हरिद्वार: श्री देवोत्थान सेवा समिति और पुण्यदायी सेवा समिति न्यास के साझा प्रयास से 400 हिंदू-सिखों की अस्थियां भारत लाई गई हैं. कनखल स्थित सतीघाट पर वैदिक विधि और 100 किलो दूध की धारा के साथ अस्थियों को विसर्जित किया गया. पाकिस्तान के कराची स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत रामनाथ महाराज ने इसमें अपना अहम योगदान दिया है.
श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत रामनाथ महाराज ने कहा कि पिछले 2011 और 2016 में वो पाकिस्तान से अस्थियां लेकर आए थे. अब एक बार फिर वो पाकिस्तान के कराची स्थित शमशान घाट से लगभग 400 हिंदू भाइयों की अस्थियों को लेकर हरिद्वार पहुंचे हैं. 400 हिंदुओं की अस्थियां पिछले 9 वर्षों से मोक्ष का इंतजार कर रही थी. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बार प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में भी जाने का मौका मिला है. उन्हें भारत में भाई की तरह प्यार मिला है. बहरहाल उन्होंने दोनों सरकारों से मांग की है कि वे भारत में होने वाली चारधाम यात्रा और राममंदिर के दर्शन के लिए भी पाकिस्तानी हिंदुओं को वीजा देने का काम करें.
श्री देवोत्थान सेवा समिति के राष्ट्रीय महासचिव और यात्रा संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि कराची स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत रामनाथ महाराज 2011 और 2016 में हमारी संस्था से जुड़े हैं. इसी बीच रामनाथ महाराज ने कहा कि पाकिस्तान में हिंदू-भाइयों की अस्थियां रखी हुई हैं. वो चाहते हैं कि उनको गंगा के आंचल में मोक्ष मिले. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का मामला होने के कारण हमें बहुत परेशानियां हुई, लेकिन हम कामयाब हुए.
यात्रा संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि रामनाथ महाराज के सानिध्य में 2011 में 135 लोगों की अस्थियां और 2016 में 160 लोगों की अस्थियां गंगा में विसर्जित की जा चुकी हैं. 3 दिसंबर को हमने अस्थियों को अटारी बॉर्डर से प्राप्त किया और 4 दिसंबर को निगमबोध घाट पर 13 दिन गरुड़ पाठ कराया, जबकि 21 फरवरी को हम दिल्ली से निष्काम सेवा ट्रस्ट पहुंचे. आज 400 हिंदू-सिखों की अस्थियां विधि-विधान के साथ गंगा में विसर्जित की गई.
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