देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. कभी भी लोकसभा चुनावों की घोषणा हो सकती है. यहीं कारण है कि तमाम राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में जुटे हुए है. इसी बीच उत्तराखंड की हॉट लोकसभा सीट हरिद्वार एक बार फिर से सुर्खियों में है. क्योंकि कांग्रेस हरिद्वार लोकसभा सीट से बड़ा दाव खेलने का मन बना रही है. कांग्रेस का एक खेमा पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को हरिद्वार लोकसभा सीच से चुनाव लड़ना चाहता है. हालांकि इस सीट पर कांग्रेस के कई दिग्गज नेता पहले ही अपना दावा ठोक चुके है.
उत्तराखंड में कांग्रेस बहुत बूरे दौरे से गुजर रही है. बीते दो लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो उत्तराखंड में कांग्रेस ने पांच में से एक भी सीट नहीं जीत पाई है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इस तरह की स्थिति न बने, इसको लेकर कांग्रेस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है, जिसके लिए कांग्रेस के तमाम नेता जिला और राज्य स्तर अपने पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे है.
उत्तराखंड कांग्रेस ने दिल्ली भेजा प्रस्ताव: राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हार के बाद उत्तराखंड में बीते दिनों जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षओं की बैठक हुई थी, जिसमें एक प्रस्ताव तैयार किया गया था. इस प्रस्ताव में कहा गया था कि उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीट है, लेकिन हरिद्वार लोकसभा सीट खासी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इमसें ग्रामीण वोटरों की संख्या काफी अधिक है. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने हरिद्वार की सभी सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया था, ऐसे में कांग्रेस का कोई बड़ा चेहरा हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ता है तो उसका असर न केवल उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर, बल्कि हिमाचल और पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर भी सीधा पड़ेगा.
यहीं कारण है कि कांग्रेस के अधिकांश पदाधिकारियों ने हरिद्वार लोकसभा सीट से पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने का मन बनाया है. इसको लेकर कांग्रेस ने बकायदा एक प्रस्ताव भी तैयार किया है, जिस पर सभी नेताओं ने अपनी मुहर लगाई है.
क्या कहते हैं कांग्रेस के बड़े नेता: कांग्रेस के तमाम पदाधिकारियों ने प्रियंका गांधी के हरिद्वार लोकसभा चुनाव से चुनाव लड़ने के प्रस्ताव को प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के पास भेजा है. वहीं इस बारे में करण माहरा का कहना है कि उन्होंने इस प्रस्ताव को दिल्ली भेजा है, अब निर्णय हाईकमान को करना है.
करण माहरा का भी मानना है कि कांग्रेस के अधिकांश नेता भी यही चाहते है कि प्रियंका गांधी हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़े. क्योंकि करण माहरा को पूरा विश्वास है कि हरिद्वार लोकसभा सीट पर कांग्रेस काफी मजबूत है और वो यहां बीजेपी को अच्छी फाइट दे सकते है. करण माहरा ने कहा कि अगर प्रियंका गांधी हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ती है तो इसका फायदा कांग्रेस का होगा. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2022 में हरिद्वार जिले में अच्छा प्रदर्शन किया था.
उत्तराखंड में कांग्रेस के पास कोई बड़ा महिला चेहरा नहीं: वहीं, हरिद्वार में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी का कहना है कि उत्तराखंड में कांग्रेस के पास कोई बड़ा महिला चेहरा नहीं है. ऐसे में यदि हरिद्वार से प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव लड़ती हैं तो उसका असर उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीट पर पड़ेगा. सतपाल ब्रह्मचारी का मानना है कि हरिद्वार बड़े नेता के लिए मजबूत सीट है.
हरीश रावत ने अपने अंदाज में दिया जवाब: वहीं, हरिद्वार लोकसभा सीट पर टिकट के प्रबल दावेदार माने जाने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने अपने ही अंदाज में जवाब दिया. हरीश रावत ने कहा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा ये तो दिल्ली में बैठे कांग्रेस के बड़े नेता ही तय करेंगे, उनका काम सिर्फ चुनाव लड़ना और लड़वाना होता है. हरीश रावत का कहना है कि उनका काम कांग्रेस हाईकमान का आदेशों का पालन करना है.
एक्सपर्ट की राय:कांग्रेस की इस सोच के पीछे क्या कारण है कि इस बारे उत्तराखंड की राजनीति को बारीकी से समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा करके कांग्रेस को लगता है कि वो हिंदी बेल्ट मजबूत होगी, जहां वो काफी कमजोर हो चुकी है. कांग्रेस में अभी भी प्रियंका गांधी की छवि काफी अच्छी है. जनता के बीच प्रियंका गांधी काफी लोकप्रिय है. इसलिए अगर कांग्रेस प्रियंका गांधी को हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ती है तो पार्टी को इसका फायदा न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर भी मिलेगा.
हरिद्वार की बात की जाए तो ये शहर जितना हिंदूओं की आस्था को केंद्र है, उतना ही मुसलमानों के लिए भी महत्व रखता है, क्योंकि यहां पर पिरान कलियर जैसी दरगाह है, जहां हर साल बड़ी संख्या में जियारत करने के लिए मुस्लिम देशभर से आते है. इस सीट को जीतने के लिए बीजेपी भी कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
हरिद्वार लोकसभा सीट पर एक नजर: साल 1977 में परिसीमन के बाद हरिद्वार लोकसभा सीट अस्तिव में आई थी, तब से लेकर साल 2009 तक ये सीट आरक्षित रही है. 2009 में जब परिसीमन हुआ तो ये सीट सामान्य कर दी गई है. साल 2009 में कांग्रेस के हरीश रावत यहां से जीते थे. वहीं, बीते दो बार से (साल 2014 और साल 2019) में यहां से बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सांसद है. हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक केंद्र में मंत्री भी रह चुके है.
इस बार भी हरीश रावत ने खुले तौर पर तो नहीं, लेकिन हरिद्वार लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी ठोक चुके है. वहीं कांग्रेस के एक और बड़े नेता हरक सिंह रावत भी हरिद्वार लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर चुके है. हरिद्वार जिले में 14 विधानसभा सीटें आती है, जिसमें से पांच पर कांग्रेस के विधायक है. इसी जीत को देखकर कांग्रेस लोकसभा सीट हरिद्वार पर अपना दावा मजबूत मान रही है, इस सीट पर अल्पसंख्यक और दलितों की अच्छी खासी आबादी है.