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बिहार में देश का पहला फर्स्ट एड सेंटर, भारत सरकार ने जाकिर इमाम के स्टार्टअप को दी मंजूरी - BIHAR YOUTH STARTUP

बिहार के युवा के स्टार्टअप को सरकार ने मंजूरी दी. गया में देश का पहला राहत केंद्र खुला है जो जख्मी लोगों की जान बचाएगा.

BIHAR YOUTH STARTUP
बिहार के जाकिर इमाम के स्टार्टअप को मंजूरी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 11 hours ago

गया: बिहार के गया शहर के अलीगंज मोहल्ला के 35 वर्षीय युवा जाकिर इमाम के स्टार्टअप को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है. जाकिर का प्रोजेक्ट लोगों की जिंदगी बचाने से जुड़ा है. जाकिर ने खुद सिविल इंजीनियरिंग किया है और सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले लोगों को जिंदगी बचाने के लिए राहत केंद्र के जरिए अच्छी पहल की है.

गया के युवा के स्टार्टअप को मंजूरी : गया के चाकंद में एमएसएमई मंत्रालय से स्टार्टअप के सहयोग से दुर्घटना में जख्मी को बचाने के लिए सफल प्रयास शुरू की गई है. दुर्घटना में जख्मी होने वाले व्यक्ति को तत्काल प्राथमिक उपचार मिले, ऐसा प्रयास राहत केंद्र में किया जाता है. यह राहत केंद्र राष्ट्रीय राजमार्ग -83 पर शुरू की गई है.

जाकिर इमाम के स्टार्टअप को भारत सरकार ने मंजूरी दी (ETV Bharat)

एक्सीडेंट के बाद फौरन मदद: जाकिर इमाम का मानना है कि भारत सरकार की अच्छी पहल है कि सड़क दुर्घटना में जख्मी की जान बचाई जाए. इसे लेकर बोधगया आईआईएम के साथ मिलकर प्रोजेक्ट तैयार किया था. उस प्राेजेक्ट को देश के अलग-अलग प्रदेशों में संचालित आईआईएम में और सेंट्रल यूनिवर्सिटी जैसे बीएचयू इंजीनियरिंग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में प्रतियोगिता हुई.

"प्रतियोगिता के आधार पर बोधगया आईआईएम के प्रोजेक्ट का चयन किया गया. उसके बाद प्रोजेक्ट के अनुसार आम लोगों को मुफ्त में जिंदगी बचाने के लिए राहत केंद्र खोला गया है. हमारे प्रोजेक्ट को पसंद किया गया. पब्लिक को हम लाइफ सेविंग सपोर्ट देंगे."- जाकिर इमाम

BIHAR YOUTH STARTUP
जाकिर इमाम के स्टार्टअप को मंजूरी (ETV Bharat)

सर्वे और जरूरत पर हुई पहल: जाकिर बताते हैं कि आए दिन सड़क दुर्घटना बढ़ती जा रही है. इसमें परिवार के सदस्य की हानि होती है. इसे लेकर ग्राउंड लेबल पर दिल्ली, फरीदाबाद, रांची, कोलकाता और पटना में सर्वे कराया गया. सड़क दुर्घटना को लेकर आम लोगों से राय मांगी गई. राय में आम लोगों ने जिंदगी बचाने पर बल दिया गया और एक ऐसा प्रोजेक्ट तैयार करने की राय दी जिससे तत्काल चंद मिंटो में चिकित्सा सेवा मिले.

स्टार्टअप में पहले कराया पंजीयन: जाकिर ने बताया कि सर्वे के बाद जख्मी लोगों की जिंदगी बचाने के लिए ट्रीटमेंट स्टार्टअप के तहत एमएसएमई से पंजीयन कराया. उसके बाद गत वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता हुई. प्रतियोगिता में आईआईटी बीएचयू, आईआईएम अहमदाबाद, आईआईएम बोधगया, जामिया के टॉप शिक्षण संस्थान शामिल हुए.

"इसमें बेहतर प्रोजेक्ट बनाने वाले 3500 प्रतिभागी शामिल हुए. इसमें एमएसएमई ने 350 प्रोजेक्ट का चयन किया गया. उसमें आईआईएम बोधगया से तैयार दो प्रोजेक्ट व पटना आईआईटी का चयन हुआ."- जाकिर इमाम

गया में देश का पहला राहत केंद्र: उन्होंने बताया कि हेल्थ सेक्टर में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार काम कर जिंदगी बचाने का कार्य कर रहे हैं. इसी क्रम में गया के चाकंद में खुला राहत केंद्र देश का पहला राहत केंद्र है, जो एनएच और रेलवे स्टेशन के समीप है.

