नई दिल्ली: दिल्ली में सत्ता हासिल होते ही रेखा गुप्ता सरकार एक्शन मोड में आ गई है. शपथ लेते ही जहां पहली कैबिनेट बुलाकर दिल्ली में आयुष्मान योजना लागू करने की बात कही गई. वहीं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्व के और पिछले सालों में ठप रहीं योजनाओं का मुद्दा भी उठाया. इतना ही नहीं मंत्रियों के निजी स्टाफ जिनकी पोस्टिंग कहीं और थी और काम अपने खास नेताओं के साथ कर रहे थे उन पर भी गाज गिरी.
दिल्ली चुनाव नतीजों का बिहार चुनाव पर भी असर देखा सकता है. सूत्रों की माने तो भाजपा आगामी सभी चुनावों में दिल्ली में संकल्प किए गए वायदों और सरकार द्वारा उठाए गए कदम को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाकर मतदाताओं के सामने रखेगी.
दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के साथ ही भाजपा पर दबाव भी काफी है. वह इसलिए क्योंकि इसी साल बिहार में और इससे आगे भी कई राज्यों में चुनाव हैं. ऐसे में भाजपा के सामने ये चुनौती है कि वो देश की राजधानी दिल्ली की सत्ता में काबिज होने के बाद किए गए तमाम वायदों को पूरा करके दिखाए ताकि दूसरे राज्यों में इसे उदाहरण के तौर पर रखा जा सके.
इसके आलावा जिस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीतकर भाजपा सत्ता में आई है, जल्द ही वो केजरीवाल सरकार के शराब घोटाले और अन्य अनियमितताओं पर भी फाइल खोलने जा रही है. सूत्रों की माने तो विधानसभा के सत्र में अभिभाषण के बाद पूर्व की दिल्ली सरकार की अनियमितताओं से संबंधित कैग की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने की तैयारी की जा रही है.
इसके बाद जो एक के बाद एक तमाम आरोप भाजपा लगाए गए, उनसे संबंधित फाइलें भी खोली जाएंगी. सूत्रों की माने तो दिल्ली की सरकार में भी भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए निजी सचिवों और निजी स्टाफ की तैनाती केंद्र नेतृत्व से मंजूरी के बाद ही की जा सकेगी.
साथ ही सूत्रों के अनुसार जल्द ही जिस पूर्वांचल के मुद्दे को लेकर भाजपा आगे बढ़ी है उससे संबंधित पूर्वांचल बोर्ड के गठन की शुरुआत की जाएगी. इसके अलावा सूत्रों के मुताबिक महिलाओं को किए गए 2,500 देने के वायदे को राज्य की सरकार 8 मार्च यानी अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के साथ शुरुआत करने की भी योजना बना रही है. इसके अलावा भी सरकार कई मुद्दों पर काम कर रही है, जिनमें कई मकान जो झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को मिलने थे, वो उन्हें नहीं मिल पाए है और आवंटन के बगैर ही खराब हो गए. इनका भी पुनरुद्धार की शुरुआत की जाएगी.
साथ ही पेयजल का मुद्दा जो इस बार के चुनाव में एक बड़ा मुद्दा था इस पर भी अंदरखाने बैठक शुरू हो चुकी है. जल बोर्ड के अधिकारी एक्शन में आ चुके हैं. साथ ही टैंकर माफियाओं की भी फेहरिस्त बनाई जा रही है. जिन पर जल्द ही शिकंजा कसा जा सकता है.
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