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यूनुस ने बांग्लादेश में बड़े सुधार का किया वादा, दुनिया के नेताओं को ढाका आने का दिया न्योता - Muhammad Yunus

By Aroonim Bhuyan

Published : Aug 17, 2024, 8:14 PM IST

Bangladesh Chief Advisor Muhammad Yunus in VOGSS: भारत की ओर से आयोजित थर्ड वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट को संबोधित करते हुए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने अपने देश में सभी स्तरों पर सुधार लाने का वादा किया. उन्होंने कहा कि आज के युवा सभी असंभव को संभव बना सकते हैं और बताया कि ग्लोबल साउथ की रणनीतियों के केंद्र में युवाओं को रखना क्यों महत्वपूर्ण है.

Bangladesh Chief Advisor Muhammad Yunus in VOGSS
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस (AP)

नई दिल्ली: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को अपने देश में राज्य संरचना के सभी स्तरों पर सुधार लाने का वादा किया और विश्व नेताओं को ढाका आने का निमंत्रण देते हुए कहा, "अन्यथा आप कुछ महत्वपूर्ण बातों से चूक सकते हैं."

बांग्लादेशी मीडिया समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई दिल्ली से ऑनलाइन आयोजित थर्ड वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट (VOGSS) को संबोधित करते हुए यूनुस के हवाले से कहा, "आप सभी जानते हैं कि बांग्लादेश ने 5 अगस्त, 2024 को हमारे बहादुर छात्रों के नेतृत्व में और जनता के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर विद्रोह के माध्यम से 'दूसरी क्रांति' देखी. हमारी युवा पीढ़ी ने लोगों पर क्रांतिकारी बदलाव, राज्य की सभी संस्थाओं की बहाली, सार्थक सुधार के माध्यम से लोकतंत्र और मानवाधिकारों को सुनिश्चित करने की अपनी आकांक्षाओं को प्रभावित किया है.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में यूनुस की किसी बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में यह पहली भागीदारी थी. उन्होंने 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार संभाला. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को 5 अगस्त को युवाओं और छात्रों के उनकी नीतियों और शासन शैली के खिलाफ विद्रोह के कारण देश छोड़कर भागना पड़ा था. हसीना फिलहाल भारत में शरण ली हुई हैं.

सम्मेलन को संबोधित करते हुए यूनुस ने अंतरिम सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला कि वह समावेशी और बहुलवादी लोकतंत्र में परिवर्तन सुनिश्चित करेगी और ऐसा माहौल बनाएगी जिसमें स्वतंत्र, निष्पक्ष और भागीदारीपूर्ण चुनाव हो सकें. उन्होंने कहा, "अब हमारा काम हमारी चुनावी प्रणाली, न्यायपालिका, स्थानीय सरकार, मीडिया, अर्थव्यवस्था और शिक्षा में महत्वपूर्ण सुधार करना है."

1952 के भाषा आंदोलन से विद्रोह की तुलना...
उन्होंने हसीना के खिलाफ विद्रोह की तुलना बांग्लादेश में 1952 के भाषा आंदोलन से भी की. उन्होंने कहा, "1952 में, बांग्लादेशी छात्रों ने अपनी मातृभाषा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी." उन्होंने आगे कहा, "इसने पूरी दुनिया में मातृभाषा में बोलने के अधिकार के लिए संघर्ष को प्रेरित किया. लगभग सात दशक बाद हमारे छात्रों के नेतृत्व वाली दूसरी क्रांति पूरे ग्लोबल साउथ में युवाओं को लोकतंत्र, मानवाधिकार, सम्मान, समानता और साझा समृद्धि के लिए अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित कर रही है."

मोहम्मद यूनुस को माइक्रोक्रेडिट और माइक्रोफाइनेंस की अवधारणाओं को आगे बढ़ाने के लिए 2006 के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सम्मेलन में यूनुस ने वैश्विक रणनीतियों के केंद्र में दुनिया के युवाओं और छात्रों को रखने के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, "हमारी आबादी का दो-तिहाई हिस्सा युवा हैं. वे समाज का सबसे शक्तिशाली वर्ग हैं. वे अलग हैं. वे एक नई दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

सभी असंभव को संभव बना सकते हैं युवा...
दुनिया के आज के युवाओं और छात्रों को सक्षम बताते हुए उन्होंने कहा कि वे तकनीकी रूप से पिछली पीढ़ी से बहुत आगे हैं. उन्होंने कहा, "हमें युवाओं और छात्रों को, जो ग्लोबल साउथ की आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं, अपनी रणनीतियों के केंद्र में रखना चाहिए. वे सभी असंभव को संभव बना सकते हैं."

बैंकर और अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने कहा कि उनका जीवन भर का अनुभव रहा है कि "हमारी वित्तीय प्रणाली धन के जमाव को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है." उन्होंने कहा, "हमें अपनी वित्तीय प्रणाली को फिर से डिजाइन करना होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि धन सभी के बीच साझा हो. धन के लिए एकतरफा रास्ता नहीं होना चाहिए. हमें सभी लोगों, खासकर महिलाओं और युवाओं के लिए वित्तीय सेवाएं सुनिश्चित करनी चाहिए."

ढाका दुनिया की भित्तिचित्र राजधानी में बदल गई...
दिलचस्प बात यह है कि यूनुस ने सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं को जल्द ही ढाका आने का निमंत्रण दिया और कहा कि अन्यथा आप कुछ महत्वपूर्ण जीचें को नहीं देख सकेंगे. उन्होंने आगे कहा कि ढाका का अधिकांश हिस्सा दुनिया की भित्तिचित्र राजधानी में बदल गया है. उन्होंने बताया कि कैसे 12-13 साल की उम्र के बच्चे और छात्र 400 साल पुराने शहर की दीवारों पर 'नया, लोकतांत्रिक, पर्यावरण-अनुकूल बांग्लादेश' की तस्वीरें बना रहे हैं. यूनुस ने कहा, "इसके लिए कोई केंद्रीय योजना या मार्गदर्शन नहीं है. किसी से कोई बजट समर्थन नहीं है. यह सिर्फ उनकी भावनाओं और दूसरी क्रांति के लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाना है. उनके सपनों को साकार करना हमारा काम है."

VOGSS पहल क्या है...
VOGSS भारत द्वारा शुरू की गई पहल है, जिसका उद्देश्य ग्लोबल साउथ के देशों को साझा चुनौतियों और प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए एक मंच पर लाना है. यह पहल दक्षिण-दक्षिण सहयोग के महत्व पर जोर देती है, जहां विकासशील देश सहयोग कर सकते हैं, संसाधनों को साझा कर सकते हैं और एक-दूसरे के विकास लक्ष्यों का समर्थन कर सकते हैं. इसका उद्देश्य ग्लोबल साउथ के देशों के बीच एकजुटता का निर्माण करना तथा वैश्विक उत्तर की पारंपरिक शक्तियों पर निर्भरता को कम करना है. शनिवार को भारत द्वारा आयोजित तीसरे वीओजीएसएस का मुख्य विषय 'सतत भविष्य के लिए सशक्त ग्लोबल साउथ' है.

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