पटना: बिहार में 3 अप्रैल को राज्यसभा की 6 सीट खालीहो जाएंगी. जिनका कार्यकाल पूरा हो रहा है उसमें जदयू के वशिष्ठ नारायण सिंह और अनिल हेगड़े, राजद के अशफाक करीम और मनोज झा, बीजेपी के सुशील कुमार मोदी और कांग्रेस के अखिलेश कुमार सिंह शामिल हैं.
बिहार में राज्यसभा की जंग: फिलहाल 6 सीटों में दो सीट आरजेडी, 2 सीट जदयू, एक सीट बीजेपी और एक सीट कांग्रेस के पास है. वर्तमान विधानसभा में विधायकों की संख्या बल के हिसाब से जदयू को एक सीट का नुकसान हो सकता है. वहीं बीजेपी को एक सीट का लाभ होगा.
फंस जाएगी कांग्रेस की सीट!:आरजेडी को पहले की तरह ही दो सीट मिल जाएगी, लेकिन पेंच कांग्रेस के सीट को लेकर हो रहा है. कांग्रेस भी उस सीट पर दावेदारी कर रही है तो वहीं माले की ओर से भी सीट पर दीपांकर भट्टाचार्य को लेकर दावेदारी है.
"ऐसे तो फैसला आलाकमान करेंगे लेकिन कांग्रेस की तरफ से अभी अखिलेश सिंह राज्यसभा के सांसद हैं. इसलिए हम लोग चाहेंगे कि एक सीट तो कांग्रेस को मिल ही जाए."- आसित नाथ तिवारी, प्रवक्ता, कांग्रेस
आरजेडी की दो सीट पक्की: बिहार विधानसभा में 243 विधायक हैं और राज्यसभा जाने के लिए 35 विधायकों की जरूरत पड़ती है. आरजेडी 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है तो इस हिसाब से देखें तो दो सीट इस बार भी राजद को मिलना तय है. उसके बाद भी 10 विधायक बच जाएंगे जिससे अपने सहयोगियों को मदद पहुंचाएगी.
रोहिणी आचार्य को भेजा जा सकता है राज्यसभा: मनोज कुमार झा की सीट खाली हो रही है तो उन्हें फिर से दोबारा रिपीट किए जाने की चर्चा है, लेकिन अशफाक करीम को लेकर यह चर्चा है कि उन्हें कटिहार से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा जा सकता है. उनकी सीट पर ही लालू प्रसाद यादव रोहिणी आचार्य को भेज सकते हैं. ऐसे आरजेडी में कई लोग राज्यसभा के लिए अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. फैसला लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव मिलकर करेंगे.
"फैसला लालू प्रसाद यादव और हमारे नेता ही करेंगे. लेकिन सहयोगियों के साथ मिल बैठकर उस पर फैसला हो जाएगा. कहीं से कोई दिक्कत नहीं होगी."-एजाज अहमद, प्रवक्ता राजद
JDU को एक सीट मिलना तय: जदयू के 45 विधायक हैं. उस हिसाब से एक सीट मिलना तय है. उसके बाद भी 10 विधायक से सहयोगियों को मदद पहुंचा सकते हैं. इस बार पार्टी के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह का कार्यकाल पूरा हो रहा है तो वहीं अनिल हेगड़े का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है. वशिष्ठ नारायण सिंह को नीतीश कुमार फिर से भेज सकते हैं.
BJP के दो नेता जाएंगे राज्यसभा: बीजेपी के 78 विधायक हैं. ऐसे में दो सीट मिलना तय है और उसके बाद भी बीजेपी के 8 विधायक बच जाएंगे. अभी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है. सुशील मोदी को फिर से भेजे जाने की चर्चा है. दूसरे सीट पर कई दावेदार हैं ऋतुराज सिन्हा का नाम भी चर्चा में हैं. हालांकि उनके पटना से लोकसभा चुनाव लड़ने की बात भी हो रही है.
फंस सकती है अखिलेश सिंह की सीट: लेकिन सस्पेंस की स्थिति कांग्रेस के अखिलेश सिंह को लेकर है क्योंकि कांग्रेस के पास केवल 19 विधायक हैं और अखिलेश सिंह को पार्टी फिर से भेजने की घोषणा करती है तो उन्हें अपने लिए जरूरी विधायकों का जुगाड़ करना होगा. इसके लिए वामपंथी दलों और राजद से सहयोग लेना होगा.
कांग्रेस या लेफ्ट.. तय करेंगे लालू:वहीं माले की तरफ से भी दावेदारी हो रही है और दीपांकर भट्टाचार्य का नाम आगे किया जा रहा है. माले के पास 12 विधायक हैं और सीपीआई सीपीएम के दो-दो विधायक हैं. इस तरह से वामपंथी दलों के पास 16 विधायक हैं. ऐसे में सब कुछ लालू प्रसाद यादव के फैसले पर निर्भर करता है.