नई दिल्ली/नोएडाः ऑनलाइन ऐप से कार बुक करने के बाद उसे लेकर फरार होने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए बिसरख थाने की पुलिस ने तीन आरोपियों को दबोच लिया. एटीएस गोल चक्कर से चार मूर्ति की तरफ जाने वाले रास्ते पर से दबोचे गए बदमाशों के पास से महिंद्रा थार कार भी बरामद हुई है. आरोपी जो वाहन लेकर फरार होते थे, उसे कुछ ही समय बाद बेच देते थे, जो कार बरामद हुई है उसे आरोपी गाजियाबाद निवासी एक व्यक्ति को बेचने जा रहे थे.
परिचित के दस्तावेज का इस्तेमाल कर बुक की कार: डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि शुक्रवार को कार किराये पर देने का व्यवसाय करने वाले सुपरटेक इकोविलेज निवासी अक्षय शर्मा ने बिसरख थाने में तहरीर दी कि उनकी थार, जो पत्नी के नाम पर थी उसे ऑनलाइन ऐप के माध्यम से सूर्यकांत नाम से बुक किया गया. बुकिंग के बाद एक व्यक्ति जतिन आया और कार लेकर चला गया. तय समय पर जब जतिन कार लेकर वापस नहीं आया तो उसके मोबाइल पर कॉल की जाने लगी. जतिन और सूर्यकांत का नंबर बंद आने लगा.
कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस का सराहनीय कार्य !
— POLICE COMMISSIONERATE GAUTAM BUDDH NAGAR (@noidapolice) January 25, 2025
थाना बिसरख:- जूम ऐप के माध्यम से कार बुक कर(रेन्ट पर) गबन करने वाले शातिर गिरोह के 03 अभियुक्त गिरफ्तार, कब्जे से महिन्द्रा थार कार बरामद।
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पुलिस टीम का गठन: शक्ति मोहन अवस्थी ने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद गिरोह के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एसीपी दीक्षा सिंह की अगुवाई में एक टीम गठित की गई. टीम ने शनिवार को गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दिल्ली के शाहदरा निवासी प्रशांत ठाकुर, गाजियाबाद के गोविंद पुरम निवासी विनय सिरोही और उत्तराखंड के देहरादून निवासी जतिन वोइश को दबोच लिया. इसके अलावा जिसकी आईडी पर कार ली गई थी, उसकी तलाश की जा रही है. प्रशांत ठाकुर स्नातक है और वह दिल्ली में इसी प्रकार से वारदात कर चुका है.
पुलिस की सतर्क रहने की अपील: आरोपियों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो सामने आया कि प्रशांत और विनय द्वारा गिरोह को संचालित किया जाता है. कार लेकर बेचने की योजना उनकी ही होती थी. आरोपियों ने पुलिस को यह भी बताया कि उन्होंने ऐप से थार कार को किराए पर लेने के लिए अपने एक दोस्त की आईडी का प्रयोग किया था. आरोपी कुछ घंटे के लिए ही कार को लेते हैं. बुकिंग के बाद उस आईडी को दिखाकर आरोपी कार को पेपर के साथ लेने के बाद उसे घर में कोई मजबूरी बताकर बेच देते हैं. बदमाशों ने थार को गाजियाबाद में साढ़े चार लाख रुपये में बेचा था और उसकी डिलिवरी करने के लिए जा रहे थे. पुलिस अधिकारियों ने आम लोगों से अपील की है कि वे अपने दस्तावेज किसी को भी न दें. ऐसा करने से जाने अनजाने में दस्तावेज देने वाला भी अपराध का हिस्सा बन जाता है. साथ ही कार को किराये पर देने से पहले भी दस्तावेज को अवश्य चेक करें. अगर ठीक से यह जांच कर लेंगे तो इस प्रकार की वारदात से बच जाएंगे.
दो घंटे के लिए बुक की थी थार: केस दर्ज होने के बाद लोकल इन्टेलीजेन्स के माध्यम से जानकारी की गई तो पता चला कि गिरोह के सदस्य अपने परिचितों के दस्तावेज का इस्तेमाल कर कार को किराये पर ऐप के माध्यम से बुक करते हैं. आरोपी गाड़ी मालिक से वाहन प्राप्त कर फरार हो जाते हैं. कुछ समय बाद गाड़ी को बेच कर मोटी रकम कमाते थे. आरोपी जतिन और विनय सिरोही ने अपने साथी सूर्यकान्त का आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सिम कार्ड बिना उसकी जानकारी के चुराकर एप के माध्यम से थार कार को दो घंटे के लिए 1800 रूपये में किराये पर लिया. आरोपी सूर्यकान्त का आधार कार्ड दिखाकर अक्षय शर्मा से कार ले गए थे.
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