहती है. लिहाजा, ऐसे में क्षेत्रों में काफी ज्यादा सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. साथ ही बताया कि दिल्ली में लोकल टेक्टॉनिक एक्टिविटी के साथ ही हिमालय से काफी नजदीक होने की वजह से दिल्ली में भूकंप आते हैं. दिल्ली में सबसे बड़ा करीब 6 मैग्नीट्यूड तक का भूकंप आ सकता है.

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रोहित सोनी, देहरादून: भूकंप...एक ऐसा शब्द जो सिरहन पैदा कर दे. भारत ने इतिहास में कई भूकंप और उनसे होने वाली त्रासदी झेली है. इतिहास में देश का सबसे विनाशकारी भूकंप बिहार में दर्ज है, जो 15 जनवरी 1934 को आया था. 8.1 तीव्रता के इस भूकंप के कारण करीब 30 हजार लोगों की मौत हो गई थी. ये केवल एक उदाहरण भर है. पहाड़ी क्षेत्रों की बात करें तो उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 20 अक्टूबर 1991 के दिन आए 6.1 तीव्रता के भूकंप के कारण एक हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. यहां पर एक बात नोट करने योग्य है कि जितने भी बड़े-छोटे भूकंप दर्ज होते हैं, वहां हमें तीव्रता की जानकारी दी जाती है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे फैक्टर के बारे में बताएंगे, जो भूकंप के बाद होने वाले नुकसान और सीमा को तय करता है.

पिछले कुछ वक्त में भारत के कुछ क्षेत्रों में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. उत्तराखंड का पहाड़ी जिला उत्तरकाशी, उनमें से एक है. इस जिले में पिछले एक महीने के भीतर करीब 9 बार भूकंप आया. इसके कुछ समय बाद ही हाल ही में (17 फरवरी) दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस हुए. जिसके बाद इन भूकंपों के पैटर्न पर चर्चा हो रही है.

कम गहराई केंद्र वाले भूकंप से बड़ा खतरा ! (Video- ETV Bharat)

दरअसल, भूकंप के लिहाज से देखें तो उत्तराखंड सिस्मिक जोन 4 और 5 तो दिल्ली सिस्मिक जोन 4 में आता है. ऐसे में इन क्षेत्रों में भूकंप आने की संभावना बनी रहती है. हाल ही में उत्तरकाशी के बाद दिल्ली में आए भूकंप में एक महत्वपूर्ण पहलू सामने आया है. उत्तरकाशी और दिल्ली में आए भूकंप की डेप्थ यानी गहराई मात्र 5 किलोमीटर रही है. यहां ये बात गौर करने लायक है. दरअसल, जिस फैक्टर की हम बात कर रहे थे वो डेप्थ ही है. कोई भी भूकंप कितनी तबाही मचाएगा, ये भूकंप की गहराई पर भी निर्भर करता है.

भूकंपीय डेप्थ को जानिए: भूकंपीय डेप्थ का मतलब होता है कि भूकंप का उद्गम केंद्र यानी जहां से भूकंप की एनर्जी रिलीज होती है. भूकंप डेप्थ को जमीनी सतह से गहराई के अनुसार 3 हिस्सों में बांटा गया है.

  1. 0 से 70 किलोमीटर तक के डेप्थ भूकंप को उथले भूकंप (Shallow Earthquake).
  2. जमीनी सतह से 70 से 300 किलोमीटर तक के डेप्थ भूकंप को मध्यवर्ती भूकंप (Intermediate Earthquake).
  3. जमीनी सतह से 300 से 720 किलोमीटर तक के डेप्थ भूकंप को गहरे भूकंप (Deep Earthquake) कहते हैं.
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इंडियन और यूरेशियन प्लेट से जमा हो रही एनर्जी (फोटो- ETV Bharat Graphics)

5 से 10 किलोमीटर डेप्थ वाले भूकंप मचाते हैं तबाही: वैज्ञानिकों की मानें तो 5 से 10 किलोमीटर डेप्थ वाले भूकंप यानी उथले भूकंप काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. उत्तराखंड समेत देश का पूरा हिमालयन क्षेत्र भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील है. यही वजह है कि देश के हिमालयन क्षेत्रों को सिस्मिक जोन 4 और 5 में रखा गया है. यानी पूरे हिमालयन बेल्ट में कभी भी भूकंप के झटके महसूस हो सकते हैं, लेकिन अब वैज्ञानिक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भूकंप का मैग्नीट्यूड जितना इंपॉर्टेंट होता है, उतना ही इंपॉर्टेंट भूकंप आने की डेप्थ भी होती है.

