कर्पूरी की विरासत के सहारे बिहार का राजनीति रूट तैयार कर रहे पीके? (ETV Bharat) पटना: जनसुराज पदयात्रा के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर अपनी राजनीतिक पार्टी के नाम की घोषणा करेंगे. 28 जुलाई पटना के बापू सभागार के कार्यक्रम में उन्होंने घोषणा की कि जन सुराज 2 अक्टूबर को एक राजनीतिक पार्टी बन जाएगी और अगले साल विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीट पर चुनाव लड़ेगी.
2025 की तैयारी में जन सुराज: प्रशांत किशोर 2025 विधायक विधानसभा की तैयारी में अभी से दम खम से जुट गए हैं. अपने हर कार्यक्रम में वह जन सुराज के कार्यकर्ताओं को बता रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में 243 सीट पर चुनाव लड़ेंगे. इसी को लेकर प्रशांत किशोर की नजर बिहार के राजनीतिक दलों के नेताओं पर भी जाने लगी है. पिछले दिनों कई राजनीतिक दलों के बड़े नेता प्रशांत किशोर के अभियान के साथ जुड़े.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat) डॉ जागृति की हो रही चर्चा: 28 जुलाई की पटना में जन सुराज के कार्यक्रम में अनेक नेता ने शामिल हुए थे. शामिल होने वालों में बक्सर से लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले आनंद मिश्रा, राजद की विधान पार्षद रह चुके रामबली चंद्रवंशी और कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉ जागृति चर्चित चेहरा हैं. प्रशांत किशोर के साथ उनके अभियान में जुड़ने वाली डॉ जागृति चर्चा के केंद्र में बनी हुई है. डॉ जागृति बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की पौत्री हैं. डॉ जागृति के पिता वीरेंद्र नाथ ठाकुर कर्पूरी ठाकुर के छोटे पुत्र हैं.
कर्पूरी ठाकुर के बड़े पुत्र रामनाथ ठाकुर जदयू के राज्यसभा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री हैं. डॉ जागृति के PK के साथ जुड़ने से यह माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर दो जागृति के जरिए बिहार के दो बड़ी पार्टी राजद और जेडीयू पर निशाना साधेंगे. क्योंकि कर्पूरी ठाकुर को नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव, दोनों अपना गुरु मानते हैं और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का दावा करते हैं.
जनसुराज का बापू सभागार में बैठक (ETV Bharat) PK की कर्पूरी ठाकुर की विरासत पर नजर : जननायक कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर का निधन वर्ष 1988 में हुआ था. उनकी मृत्यु के 36 साल के बाद 2024 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया. केंद्र की मोदी सरकार ने इस साल कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से ठीक एक दिन पहले ये घोषणा की थी. पिछले 34 वर्षों से बिहार में कमोबेश लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार का ही शासन रहा है. बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव दोनों कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक विरासत को लेकर राजनीति करने की बात कहते हैं.
कर्पूरी ठाकुर बिहार की अति पिछड़ी जाति नाई समाज से आते हैं. बिहार में अति पिछड़ी जातियां की आबादी के करीब 36% है. उसके बाद दूसरी सबसे बड़ी आबादी पिछड़ा वर्ग की है. पिछड़ा वर्ग की आबादी राज्य में 27.12% है. इस वोट बैंक पर हर पार्टी की नजर है. किसी वोट बैंक को देखते हुए प्रशांत किशोर ने कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉ जागृति को अपने अभियान से जोड़ा है.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (ETV Bharat) कर्पूरी के सपनों को पर बिहार में राजनीति : जन सुराज का सपना है कि बिहार में कर्पूरी ठाकुर के सपनों का बिहार बने. जनसुराज के मुख्य प्रवक्ता संजय ठाकुर का कहना है कि कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉक्टर जागृति जन सुराज जो बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय है. प्रशांत किशोर बिहार में पदयात्रा पर हैं और वह बिहार के शोषण और वंचितों के बीच जा रहे हैं. समाज के सभी वर्गों के लोगों को अपने साथ जोड़ने का काम कर रहे हैं.
बिहार के लिए दुर्भाग्य की बात यह है पिछले 32 वर्षों से बिहार की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर के नाम बेच कर राजनीति करने वाले लोग सत्ता में हैं. उन लोगों ने कभी भी कर्पूरी ठाकुर के राजनीतिक सुचिता ईमानदारी और नैतिकता को आत्मसात नहीं किया. आरजेडी हो या जदयू इन लोगों ने समाज के दबे कुछ ले लोगों के लिए कुछ नहीं किया. महात्मा गांधी, बाबा साहब अंबेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर के विचारों को लेकर प्रशांत किशोर बिहार के गांव जाकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं.
भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर (ETV Bharat) PK कितनी बड़ी चुनौती: प्रशांत किशोर धीरे-धीरे अपने राजनीतिक अभियान में अनेक नेताओं को जोड़ चुके हैं. उनका दावा है कि 2025 में बिहार की जनता के सामने वह नया विकल्प देंगे. लेकिन भारतीय जनता पार्टी प्रशांत किशोर को राजनीति में चुनौती नहीं मानती. भाजपा प्रवक्ता राकेश कुमार सिंह का कहना है कि भारत में ढाई हजार राजनीतिक दल रजिस्टर्ड हैं. एक दल और बढ़ जाएगा. जहां तक सवाल कर्पूरी ठाकुर की पोती की बात है इसी साल केंद्र की सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का काम किया. यह पूरे बिहार के लिए सम्मान की बात थी. प्रशांत किशोर राजनीति में आने के लिए बेचैन हैं. बिहार के लोग पूरी तरीके से अभी भी एनडीए के साथ हैं. टेंट लगाकर इवेंट के माध्यम से कुछ लोगों को जताकर राजनीतिक पार्टी नहीं चलती है. राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए त्याग तपस्या करना पड़ता है, जनता के बीच जाना पड़ता है और जनता की नब्ज को टटोलना पड़ता है, जनता की समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है.
भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की पोती जागृति ठाकुर (ETV Bharat) बिहार के अति पिछड़ा को नीतीश पर भरोसा : जदयू का मानना है कि बिहार का पूरा अति पिछड़ा और पिछड़ा समाज पूरी तरह से नीतीश कुमार के साथ है. डॉ जागृति के जन सुराज से जुड़ने को लेकर जदयू प्रवक्ता अंजुम आरा का कहना है कि कोई भी व्यक्ति अपने विचार और सिद्धांत के आधार पर किसी भी संगठन से जुड़ सकता है. जहां तक राजनीति की बात कोई व्यक्ति सोच कुछ और रहा है और निशाना कहीं और लग रहा है तो वह उसकी बहुत बड़ी राजनीतिक भूल है. ''बिहार की जनता जागरुक है और उन्हें पता है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में है उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांतों को जमीन पर उतरने का काम किया है.''- अंजुम आरा, प्रवक्ता, जेडीयू
प्रशांत किशोर BJP की B टीम : प्रशांत किशोर के राजनीतिक अभियान पर राजद का कहना है कि बिहार के लोग उनकी राजनीति को अच्छी तरीके से समझते हैं. आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का मानना है कि प्रशांत किशोर कर्पूरी ठाकुर के नाम पर राजनीति कर रहे हैं लेकिन बिहार की मिट्टी और विधि उनके राजनीतिक गतिविधि से वाकिफ है.
जनसुराज के कार्यक्रम में जुटे कार्यकर्ता (ETV Bharat) ''पूरे बिहार के लोगों को पता है कि प्रशांत किशोर का बीजेपी के साथ कैसा संबंध है. वह कुछ भी कर लें लेकिन लोगों को पता है कि वह बीजेपी की भी टीम हैं और उनकी के लिए काम कर रहे हैं.''-एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी
PK की रणनीति पर विश्लेषक की राय : वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय ने डॉ जागृति के राजनीति में आने पर कहा कि कर्पूरी ठाकुर राजनीति के बड़े शख्सियत थे. जागृति के लिए यह सौभाग्य की बात है कि वह उनके परिवार में जन्म लीं. कर्पूरी ठाकुर बनना किसी के लिए बहुत ही कठिन है. कर्पूरी ठाकुर ने गांव के गरीब गुरुबों के लिए बहुत कुछ किया. प्रशांत किशोर डॉ जागृति को अपने साथ जोड़कर यह एक मैसेज देने का प्रयास कर रहे हैं कि उनके साथ समाज के सभी वर्ग के लोग जुड़ रहे हैं.
''कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर जदयू में है और केंद्र सरकार में मंत्री हैं और दूसरे पुत्र डॉक्टर हैं. प्रशांत किशोर का यह है कि समाज का पढ़ा लिखा लोग जिसका प्रोफेशन राजनीति नहीं है वैसे लोगों को अपने साथ लाएं. प्रशांत किशोर की राजनीतिक अभियान पर मेरा मानना है कि किसी को अपने साथ जोड़ने से उसका कितना राजनीतिक लाभ मिलेगा. यह आने वाले चुनाव में ही पता चल पाएगा. लेकिन बिहार की राजनीति में देखा जाए तो यहां कास्ट के नाम पर राजनीति हो रही है, उसे भेदना बहुत ही कठिन है.''- अरुण पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार
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