मुंबई: महाराष्ट्र की उद्योग-अनुकूल नीतियों के कारण 24 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों का निर्यात हुआ है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन निर्यातों में राज्य की बड़ी हिस्सेदारी की सराहना की. वित्त मंत्री केंद्रीय बजट के बारे में जानकारी देने के लिए मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए इस बात की जानकारी दी. कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र निवेश के लिए अनुकूल राज्य है. देश की अच्छी आर्थिक स्थिति के कारण निवेशकों को शेयर बाजार में अच्छा रिटर्न मिल रहा है. निर्मला सीतारमण ने बताया कि, अगर महाराष्ट्र की आर्थिक क्षमताओं पर गंभीरता से विचार किया जाता, तो वढवन बंदरगाह के बारे में निर्णय 20 साल पहले लिया गया होता, लेकिन यह निर्णय नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लिया गया.
उन्होंने आगे कहा कि, महाराष्ट्र की उद्योग-अनुकूल नीतियों को केंद्र सरकार का समर्थन मिलता है. हम हमेशा महाराष्ट्र की केंद्रीय स्थिति को ध्यान में रखते हैं और हमारे फैसलों का लाभ राज्य को मिलता है. उन्होंने इस अवसर पर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का उदाहरण दिया. नए टैक्स ढांचे में 75 प्रतिशत करदाता शामिल हैं. शेष करदाताओं को अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी कर ढांचा स्वीकार करने का विकल्प है.
इस अवसर पर कहा गया कि नए कर ढांचे में धीरे-धीरे लोगों की संख्या बढ़ने पर पुराना कर ढांचा अपने आप समाप्त हो जाएगा. उन्होंने विश्वास जताया कि देश में महंगाई कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए उपायों और रिजर्व बैंक द्वारा घोषित नीतियों का लाभ मिलेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की है. इस पर वित्त मंत्री ने कहा, हम एंटी-डंपिंग शुल्क और सीमा शुल्क में सुधार लाकर भारत में निवेश के स्तर को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, संयुक्त राज्य अमेरिका से आयातित कई वस्तुओं पर पहले से ही कम आयात शुल्क लगता है, उन पर भी चर्चा होगी.
बैंकों में निवेश किए गए 5 लाख रुपये तक के जमा वर्तमान में बीमाकृत हैं, इसलिए यदि रिजर्व बैंक किसी बैंक पर प्रतिबंध लगाता है या बैंक विफल होता है, तो 5 लाख रुपये तक की राशि उपलब्ध होती है. बताया गया कि इस सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन है. देश में सहकारी बैंक अच्छी स्थिति में काम कर रहे हैं. यदि किसी बैंक की हालत खराब होती है तो रिजर्व बैंक जो नियामक संस्था है, उपाय करती है। यह उनका काम है। हालांकि, वित्त मंत्रालय के सचिव ने इस अवसर पर स्पष्ट किया कि, किसी बैंक के प्रदर्शन के कारण देश के सभी सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली और स्थिति पर संदेह करना गलत होगा.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया कि, केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने के लिए कानूनी प्रावधान किए हैं. जीएसटी परिषद तय करती है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाए या नहीं. उन्होंने कहा कि, जीएसटी परिषद ने अभी इस पर फैसला नहीं किया है. जब जीएसटी परिषद में निर्णय लिया जाएगा, तो केंद्र सरकार इस संबंध में कानून लागू करेगी. उन्होंने आगे कहा कि, जीएसटी परिषद एक संवैधानिक निकाय है इस परिषद में सभी राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से निर्णय लिए जाते हैं.
ये भी पढ़ें: भारत पहुंचे कतर के अमीर तमीम बिन हमद, पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से किया स्वागत