उत्तरकाशी में आ रहे कम डेप्थ वाले भूकंप: कुल मिलाकर हिमालयी क्षेत्र में भूकंप की डेप्थ लगभग 20 से 25 किलोमीटर होती है. यही वजह है कि जब हिमालय क्षेत्र में कोई बड़ा भूकंप आया, उस दौरान काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. दरअसल, पिछले एक महीने के भीतर उत्तराखंड के उत्तरकाशी क्षेत्र में आए सभी भूकंप की डेप्थ यानी गहराई मात्र 5 किलोमीटर थी. जबकि, भूकंप का मैग्नीट्यूड काफी कम था. यही वजह रहा कि लोगों को भूकंप के झटके महसूस हुए.

दिल्ली में 17 फरवरी को आया था 4 मैग्नीट्यूड का भूकंप: वहीं, दिल्ली में 17 फरवरी को सुबह 5:36 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए थे. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता 4 मैग्नीट्यूड की थी, लेकिन खास बात ये है कि इस भूकंप की डेप्थ मात्र 5 किलोमीटर थी, जिसके चलते लोगों को भूकंप के झटके काफी तेज महसूस हुए.

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हिमालय रीजन में आए बड़े भूकंप (फोटो- ETV Bharat Graphics)

दिल्ली में 5 से 10 किलोमीटर ही रहती है भूकंप की अमूमन डेप्थ: वैज्ञानिकों के अनुसार, दिल्ली में आने वाले भूकंप की अमूमन डेप्थ 5 से 10 किलोमीटर ही रहती है, लेकिन अभी तक दिल्ली में कोई बड़ा भूकंप महसूस नहीं किया गया है. हालांकि, दिल्ली में 27 अगस्त 1960 को 5.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. इस भूकंप की वजह से दिल्ली की तमाम इमारतों को नुकसान पहुंचा था.

उत्तरकाशी में आए भूकंप की डेप्थ: उत्तराखंड की बात करें तो साल 2025 में अभी तक 10 से ज्यादा भूकंप के झटके महसूस हो चुके हैं. जिसमें से उत्तरकाशी क्षेत्र में 9 भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. इन सभी भूकंप की तीव्रता 3.5 से कम रही है, लेकिन इन सभी भूकंप की डेप्थ मात्र 5 किलोमीटर रही है. जिसे चलते उत्तरकाशी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भूकंप के झटके काफी तेज महसूस हुए थे.

Earthquake in Uttarakhand
साल 2000 के बाद आए बड़े भूकंप (फोटो- ETV Bharat Graphics)

बागेश्वर और रुद्रप्रयाग में आए भूकंप की डेप्थ: उत्तरकाशी के अलावा एक भूकंप बागेश्वर में महसूस हुआ था, जिसकी डेप्थ भी 5 किलोमीटर थी. साथ ही 13 फरवरी को रुद्रप्रयाग क्षेत्र में भी भूकंप महसूस किया गया है. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर की थी. दिल्ली में बात करें तो दिल्ली में पिछले 6 महीने के भीतर दो भूकंप के झटके महसूस हुए हैं.

बीती 24 सितंबर 2024 को दिल्ली में 1.4 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था, जिसकी डेप्थ 9 किलोमीटर थी, लेकिन इसकी तीव्रता काफी कम होने और डेप्थ ज्यादा होने की वजह से लोगों को महसूस नहीं हुआ. इसके बाद 17 फरवरी को चार मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था, जिसकी डेप्थ 5 किलोमीटर थी. इस भूकंप का मैग्नीट्यूड ज्यादा होने और डेप्थ काफी कम होने की वजह से दिल्ली वासियों को भूकंप के झटके काफी तेज महसूस हुए.

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, साल 2024 में देश-दुनिया में आए 5 मैग्नीट्यूट से बड़े भूकंप, जिनकी डेप्थ रही कम-

  1. 6 जनवरी 2024 को कार्ल्सबर्ग रीज (Carlsberg Ridge) में 5.4 मैग्नीट्यूट का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  2. 18 फरवरी 2024 को अफगानिस्तान में 5.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 15 किलोमीटर थी.
  3. 19 फरवरी 2024 को लद्दाख में 5.2 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  4. 5 मार्च 2024 को किंघई (Qinghai), चीन में 5.2 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  5. 4 अप्रैल 2024 को चंबा, हिमाचल प्रदेश में 5.3 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  6. 13 अप्रैल 2024 को साइजिंग शिजांग (Xizang), चीन में 5.7 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  7. 18 अप्रैल 2024 को शिजांग (Xizang), चीन में 5.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  8. 28 मई 2024 को हिंद महासागर में 5.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था, जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  9. 1 जून 2024 को शिजांग (Xizang), चीन में 5.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  10. 12 जून 2024 को किंघई (Qinghai), चीन में 5.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
Earthquake in Uttarakhand
भूकंप डेप्थ को लेकर जानकारी (फोटो- ETV Bharat Graphics)

यहां भी डेप्थ रही कम: इसके साथ ही 19 जून 2024 को अफगानिस्तान में 5.7 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था, जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी. 26 जून 2024 को बंगाल की खाड़ी में 5.3 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी. 15 जुलाई 2024 को पाकिस्तान में 5.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी. 20 जुलाई 2024 को हिंद महासागर में 5.4 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी. 1 सितंबर 2024 को बंगाल की खाड़ी में 5.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी. 19 सितंबर 2024 को बंगाल की खाड़ी में 5.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी. 23 नवंबर 2024 को तजाकिस्तान में 5.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.

