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By PTI

Published : Jul 11, 2024, 8:56 AM IST

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दक्षिण अफ्रीका: 'आतंकवादी हमले' में निशाना बनायी गई मस्जिद खुली रहेगी - Attempted terror attack mosque

SA MOSQUE FOILED ATTACK: दक्षिण अफ्रीका में मस्जिद के ट्रस्टियों ने फैसला किया है कि आतंकवादी हमले के प्रयास के बाद भी मस्जिद खुली रहेगी. कथित तौर पर कुछ दिन पहले ही इसे 'आतंकवादी हमले' में निशाना बनाया गया था.

SA MOSQUE FOILED ATTACK
प्रतीकात्मक तस्वीर. (दक्षिण अफ्रिकी सोशल मीडिया से सभार.)

जोहान्सबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के तटीय शहर डरबन में एक मस्जिद के ट्रस्टियों ने बुधवार को वहां नमाज जारी रखने की बात कही. इस मस्जिद को एक नाकाम बम विस्फोट के प्रयास में निशाना बनाया गया था. मस्जिद के ट्रस्टियों ने कहा कि यह हमला मुस्लिम समुदाय को उनके धर्म का पालन करने से नहीं रोक सकेगा.

डरबन नॉर्थ के उपनगर में मस्जिदुर रहमान के ट्रस्टी यूसुफ देसाई ने बुधवार को स्थानीय मीडिया को बताया कि सोमवार को पुलिस को बुलाया गया, जब मस्जिद के सुरक्षा गार्ड ने मस्जिद के ड्राइववे में घुसे एक वाहन से बाहर निकलने वाले एक व्यक्ति से संपर्क किया.

जैसे ही गार्ड उसके पास पहुंचा, वाहन तेजी से भाग गया, लेकिन उससे पहले व्यक्ति ने मस्जिद में कुछ फेंका. दक्षिण अफ्रीकी पुलिस सेवा के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जे नाइकर ने पुष्टि की कि बम निरोधक दस्ते के तकनीशियनों ने मस्जिद स्थल पर वाणिज्यिक विस्फोटकों से बने एक विस्फोटक उपकरण की पहचान की, जिसमें फ्यूज लगाई गई थी. हालांकि इसे विस्फोट करने के लिए सेट नहीं किया गया था.

देसाई ने स्थानीय मीडिया को बताया कि यह हमला मुस्लिम समुदाय को अपने धर्म का पालन करने या अन्य धर्मों के साथ संवाद करने से नहीं रोकेगा. देश में मुस्लिम संगठनों ने बम विस्फोट के प्रयास को इस्लामोफोबिक आतंकवादी हमला करार दिया है.

दक्षिण अफ्रीका के जमीयतुल उलेमा (मुस्लिम धर्मशास्त्रियों की परिषद) के साथ-साथ सुन्नी उलेमा परिषद ने भी इस बम विस्फोट के प्रयास की निंदा की है और इसे एक ऐसे समुदाय पर इस्लामोफोबिक हमला बताया है, जिसने मस्जिद का इस्तेमाल सामुदायिक केंद्र के रूप में किया है और इस क्षेत्र में सभी को लाभ पहुंचाने वाली सामाजिक परियोजनाएं चलायी हैं.

डरबन नॉर्थ, जो कभी रंगभेद के दौर में केवल श्वेत अल्पसंख्यक दक्षिण अफ़्रीकियों के लिए आरक्षित एक कुलीन उपनगर था, अब बड़ी संख्या में भारतीय मूल के छठी और सातवीं पीढ़ी के नागरिकों का घर है, जिन्होंने वहां अपनी मस्जिद बना ली है.

देश भर में कई अन्य पूर्व श्वेत उपनगरों में भी यही स्थिति रही है, जिसके कारण अक्सर प्रतिदिन पांच बार लाउडस्पीकर पर अजान (प्रार्थना के लिए आह्वान) को लेकर अन्य धर्मों के पड़ोसियों के साथ तनाव पैदा होता है.

इससे पहले की घटनाओं में मस्जिदों में सुअर का सिर फेंकना और विरोधियों तथा धर्मावलंबियों के बीच तीखी झड़पें शामिल हैं, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यह पहली बार है कि किसी मस्जिद पर बम विस्फोट का प्रयास किया गया है.

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