न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "आज मैं यहां मानवता के छठे हिस्से की आवाज को सुनने के लिए आया हूं... हमने भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और हमने दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है. हम सफलता के इस अनुभव को ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं."
#WATCH | Speaking at Summit of the Future at the UN, PM Narendra Modi says, " today, i am here to bring here the voice of the one-sixth of the humanity... we have elevated 250 million people out of poverty in india and we have shown that sustainable development can be successful.… pic.twitter.com/FiA8Cv6Gap
— ANI (@ANI) September 23, 2024
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने वैश्विक संस्थाओं में सुधार का आह्वान किया और सुधारों को प्रासंगिकता की कुंजी बताया. उन्होंने अफ्रीकी संघ को जी-20 में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किए जाने को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने कहा, "वैश्विक शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक संस्थाओं में सुधार आवश्यक हैं. सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है. नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ की जी-20 में स्थायी सदस्यता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था."
#WATCH | Speaking at the 79th UN General Assembly session, PM Modi says, " while on one hand, terrorism continues to be a serious threat to global peace and security, on the other hand, cyber, maritime and space are emerging as new theatres of conflict. on all these issues, i will… pic.twitter.com/aX6GaNL57T
— ANI (@ANI) September 23, 2024
उन्होंने कहा, "जहां एक ओर आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर साइबर, मेरीटाइम और स्पेस संघर्ष के नए मैदान बनकर उभर रहे हैं. मैं इन सभी मुद्दों पर जोर देते हुए कहूंगा कि वैश्विक कार्रवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा के अनुरूप होनी चाहिए."
#WATCH | Speaking at the 79th UN General Assembly session, PM Modi says, " for safe and responsible use of technology, balance regulation is needed. we want such global digital governance in which sovereignty and integrity remain intact. digital public infrastructure (dpi) should… pic.twitter.com/FaDN6ji0ba
— ANI (@ANI) September 23, 2024
प्रौद्योगिकी पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए संतुलित विनियमन की आवश्यकता है. हम ऐसा ग्लोबल डिजिटल गवर्नेंस चाहते हैं जिसमें सभी की संप्रभुता और अखंडता बरकरार रहे. प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) एक पुल होनी चाहिए न कि बाधा. वैश्विक भलाई के लिए भारत अपनी डीपीआई साझा करने को तैयार है. भारत के लिए एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य को लेकर प्रतिबद्धता है.
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