Earthquake in Uttarakhand
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (फोटो- ETV Bharat)

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक ने दी अहम जानकारी

भूकंप में डेप्थ की काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. क्योंकि, भूकंप की डेप्थ जितनी कम होगी, वो उतना ज्यादा नुकसानदायक होगा. हिमालयन क्षेत्रों में आने वाले भूकंप की डेप्थ लगभग 20 से 25 किलोमीटर की होती है. जिसके आने पर ज्यादा नुकसान होता है.
- डॉ. नरेश कुमार, वैज्ञानिक, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान -

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, साल 2025 में देश-दुनिया में आए 5 मैग्नीट्यूट से बड़े भूकंप, जिनकी डेप्थ रही कम-

  1. 7 जनवरी 2025 को तिब्बत में 7.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  2. 7 जनवरी 2025 को तिब्बत में 5.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 7 किलोमीटर थी.
  3. 13 जनवरी 2025 को तिब्बत में 5.2 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  4. 21 जनवरी 2025 को तिब्बत में 5.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  5. 7 फरवरी 2025 को हिंद महासागर में 5.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
  6. 9 फरवरी 2025 को कैमन आईलैंट रीजन (Cayman Islands Region) में 7.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
Earthquake in Uttarakhand
भूकंप की तीव्रता मापने का यंत्र (फोटो- ETV Bharat)

भारत देश में आए बड़े भूकंप, जिनकी डेप्थ रही थी कम-

  • 12 जून 1897 को शिलांग, मेघायल में करीब 8.2 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ अनुमानित 32 किलोमीटर थी.
  • 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में 7.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ अनुमानित 6 किलोमीटर थी.
  • 15 जनवरी 1934 को बिहार-नेपाल में 8.0 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 15 किलोमीटर थी.
  • 15 अगस्त 1950 को असम-तिब्बत में 8.7 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ करीब 15 किलोमीटर थी.
  • 19 जनवरी 1975 को किन्नौर, हिमाचल प्रदेश में 6.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ करीब 33 किलोमीटर थी.
  • 20 अक्टूबर 1991 को उत्तरकाशी, उत्तराखंड में 6.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 11.6 किलोमीटर थी.
  • 29 मार्च 1999 को चमोली, उत्तराखंड में 6.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 15 किलोमीटर थी.
  • 26 जनवरी 2001 को भुज, गुजरात में 7.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 23.6 किलोमीटर थी.
  • 8 अक्टूबर 2005 को कश्मीर में 7.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 21 किलोमीटर थी.
  • 18 सितंबर 2011 को सिक्किम में 6.9 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. जिसकी डेप्थ 10 किलोमीटर थी.
Earthquake in Uttarakhand
हिमालय में भूकंप आने की वजह (फोटो- ETV Bharat Graphics)

भूकंप की डेप्थ जितनी कम, उतना ज्यादा नुकसान: नरेश कुमार ने बताया कि हिंदू कुश में आने वाले भूकंप के डेप्थ को देखें तो उन क्षेत्र में भूकंप का डेप्थ लगभग 100 से 150 किलोमीटर का होता है. यही वजह है कि हिंदु कुश में 6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आने के बावजूद ज्यादा नुकसान नहीं होता है. साथ ही कहा कि भूकंप का डेप्थ जितना कम होगा, उतना ज्यादा नुकसान होगा. हालांकि, दिल्ली में आने वाले भूकंप जमीनी सतह के काफी नजदीक होते हैं.

दिल्ली में आने वाला भूकंप लगभग 5 से 10 किलोमीटर डेप्थ का होता है. ऐसे में इस क्षेत्र में नुकसान होने की संभावना काफी ज्यादा रहती है. लिहाजा, ऐसे में क्षेत्रों में काफी ज्यादा सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. साथ ही बताया कि दिल्ली में लोकल टेक्टॉनिक एक्टिविटी के साथ ही हिमालय से काफी नजदीक होने की वजह से दिल्ली में भूकंप आते हैं. दिल्ली में सबसे बड़ा करीब 6 मैग्नीट्यूड तक का भूकंप आ सकता है.

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Last Updated : Feb 19, 2025, 10:39 AM IST
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