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उत्तराखंड में नामी दवा कंपनी पर बड़ा एक्शन, बंद किया प्रोडक्शन, NCB की छापेमारी जारी - HARIDWAR PHARMA COMPANY

हरिद्वार की नामी फार्मा कंपनी में दवा प्रोडक्शन को विधिवत तरीके से बंद करने के आदेश जारी, अभी भी चल रही एनसीबी की छापेमारी

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हरिद्वार ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 20, 2025, 11:02 PM IST

Updated : Feb 20, 2025, 11:10 PM IST

हरिद्वार: बहादराबाद औद्योगिक क्षेत्र में नामी कंपनी का प्रोडक्शन विधिवत तरीके से बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं. ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने इससे संबंधित आदेश पत्र सौंप दिया है. जबकि, एनसीबी की हरिद्वार की फार्मा कंपनी में चल रही छापेमारी लगातार जारी है.

दरअसल, हाल में ही एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 60 हजार नशीली गोलियों के साथ 7 तस्कर पकड़े थे. तस्करों से पूछताछ में जानकारी मिली थी कि हरिद्वार की एक फार्मा में नशीली गोलियां बनाई जा रही हैं. जिसके बाद यहां छापेमारी की गई, जो गुप्त तरीके से पिछले दो दिनों से जारी है.

एनसीबी अभी तक हरिद्वार की इस कंपनी से करीब ढाई लाख नशीली गोलियों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. नारकोटिक्स की जांच फिलहाल सिडकुल की दूसरी कंपनी तक पहुंच गई है. जहां फिलहाल चंडीगढ़ की नारकोटिक्स विभाग की टीम ने डेरा डाला हुआ है.

क्या बोलीं हरिद्वार ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती? हरिद्वार ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती का कहना है कि फिलहाल नारकोटिक्स विभाग की कार्रवाई चल रही है. जो दवाइयों को सीज कर रही है. सिडकुल में जून 2024 में भी तीन दिवसीय निरीक्षण किया गया था. जिसमें काफी खामियां पाई गई थी. इसलिए उनके प्रोडक्शन को रोक दिया गया था.

वहीं, एनसीबी की ओर से वहां जांच की जा रही है, जहां पर दवाइयां सीज की गई है. हालांकि, एनसीबी की अपनी जांच होती है. जितना भी नारकोटिक्स का लाइसेंस होता है, वो नारकोटिक्स डिपार्टमेंट की ओर से ही दिया जाता है. एनसीबी का ही उसमें रोल पूरा होता है. दवाओं का पूरा सेल आउट और उसका जो रिटर्न होता है, वो सब उन्हें ग्वालियर में ही जमा करना होता है.

उन्होंने बताया कि जो दवा वहां पर रखी गई थी, वो अप्रैल 2024 की बनी हुई है. ऐसे में ड्रग कंट्रोलर की ओर से जो कंपनी को लेटर जारी किया गया, वो जून 2024 में किया गया था. वहां पर दवाइयां नहीं बनाई गई. वहां पर जो दवाइयों का स्टॉक था. वो एक्सपोर्ट हो रही थी. मामला अन्य देशों का भी है. क्योंकि, सिरप से जुड़े कई मामले सामने आए हुए हैं.

ऐसे में वो (एनसीबी) उनकी गोपनीय सूचना है. जो गोपनीय जांच है. उसमें उनका यानी हरिद्वार ड्रग कंट्रोलर का किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करना उचित नहीं है. एनसीबी की बड़े लेवल पर टीम है, जो अलग-अलग राज्यों में कार्रवाई कर रही है, लेकिन उनका जो टेक्निकल प्वाइंट था. कंपनी का जो लाइसेंस था और जहां पर उन्होंने दवाई स्टॉक की थी, वो लाइसेंस उसके पास है. वहां के रूल के जो उल्लंघन थे, उसके हिसाब से कंपनी को स्टॉप प्रोडक्शन कर दिया गया है.

फिलहाल, जो दवाइयां सीज की जा रही है, वो अप्रैल-मई-जून 2024 की बनी हुई है. अभी उनकी यानी एनसीबी की कार्रवाई जारी रहेगी. ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती ने बताया कि निरीक्षण के दौरान दवाइयों के सैंपल सीडीएसओ ने लिए थे. कभी-कभी अगर कोई सैंपल फेल आ जाता है तो फार्मा कंपनी उस दवा को आगे नहीं बेचती है.

