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हरियाणा चुनाव से पहले BJP की बढ़ी मुश्किलें! किसान महापंचायत की काट निकलेगी, कैसे 'कंट्रोल' करेगी भाजपा? - BJP on Kisan Mahapanchayat

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

BJP on Kisan Mahapanchayat :हरियाणा में किसानों के मुद्दे पर भाजपा लगातार चिंतित नजर आ रही है. पार्टी ने किसानों द्वारा घोषित महापंचायत के मद्देनजर किसानों को लुभाने के लिए कई कार्यक्रम बनाए हैं, जिसमें पार्टी केंद्र की सरकार और राज्य की सरकार ने किसानों के मुद्दे पर क्या क्या किया है, इस बात को लोगों के घर-घर जाकर विस्तृत जानकारी देगी. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवादाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...

haryana assembly election
किसान आंदोलन की प्रतीकात्मक तस्वीर, दूसरी तस्वीर नायब सैनी और जेपी नड्डा (ANI)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने नारी,अन्नदाता,युवा और किसान को ही चार जातियां बताएं थी. भाजपा के लिए समय समय पर हरियाणा और पंजाब के किसानों द्वारा किया जाने वाला विरोध प्रदर्शन हमेशा से मुश्किल बढ़ाता रहा है. एक बार फिर से हरियाणा के विधानसभा चुनाव से पहले किसानों ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है. हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों ने राज्य में बीजेपी के खिलाफ 3 अक्टूबर को पूरे देश में रेल ट्रैक जाम करने की घोषणा कर दी है.

किसान पंचायत में हुए इस फैसले ने बीजेपी की काफी मुश्किलें बढ़ा दी है, जिसे लेकर भाजपा ने किसानों और हरियाणा के खासतौर हरियाणा के विधानसभा चुनाव को देखते हुए घर-घर जाकर किसानों के लिए किए गए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कार्यों को पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बताएंगे. दरअसल, हरियाणा और पंजाब में किसानों का एक बड़ा वोट बैंक है और पार्टी को मालूम है कि, बगैर किसानों के समर्थन के बिना चुनाव जीतना मुश्किल है. यही वजह है कि, पार्टी इस बात को ध्यान में रखते हुए किसानों को लुभाने का कार्यक्रम बना रही है.

पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी के नेता किसानों के घर-घर जाकर कैंपेन करेंगे और उन्हें केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की बीजेपी सरकार द्वारा किसानों के हितों में उठाए गए फैसलों के बारे में जानकारी भी देंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट... (ETV Bharat)

इसी तरह हरियाणा में पीएम भी अपनी रैलियों और कार्यक्रमों में किसानों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों और योजनाओं को गिनाएंगे. साथ ही इसी मुद्दे पर पार्टी के बाकी वरिष्ठ नेता भी जिनमें मुख्य तौर पर अमित शाह, जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान, सतीश पुनिया सहित तमाम नेता अपनी सभाओं में किसानों स्बंधित पिछले दस साल में किए गए कार्यों के बारे में जानकारी देंगे और उन्हें इन योजनाओं से मिलने वाले लाभ के बारे में भी बताएंगे.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने इसकी शुरुआत सोमवार को हरियाणा के अपने कार्यक्रम में कर दी है. शाह ने हरियाणा में रैली को संबोधित करते हुए किसानों को हुड्डा सरकार की याद भी दिलाई. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस की सरकारों के समय इन्होंने दिल्ली के दामाद को खुश करने के लिए हरियाणा के किसानों की भूमि कौड़ियों के भाव दे दी और बड़े-बड़े भ्रष्टाचार किए. उन्होंने आगे कहा कि, काम अब बीजेपी की सरकार ने किया है. साथ ही उन्होंने यहां तक आरोप लगाए थे कि, डीलर और दामाद की सरकार ने किसानों की जमीन काफी लूट-खसोट की जो कौड़ियों के भाव उनसे ली गई.

बीजपी सूत्रों के मुताबिक, जहां बड़े नेता बड़ी-बड़ी रैलियां करके किसानों को लुभाने का प्रयास करेंगे, दोनों सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताएंगे और साथ ही बीजेपी के संकल्प पत्र में किए गए वादों को भी गिनाएंगे. वहीं स्थानीय स्तर पर बीजेपी के नेता एवं कार्यकर्ता घर-घर जाकर किसानों का समर्थन हासिल करने की कोशिश करेंगे. इसके लिए बाकायदा एक अभियान चलाया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी पार्टी के किसान मोर्चा को दी गई है.

किसान मोर्चा के सदस्य गांव-गांव जाकर चौपाल लगाएंगे. चौपाल में गांवों के प्रमुख लोगों के साथ बीजेपी के स्थानीय नेता और किसान मोर्चे के नेता मौजूद रहेंगे. इसमें भाजपा की डबल इंजन की सरकार के द्वारा किसानों के हित में लाई गयिनयोजनाओं के बारे में चौपाल लगाकर जानकारी दी जाएगी.

