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रुद्रप्रयाग में 'बालिका बधू' बनने से बची दो नाबालिग, प्रशासन ने दी सख्त चेतावनी - CHILD MARRIAGE IN RUDRAPRAYAG

रुद्रप्रयाग में बाल विवाह के बढ़ रहे मामले. बुढ़ना और झिरमोली में दो नाबालिग लड़कियों की रुकवाई गई शादी.

CHILD MARRIAGE IN JHIRMOLI
कॉन्सेप्ट इमेज (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 22, 2025, 7:06 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले में आए दिन बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला बुढ़ना और झिरमोली से सामने आया है, जहां पर दो नाबालिग लड़कियों का बाल विवाह कराया जा रहा था, लेकिन भनक लगते ही जिला प्रशासन मौके पर पहुंचा और दोनों नाबालिग लड़कियों का बाल विवाह रुकवाया. अब तक जिला प्रशासन ने 12 बाल विवाहों को रोका है.

वन स्टाॅप सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट ने बताया कि शनिवार को विकासखंड जखोली के बुढ़ना और मुख्यालय के नजदीक स्थित झिरमोली गांव में दो बच्चियों का बाल विवाह होने की सूचना मिली. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर बाल विवाह रुकवाया और फिर नाबालिग लड़कियों के परिजनों को वन स्टाॅप सेंटर में बुलाया गया. उन्होंने कहा कि परिजनों को समझाया गया कि बाल विवाह कानूनी अपराध है. जिससे परिजनों ने बच्चियों का विवाह 21 वर्ष के बाद करने की बात कही.

रंजना गैरोला भट्ट ने बताया कि वन स्टाॅप सेंटर में नाबालिग लड़कियों के परिजनों से शपथ पत्र भरवाया गया. परिवार ने स्वीकार किया कि उन्हें 18 वर्ष से पहले विवाह की मनाही की जानकारी नहीं थी. उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी गलती ना तो वो करेंगे और ना ही समाज में होने देंगे. उन्होंने कहा कि बीते जनवरी से अब तक 12 बाल विवाह को रोका जा चुका है.

उन्होंने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए जनपद व विकास खंड स्तर पर कार्यशाला आयोजित कर बच्चों व उनके अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही निकट भविष्य में भी जन जागरूकता अभियान निरंतर जारी रहेगा. कार्रवाई में चाइल्ड हेल्पलाइन व वन स्टाॅप सेंटर के प्रतिनिधि व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

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वन स्टाॅप सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट ने बताया कि शनिवार को विकासखंड जखोली के बुढ़ना और मुख्यालय के नजदीक स्थित झिरमोली गांव में दो बच्चियों का बाल विवाह होने की सूचना मिली. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर बाल विवाह रुकवाया और फिर नाबालिग लड़कियों के परिजनों को वन स्टाॅप सेंटर में बुलाया गया. उन्होंने कहा कि परिजनों को समझाया गया कि बाल विवाह कानूनी अपराध है. जिससे परिजनों ने बच्चियों का विवाह 21 वर्ष के बाद करने की बात कही.

रंजना गैरोला भट्ट ने बताया कि वन स्टाॅप सेंटर में नाबालिग लड़कियों के परिजनों से शपथ पत्र भरवाया गया. परिवार ने स्वीकार किया कि उन्हें 18 वर्ष से पहले विवाह की मनाही की जानकारी नहीं थी. उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी गलती ना तो वो करेंगे और ना ही समाज में होने देंगे. उन्होंने कहा कि बीते जनवरी से अब तक 12 बाल विवाह को रोका जा चुका है.

उन्होंने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए जनपद व विकास खंड स्तर पर कार्यशाला आयोजित कर बच्चों व उनके अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही निकट भविष्य में भी जन जागरूकता अभियान निरंतर जारी रहेगा. कार्रवाई में चाइल्ड हेल्पलाइन व वन स्टाॅप सेंटर के प्रतिनिधि व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

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