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हरिद्वार: बहादराबाद औद्योगिक क्षेत्र में नामी कंपनी का प्रोडक्शन विधिवत तरीके से बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं. ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने इससे संबंधित आदेश पत्र सौंप दिया है. जबकि, एनसीबी की हरिद्वार की फार्मा कंपनी में चल रही छापेमारी लगातार जारी है.

दरअसल, हाल में ही एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 60 हजार नशीली गोलियों के साथ 7 तस्कर पकड़े थे. तस्करों से पूछताछ में जानकारी मिली थी कि हरिद्वार की एक फार्मा में नशीली गोलियां बनाई जा रही हैं. जिसके बाद यहां छापेमारी की गई, जो गुप्त तरीके से पिछले दो दिनों से जारी है.

एनसीबी अभी तक हरिद्वार की इस कंपनी से करीब ढाई लाख नशीली गोलियों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. नारकोटिक्स की जांच फिलहाल सिडकुल की दूसरी कंपनी तक पहुंच गई है. जहां फिलहाल चंडीगढ़ की नारकोटिक्स विभाग की टीम ने डेरा डाला हुआ है.

क्या बोलीं हरिद्वार ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती? हरिद्वार ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती का कहना है कि फिलहाल नारकोटिक्स विभाग की कार्रवाई चल रही है. जो दवाइयों को सीज कर रही है. सिडकुल में जून 2024 में भी तीन दिवसीय निरीक्षण किया गया था. जिसमें काफी खामियां पाई गई थी. इसलिए उनके प्रोडक्शन को रोक दिया गया था.

वहीं, एनसीबी की ओर से वहां जांच की जा रही है, जहां पर दवाइयां सीज की गई है. हालांकि, एनसीबी की अपनी जांच होती है. जितना भी नारकोटिक्स का लाइसेंस होता है, वो नारकोटिक्स डिपार्टमेंट की ओर से ही दिया जाता है. एनसीबी का ही उसमें रोल पूरा होता है. दवाओं का पूरा सेल आउट और उसका जो रिटर्न होता है, वो सब उन्हें ग्वालियर में ही जमा करना होता है.

उन्होंने बताया कि जो दवा वहां पर रखी गई थी, वो अप्रैल 2024 की बनी हुई है. ऐसे में ड्रग कंट्रोलर की ओर से जो कंपनी को लेटर जारी किया गया, वो जून 2024 में किया गया था. वहां पर दवाइयां नहीं बनाई गई. वहां पर जो दवाइयों का स्टॉक था. वो एक्सपोर्ट हो रही थी. मामला अन्य देशों का भी है. क्योंकि, सिरप से जुड़े कई मामले सामने आए हुए हैं.

ऐसे में वो (एनसीबी) उनकी गोपनीय सूचना है. जो गोपनीय जांच है. उसमें उनका यानी हरिद्वार ड्रग कंट्रोलर का किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करना उचित नहीं है. एनसीबी की बड़े लेवल पर टीम है, जो अलग-अलग राज्यों में कार्रवाई कर रही है, लेकिन उनका जो टेक्निकल प्वाइंट था. कंपनी का जो लाइसेंस था और जहां पर उन्होंने दवाई स्टॉक की थी, वो लाइसेंस उसके पास है. वहां के रूल के जो उल्लंघन थे, उसके हिसाब से कंपनी को स्टॉप प्रोडक्शन कर दिया गया है.

फिलहाल, जो दवाइयां सीज की जा रही है, वो अप्रैल-मई-जून 2024 की बनी हुई है. अभी उनकी यानी एनसीबी की कार्रवाई जारी रहेगी. ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती ने बताया कि निरीक्षण के दौरान दवाइयों के सैंपल सीडीएसओ ने लिए थे. कभी-कभी अगर कोई सैंपल फेल आ जाता है तो फार्मा कंपनी उस दवा को आगे नहीं बेचती है.

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Last Updated : Feb 20, 2025, 11:10 PM IST
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