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कंसोलिडेशन में भारतीय शेयर बाजार, एफआईआई की जल्द हो सकती है वापसी - FII MAY RETURN INDIAN MARKET

शेयर बाजार अभी लगातार रेड जोन में बंद हो रहा है. एफआईआई की बिकवाली भी जारी है. पर कुछ पॉजिटिव खबरे भी आ रहीं हैं.

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शेयर बाजार, कॉन्सेप्ट फोटो (IANS)
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By IANS

Published : Feb 22, 2025, 7:22 PM IST

मुंबई : भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते कंसोलिडेशन फेस में रहा. इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में करीब आधा प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. इस गिरावट की वजह कमजोर वैश्विक संकेत और ट्रेड वार को माना जा रहा है.

सेंसेक्स और निफ्टी की शुरुआत इस हफ्ते सकारात्मक नोट पर हुई थी. फार्मा, मेटल और एनर्जी शेयरों में खरीदारी देखी गई थी. हालांकि, अमेरिका द्वारा नए टैरिफ की धमकी के बाद लार्जकैप शेयरों में बिकवाली देखी गई. इसने बाजारों के संटीमेंट को खराब किया.

मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में खरीदारी देखी गई है और दोनों इंडेक्स साप्ताहिक आधार पर करीब 2 प्रतिशत चढ़कर बंद हुए हैं. बाजार में अस्थिरता ऐसे समय में आई है जब पारस्परिक टैरिफ और वैश्विक आर्थिक स्थिरता पर चिंताएं निवेशकों के संटीमेंट को प्रभावित कर रही हैं.

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पारस्परिक टैरिफ की घोषणा ने निर्यात से जुड़े उद्योगों, विशेष रूप से फार्मास्युटिकल क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया और सेक्टर का प्रदर्शन काफी खराब रहा." रिपोर्ट में आगे कहा गया कि आने वाले समय में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है. इसकी वजह छुट्टियों के कारण छोटा कारोबारी हफ्ता और डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स की मासिक एक्सपायरी होना है.

डेजर्व के सह-संस्थापक वैभव पोरवाल ने कहा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का प्रवाह अगले 3-6 महीनों में भारत में लौट सकता है. इसकी वजह लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत होना है. उन्होंने आगे कहा कि मजबूत घरेलू मांग, डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर होने के कारण लंबी अवधि में कॉरपोरेट्स की आय में वृद्धि होने की संभावना है.

भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को लाल निशान में बंद हुआ था. सेंसेक्स 424.90 अंक गिरकर 75,311.06 और निफ्टी 117.25 अंक गिरकर 22,795.90 पर बंद हुआ.

ये भी पढ़ें : स्विगी में निवेशकों के 50 हजार करोड़ रु. डूबे, आधी रह गई वैल्यूएशन

मुंबई : भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते कंसोलिडेशन फेस में रहा. इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में करीब आधा प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. इस गिरावट की वजह कमजोर वैश्विक संकेत और ट्रेड वार को माना जा रहा है.

सेंसेक्स और निफ्टी की शुरुआत इस हफ्ते सकारात्मक नोट पर हुई थी. फार्मा, मेटल और एनर्जी शेयरों में खरीदारी देखी गई थी. हालांकि, अमेरिका द्वारा नए टैरिफ की धमकी के बाद लार्जकैप शेयरों में बिकवाली देखी गई. इसने बाजारों के संटीमेंट को खराब किया.

मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में खरीदारी देखी गई है और दोनों इंडेक्स साप्ताहिक आधार पर करीब 2 प्रतिशत चढ़कर बंद हुए हैं. बाजार में अस्थिरता ऐसे समय में आई है जब पारस्परिक टैरिफ और वैश्विक आर्थिक स्थिरता पर चिंताएं निवेशकों के संटीमेंट को प्रभावित कर रही हैं.

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर ने कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पारस्परिक टैरिफ की घोषणा ने निर्यात से जुड़े उद्योगों, विशेष रूप से फार्मास्युटिकल क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया और सेक्टर का प्रदर्शन काफी खराब रहा." रिपोर्ट में आगे कहा गया कि आने वाले समय में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है. इसकी वजह छुट्टियों के कारण छोटा कारोबारी हफ्ता और डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स की मासिक एक्सपायरी होना है.

डेजर्व के सह-संस्थापक वैभव पोरवाल ने कहा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का प्रवाह अगले 3-6 महीनों में भारत में लौट सकता है. इसकी वजह लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत होना है. उन्होंने आगे कहा कि मजबूत घरेलू मांग, डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर होने के कारण लंबी अवधि में कॉरपोरेट्स की आय में वृद्धि होने की संभावना है.

भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को लाल निशान में बंद हुआ था. सेंसेक्स 424.90 अंक गिरकर 75,311.06 और निफ्टी 117.25 अंक गिरकर 22,795.90 पर बंद हुआ.

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