BIHAR YOUTH STARTUP
गया के चाकंद में खुला राहत केंद्र (ETV Bharat)

तीन स्तर पर जख्मियों की होगी मदद: इस राहत केंद्र के जरिए तीन स्तर पर सड़क दुर्घटना में जख्मी लोगों की जिंदगी बचायी जाएगी. घायल लोगों को फर्स्ट एड की सुविधा दी जाएगी. इसमें तीन स्तर पर मदद की जाएगी. पहला बेसिक, दूसरा इंटरमीडिएट और तीसरा एडवांस है. सभी सुविधा निशुल्क मिलेगी. सिर्फ दवा का पैसा लगेगा. सभी चिकित्सीय सुविधा डाक्टर की देखरेख में मिलेगी. इससे सड़क दुर्घटना में मृत्यु दर में कमी आएगी.

सुलभ शौचालय की थीम से थे प्रभावित: बिंदेश्वर पाठक के स्वच्छता आंदोलन से जाकिर इमाम प्रभावित हैं. उनका कहना है कि जैसे पाठक जी ने जन शौचालयों को एक आवश्यक सेवा बना दिया और इसे हर किसी के लिए सुलभ कर दिया, ठीक वैसे ही हमारा लक्ष्य फर्स्ट एड को एक आवश्यक सेवा के रूप में सार्वभौमिक रूप से सुलभ बनाना है.

बिंदेश्वर पाठक ने की थी आइडिया की प्रशंसा: बिंदेश्वर पाठक से जाकिर इमाम पांच साल पहले दिल्ली में मिले थे और अपने प्रोजेक्ट के संबंध में बताया था. तब उन्होंने भी जाकिर इमाम के स्टार्टअप आइडिया की प्रशंसा करते हुए अपने विचार से भी अवगत कराया था. उन्होंने इन्हें प्रेरित किया था.

BIHAR YOUTH STARTUP
प्रोजेक्ट की लागत लगभग 20 से 25 लाख रुपये (ETV Bharat)

'फर्स्ट एड को सुलभ बनाना लक्ष्य': दुर्घटना के बाद गोल्डन आवर में फर्स्ट एड जीवन बचाने का एक बड़ा हथियार माना जाता है. सड़क सुरक्षा विषय पर शोधकर्ता डॉक्टर शमीम हक का मानना है कि राहत केंद्र फर्स्ट एड जीवन बचाने में मददगार होगा. एक आवश्यक सेवा के रूप में सार्वभौमिक बनाने के लक्ष्य को लेकर प्री-हॉस्पिटल इमरजेंसी केयर सेंटर का कॉन्सेप्ट है.

"इस तरह का बिहार में पहला सेंटर होगा. ट्रॉमा केयर, लाइव स्पोर्ट, डायग्नोस्टिक्स और फार्मेसी जैसी सेवाएं इसमें शामिल हैं. लक्ष्य हर नागरिक को तत्काल फर्स्ट ऐड सुविधा उपलब्ध कराना है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं और गंभीर बीमारियों के मामलों में जीवन रक्षक सहायता तुरंत मिल सके."-डॉक्टर शमीम हक, शोधकर्ता, सड़क सुरक्षा विषय

टैक्सी जैसी तुरंत मिले फ्री सर्विस: जाकिर इमाम ने कहा कि हमारा उद्देश्य फर्स्ट एड को उतना ही सुलभ बनाना है, जितना टैक्सी या खाना का ऑर्डर करना आज के समय में आसान हो गया है. भारत सरकार ने मेरे आइडिया को मंजूरी दी. राहत केंद्र का संचालन टेलीमेडिसिन के माध्यम से करना चाहते हैं, जिसमें ई-परामर्श, अस्पताल में त्वरित प्रवेश, और मरीजों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की वास्तविक समय में ट्रैकिंग शामिल है.

MSME हैकाथॉन में रहे सफल: एमएसएमइ हैकाथॉन 2.0 साल 2023 में आयोजित हुआ था. पूरे भारत से 3500 स्टार्टअप के आइडिया और प्रोजेक्ट आए थे. इसमें सिर्फ 350 आइडिया और प्रोजेक्ट को पास किया गया था, बिहार से सिर्फ तीन स्टार्टअप को विनिंग घोषित किया गया था. इसमें एमएसएमइ विभाग से प्रोजेक्ट का 80 पर्सेंट सहायता दी जाएगी. इस पूरे प्रोजेक्ट में खर्च लगभग 20 से 25 लाख रुपये आएंगे.

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गया: बिहार के गया शहर के अलीगंज मोहल्ला के 35 वर्षीय युवा जाकिर इमाम के स्टार्टअप को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है. जाकिर का प्रोजेक्ट लोगों की जिंदगी बचाने से जुड़ा है. जाकिर ने खुद सिविल इंजीनियरिंग किया है और सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले लोगों को जिंदगी बचाने के लिए राहत केंद्र के जरिए अच्छी पहल की है.

गया के युवा के स्टार्टअप को मंजूरी : गया के चाकंद में एमएसएमई मंत्रालय से स्टार्टअप के सहयोग से दुर्घटना में जख्मी को बचाने के लिए सफल प्रयास शुरू की गई है. दुर्घटना में जख्मी होने वाले व्यक्ति को तत्काल प्राथमिक उपचार मिले, ऐसा प्रयास राहत केंद्र में किया जाता है. यह राहत केंद्र राष्ट्रीय राजमार्ग -83 पर शुरू की गई है.

जाकिर इमाम के स्टार्टअप को भारत सरकार ने मंजूरी दी (ETV Bharat)

एक्सीडेंट के बाद फौरन मदद: जाकिर इमाम का मानना है कि भारत सरकार की अच्छी पहल है कि सड़क दुर्घटना में जख्मी की जान बचाई जाए. इसे लेकर बोधगया आईआईएम के साथ मिलकर प्रोजेक्ट तैयार किया था. उस प्राेजेक्ट को देश के अलग-अलग प्रदेशों में संचालित आईआईएम में और सेंट्रल यूनिवर्सिटी जैसे बीएचयू इंजीनियरिंग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में प्रतियोगिता हुई.

"प्रतियोगिता के आधार पर बोधगया आईआईएम के प्रोजेक्ट का चयन किया गया. उसके बाद प्रोजेक्ट के अनुसार आम लोगों को मुफ्त में जिंदगी बचाने के लिए राहत केंद्र खोला गया है. हमारे प्रोजेक्ट को पसंद किया गया. पब्लिक को हम लाइफ सेविंग सपोर्ट देंगे."- जाकिर इमाम

BIHAR YOUTH STARTUP
जाकिर इमाम के स्टार्टअप को मंजूरी (ETV Bharat)

सर्वे और जरूरत पर हुई पहल: जाकिर बताते हैं कि आए दिन सड़क दुर्घटना बढ़ती जा रही है. इसमें परिवार के सदस्य की हानि होती है. इसे लेकर ग्राउंड लेबल पर दिल्ली, फरीदाबाद, रांची, कोलकाता और पटना में सर्वे कराया गया. सड़क दुर्घटना को लेकर आम लोगों से राय मांगी गई. राय में आम लोगों ने जिंदगी बचाने पर बल दिया गया और एक ऐसा प्रोजेक्ट तैयार करने की राय दी जिससे तत्काल चंद मिंटो में चिकित्सा सेवा मिले.

स्टार्टअप में पहले कराया पंजीयन: जाकिर ने बताया कि सर्वे के बाद जख्मी लोगों की जिंदगी बचाने के लिए ट्रीटमेंट स्टार्टअप के तहत एमएसएमई से पंजीयन कराया. उसके बाद गत वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता हुई. प्रतियोगिता में आईआईटी बीएचयू, आईआईएम अहमदाबाद, आईआईएम बोधगया, जामिया के टॉप शिक्षण संस्थान शामिल हुए.

"इसमें बेहतर प्रोजेक्ट बनाने वाले 3500 प्रतिभागी शामिल हुए. इसमें एमएसएमई ने 350 प्रोजेक्ट का चयन किया गया. उसमें आईआईएम बोधगया से तैयार दो प्रोजेक्ट व पटना आईआईटी का चयन हुआ."- जाकिर इमाम

गया में देश का पहला राहत केंद्र: उन्होंने बताया कि हेल्थ सेक्टर में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार काम कर जिंदगी बचाने का कार्य कर रहे हैं. इसी क्रम में गया के चाकंद में खुला राहत केंद्र देश का पहला राहत केंद्र है, जो एनएच और रेलवे स्टेशन के समीप है.

BIHAR YOUTH STARTUP
गया के चाकंद में खुला राहत केंद्र (ETV Bharat)

तीन स्तर पर जख्मियों की होगी मदद: इस राहत केंद्र के जरिए तीन स्तर पर सड़क दुर्घटना में जख्मी लोगों की जिंदगी बचायी जाएगी. घायल लोगों को फर्स्ट एड की सुविधा दी जाएगी. इसमें तीन स्तर पर मदद की जाएगी. पहला बेसिक, दूसरा इंटरमीडिएट और तीसरा एडवांस है. सभी सुविधा निशुल्क मिलेगी. सिर्फ दवा का पैसा लगेगा. सभी चिकित्सीय सुविधा डाक्टर की देखरेख में मिलेगी. इससे सड़क दुर्घटना में मृत्यु दर में कमी आएगी.

सुलभ शौचालय की थीम से थे प्रभावित: बिंदेश्वर पाठक के स्वच्छता आंदोलन से जाकिर इमाम प्रभावित हैं. उनका कहना है कि जैसे पाठक जी ने जन शौचालयों को एक आवश्यक सेवा बना दिया और इसे हर किसी के लिए सुलभ कर दिया, ठीक वैसे ही हमारा लक्ष्य फर्स्ट एड को एक आवश्यक सेवा के रूप में सार्वभौमिक रूप से सुलभ बनाना है.

बिंदेश्वर पाठक ने की थी आइडिया की प्रशंसा: बिंदेश्वर पाठक से जाकिर इमाम पांच साल पहले दिल्ली में मिले थे और अपने प्रोजेक्ट के संबंध में बताया था. तब उन्होंने भी जाकिर इमाम के स्टार्टअप आइडिया की प्रशंसा करते हुए अपने विचार से भी अवगत कराया था. उन्होंने इन्हें प्रेरित किया था.

BIHAR YOUTH STARTUP
प्रोजेक्ट की लागत लगभग 20 से 25 लाख रुपये (ETV Bharat)

'फर्स्ट एड को सुलभ बनाना लक्ष्य': दुर्घटना के बाद गोल्डन आवर में फर्स्ट एड जीवन बचाने का एक बड़ा हथियार माना जाता है. सड़क सुरक्षा विषय पर शोधकर्ता डॉक्टर शमीम हक का मानना है कि राहत केंद्र फर्स्ट एड जीवन बचाने में मददगार होगा. एक आवश्यक सेवा के रूप में सार्वभौमिक बनाने के लक्ष्य को लेकर प्री-हॉस्पिटल इमरजेंसी केयर सेंटर का कॉन्सेप्ट है.

"इस तरह का बिहार में पहला सेंटर होगा. ट्रॉमा केयर, लाइव स्पोर्ट, डायग्नोस्टिक्स और फार्मेसी जैसी सेवाएं इसमें शामिल हैं. लक्ष्य हर नागरिक को तत्काल फर्स्ट ऐड सुविधा उपलब्ध कराना है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं और गंभीर बीमारियों के मामलों में जीवन रक्षक सहायता तुरंत मिल सके."-डॉक्टर शमीम हक, शोधकर्ता, सड़क सुरक्षा विषय

टैक्सी जैसी तुरंत मिले फ्री सर्विस: जाकिर इमाम ने कहा कि हमारा उद्देश्य फर्स्ट एड को उतना ही सुलभ बनाना है, जितना टैक्सी या खाना का ऑर्डर करना आज के समय में आसान हो गया है. भारत सरकार ने मेरे आइडिया को मंजूरी दी. राहत केंद्र का संचालन टेलीमेडिसिन के माध्यम से करना चाहते हैं, जिसमें ई-परामर्श, अस्पताल में त्वरित प्रवेश, और मरीजों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की वास्तविक समय में ट्रैकिंग शामिल है.

MSME हैकाथॉन में रहे सफल: एमएसएमइ हैकाथॉन 2.0 साल 2023 में आयोजित हुआ था. पूरे भारत से 3500 स्टार्टअप के आइडिया और प्रोजेक्ट आए थे. इसमें सिर्फ 350 आइडिया और प्रोजेक्ट को पास किया गया था, बिहार से सिर्फ तीन स्टार्टअप को विनिंग घोषित किया गया था. इसमें एमएसएमइ विभाग से प्रोजेक्ट का 80 पर्सेंट सहायता दी जाएगी. इस पूरे प्रोजेक्ट में खर्च लगभग 20 से 25 लाख रुपये आएंगे.

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