बीजेपी ने चुनावी घोषणापत्र में 24 फसलों की घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने के वादे के साथ साथ 2 लाख युवाओं को बिना पर्ची बिना खर्ची पक्की सरकारी नौकरी , शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 लाख आवास समेत 5 लाख युवाओं के लिए अन्य रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का वायदा किया है, जिसे पार्टी का किसान मोर्चा जन-जन तक पहुंचाएंगे ताकि किसानों का जो रुख नजर आ रहा उस पर कंट्रोल किया जा सके.

ये भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव 2024: श्रीनगर रैली में गरजे राहुल गांधी, जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का किया वादा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने नारी,अन्नदाता,युवा और किसान को ही चार जातियां बताएं थी. भाजपा के लिए समय समय पर हरियाणा और पंजाब के किसानों द्वारा किया जाने वाला विरोध प्रदर्शन हमेशा से मुश्किल बढ़ाता रहा है. एक बार फिर से हरियाणा के विधानसभा चुनाव से पहले किसानों ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है. हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों ने राज्य में बीजेपी के खिलाफ 3 अक्टूबर को पूरे देश में रेल ट्रैक जाम करने की घोषणा कर दी है.

किसान पंचायत में हुए इस फैसले ने बीजेपी की काफी मुश्किलें बढ़ा दी है, जिसे लेकर भाजपा ने किसानों और हरियाणा के खासतौर हरियाणा के विधानसभा चुनाव को देखते हुए घर-घर जाकर किसानों के लिए किए गए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कार्यों को पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बताएंगे. दरअसल, हरियाणा और पंजाब में किसानों का एक बड़ा वोट बैंक है और पार्टी को मालूम है कि, बगैर किसानों के समर्थन के बिना चुनाव जीतना मुश्किल है. यही वजह है कि, पार्टी इस बात को ध्यान में रखते हुए किसानों को लुभाने का कार्यक्रम बना रही है.

पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी के नेता किसानों के घर-घर जाकर कैंपेन करेंगे और उन्हें केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की बीजेपी सरकार द्वारा किसानों के हितों में उठाए गए फैसलों के बारे में जानकारी भी देंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट... (ETV Bharat)

इसी तरह हरियाणा में पीएम भी अपनी रैलियों और कार्यक्रमों में किसानों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों और योजनाओं को गिनाएंगे. साथ ही इसी मुद्दे पर पार्टी के बाकी वरिष्ठ नेता भी जिनमें मुख्य तौर पर अमित शाह, जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान, सतीश पुनिया सहित तमाम नेता अपनी सभाओं में किसानों स्बंधित पिछले दस साल में किए गए कार्यों के बारे में जानकारी देंगे और उन्हें इन योजनाओं से मिलने वाले लाभ के बारे में भी बताएंगे.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने इसकी शुरुआत सोमवार को हरियाणा के अपने कार्यक्रम में कर दी है. शाह ने हरियाणा में रैली को संबोधित करते हुए किसानों को हुड्डा सरकार की याद भी दिलाई. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस की सरकारों के समय इन्होंने दिल्ली के दामाद को खुश करने के लिए हरियाणा के किसानों की भूमि कौड़ियों के भाव दे दी और बड़े-बड़े भ्रष्टाचार किए. उन्होंने आगे कहा कि, काम अब बीजेपी की सरकार ने किया है. साथ ही उन्होंने यहां तक आरोप लगाए थे कि, डीलर और दामाद की सरकार ने किसानों की जमीन काफी लूट-खसोट की जो कौड़ियों के भाव उनसे ली गई.

बीजपी सूत्रों के मुताबिक, जहां बड़े नेता बड़ी-बड़ी रैलियां करके किसानों को लुभाने का प्रयास करेंगे, दोनों सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताएंगे और साथ ही बीजेपी के संकल्प पत्र में किए गए वादों को भी गिनाएंगे. वहीं स्थानीय स्तर पर बीजेपी के नेता एवं कार्यकर्ता घर-घर जाकर किसानों का समर्थन हासिल करने की कोशिश करेंगे. इसके लिए बाकायदा एक अभियान चलाया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी पार्टी के किसान मोर्चा को दी गई है.

किसान मोर्चा के सदस्य गांव-गांव जाकर चौपाल लगाएंगे. चौपाल में गांवों के प्रमुख लोगों के साथ बीजेपी के स्थानीय नेता और किसान मोर्चे के नेता मौजूद रहेंगे. इसमें भाजपा की डबल इंजन की सरकार के द्वारा किसानों के हित में लाई गयिनयोजनाओं के बारे में चौपाल लगाकर जानकारी दी जाएगी.

बीजेपी ने चुनावी घोषणापत्र में 24 फसलों की घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने के वादे के साथ साथ 2 लाख युवाओं को बिना पर्ची बिना खर्ची पक्की सरकारी नौकरी , शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 लाख आवास समेत 5 लाख युवाओं के लिए अन्य रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का वायदा किया है, जिसे पार्टी का किसान मोर्चा जन-जन तक पहुंचाएंगे ताकि किसानों का जो रुख नजर आ रहा उस पर कंट्रोल किया जा सके.

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