नई दिल्ली: भले ही संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन आयोग की निर्देशिका में उन्हें अभी भी यूपीएससी का मौजूदा अध्यक्ष ही माना जा रहा है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, 'हां, उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. इसलिए, मनोज सोनी अभी भी आधिकारिक तौर पर यूपीएससी के अध्यक्ष ही माने जा रहे हैं.'
संघ लोक सेवा आयोग संविधान अनुच्छेद 315 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय है. आयोग में एक अध्यक्ष और 10 सदस्य होते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार सोनी से उनके फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए संपर्क करेगी, तो अधिकारी ने ऐसी किसी संभावना से इनकार किया.
पूजा खेडकर से जुड़े विवाद के बीच सोनी के इस्तीफे से जुड़ा घटनाक्रम महत्वपूर्ण हो गया है. हालांकि, अधिकारी ने इस बात से इनकार किया कि सोनी के इस्तीफे का खेडकर मामले से कोई संबंध है. शुक्रवार को यूपीएससी ने कहा कि उसने खेडकर के खिलाफ सिविल सेवा परीक्षा में फर्जी तरीके से प्रयास करने के लिए अपनी पहचान गलत बताने के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज किया है.
प्रख्यात शिक्षाविद् सोनी ने 28 जून, 2017 को आयोग के सदस्य के रूप में कार्यभार संभाला था. उन्होंने 5 अप्रैल, 2022 को यूपीएससी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला और उनकी आधिकारिक सेवानिवृत्ति का समय 15 मई, 2029 था. उन्होंने कथित तौर पर व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए एक महीने पहले इस्तीफा दे दिया. सोनी ने 'सामाजिक-धार्मिक गतिविधियों' के लिए अधिक समय देने की इच्छा भी व्यक्त की है.
अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति:
अनुच्छेद 316 के अनुसार, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति, संघ आयोग या संयुक्त आयोग के मामले में राष्ट्रपति द्वारा तथा राज्य आयोग के मामले में राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाएगी.