रोहतास: बिहार के रोहतास जिला के अकोढ़ीगोला थाना के देवरिया गांव से अजीबोगरीब खबर आई है. 17 सितंबर, 2008 को एक व्यक्ति की हत्या के मामले में चार लोगों को जेल भेज दिया गया था. वह व्यक्ति वापस आ गया है. उसके सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
हत्या के 17 साल बाद जिंदा लौटा शख्स: बता दें कि 17 सितंबर 2008 को अकोढ़ीगोला थाना में नथुनी पाल के हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसमें गांव के ही चार व्यक्ति पर अपहरण के बाद हत्या का आरोप लगा था. पुलिस ने मामले को सही पाते हुए जांच की और नथुनी पाल की हत्या के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
झांसी पुलिस ने किया बरामद : चारों आरोपियों को दो साल तक जेल में भी रहना पड़ा. काफी मशक्कत के बाद सभी को दो साल बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया. अकोढ़ीगोला थानाध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि मामले की सुनवाई अब भी जारी है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के झांसी पुलिस ने नथुनी पाल को खोज निकाला है. अब रोहतास पुलिस उसे लेकर अकोढ़ीगोला पहुंची है.
"नथुनी पाल को बिहार पुलिस रोहतास लेकर आ गई है. उससे पूछताछ की जा रही है किस परिस्थिति में 2008 में वह यहां से गायब हो गया? इतने दिनों तक गायब रहने के पीछे उसकी मंशा क्या थी?"- चंद्रशेखर शर्मा, थानाध्यक्ष अकोढ़ीगोला
हत्या के आरोप में 4 लोगों की जिंदगी बर्बाद: उत्तर प्रदेश के झांसी के बरुआ सागर थाना की पुलिस ने नथुनी पाल को पकड़ा है. बरुआ सागर थाना के चौकी प्रभारी नवाब सिंह ने 6 जनवरी को गश्त के दौरान धवारा गांव से नथुनी पाल (50 वर्ष) को पकड़ा. वह पिछले 17 साल से झांसी के इसी गांव में रह रहा था. इधर उसकी हत्या के आरोप में एक पूरा परिवार बर्बाद हो चुका था.
चाचा और चचेरे भाइयों पर चल रहा केस: बताया जाता है कि नथुनी पाल के माता-पिता की निधन के बाद वह अपने रिश्ते के चाचा रति पाल के यहां रहता था. अचानक जब वह घर से गायब हो गया, तो नथुनी पाल के मामा बाबूलाल पाल ने बिहार के अकोढ़ीगोला थाना में नथनी पाल के चाचा रति पाल और उसके चचेरे भाइयों के खिलाफ अपहरण और हत्या का केस दर्ज कर दिया.
तनाव में चाचा की मौत: इधर, पुलिस ने भी जांच में मामले को सही पाते हुए रति पाल और उसके तीन पुत्रों सत्येंद्र पाल, विमलेश पाल और भगवान पाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. काफी मुश्किलों के बाद इन लोगों को जमानत मिली. उधर इस तनाव में रति पाल का निधन भी हो गया.
परिवार का कर दिया गया था बहिष्कार: अब जबकि नथुनी पाल वापस आ गया है तो उसके हत्या के आरोप में प्रताड़ना झेल रहे भाइयों ने राहत की सांस ली है. बता दें कि नथुनी पाल की हत्या का आरोप लगने के बाद गांव के लोगों ने परिवार का भी बहिष्कार कर दिया था. चचेरे भाई सत्येन्द्र पाल ने बताया कि उस समय नथुनी पाल खो गया था. इनके मामा ने चार लोगों पर मामला दर्ज कराया गया. कहा गया कि जमीन विवाद में नथुनी की हत्या कर दी गई. हम लोगों को पता चला कि यूपी के बरूआसागर में नथुनी मिल गया, इसलिए उसे लेने आए है.
''मेरे चाचा का लड़का नथुनी पाल एक दिन अचानक गायक हो गया. इसके बाद हत्या के आरोप में चार लोगों (विमलेश पाल, रति पाल, भगवान पाल, सत्येन्द्र पाल) को जेल जाना पड़ा. दो साल जेल में रहना पड़ा. केस का ट्रायल हुआ. केस चलता रहा. इसी बीच पुलिस उसकी तलाश करती रही. आखिर में 17 सालों बाद नथुनी पाल मिल गया है.'' - सत्येन्द्र पाल, पीड़ित
एसपी का बयान: एसपी रौशन कुमार ने बताया कि 2008 को एक कांड दर्ज हुआ था जिसमें नथुनी पाल के मामा ने केस दर्ज कराया था. उन्होंने कहा था कि उनके भतीजे की हत्या गोतिया द्वारा जमीन के लालच में कर दी गई है. 4 लोग मामले में जेल गए थे. चार दिन पहले झांसी के थाना क्षेत्र से सूचना मिली कि नथुनी पाल वहां संदिग्ध अवस्था में पाए गए हैं.
"टीम गई यहां से और उसे लाया गया था. पता चला कि नथुनी कमजोर अवस्था में हैं और भटकते हुए पहले पंजाब गए फिर वहां से झांसी पहुंचे. परिजनों द्वारा उनकी पहचान कर ली गई है. न्यायालय में उनका बयान लिया गया और सत्यापन के बाद न्यायालय को इस संबंध में सूचित किया जाएगा."- रौशन कुमार, एसपी
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