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ओडिशा के जंगल से लौटे बिहार के 3 मजदूरों की मौत : डॉक्टर बोले मलेरिया, परिजनों का अंधविश्वास-'चिड़िया मारने से हुई अनहोनी' - mysterious death in barh

labour returned from Odisha ओडिशा के जंगल में टावर लगाने गए बाढ़ के 6 मजदूरों की कहानी मलेरिया और अंधविश्वास के बीच उलझी हुई है. जंगल में बीमार पड़ने के बाद सभी मजदूर लौटे, लेकिन उनमें से 3 की मौत हो गई. डॉक्टर इसे मलेरिया का असर बता रहे हैं, जबकि मजदूरों के परिजन मानते हैं कि एक चिड़िया को मारने के बाद ही यह अनहोनी शुरू हुई. अब इस घटना को लेकर दहशत का माहौल बन गया है. पढ़ें, विस्तार से.

mysterious death in barh
बाढ़ में रहस्यमयी मौत. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 14, 2024, 8:59 PM IST

Updated : Sep 14, 2024, 9:49 PM IST

तीम मजदूरों की मौत. (ETV Bharat)

पटना: राजधानी पटना के बाढ़ में ओडिशा से लौटे मजदूरों के एक ग्रुप के तीन मजदूरों की पिछले पांच दिनों में मौत हो गयी. जबकि, तीन मजदूरों की हालत गंभीर बतायी जा रही है. एक-एक कर हो रही मौत से इलाके में दहशत है. मामले की जानकारी मिलने के बाद पटना से स्वास्थ विभाग की टीम बाढ़ के रन्नो टोला पहुंची. ब्लड सैंपल लेकर जांच की गयी. स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया से मौत होने की आशंका जतायी है. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार बीमार लोगों पर नजर बनाये हुए है.

"जांच में सभी को मलेरिया का लक्ष्ण पाया गया है. जिससे तीनों की मौत हुई है. मैं खुद ही बीमार मजदूरों का इलाज कर रहा हूं, जल्द ही रिकवर हो जाएगा. एक की हालत नाजुक है, उसे पटना रेफर कर दिया गया है."-डॉ. विनय कुमार चौधरी, उपाधीक्षक बाढ़ अनुमंडलीय अस्पताल, पटना

ETV GFX. (ETV Bharat)

क्या है मामलाः बाढ़ अनुमंडलीय बाजार थाना क्षेत्र रन्नो टोला मोहल्ले के 6 मजदूरों का एक ग्रुप करीब 6 माह पहले ओडिशा के जंगल में मोबाइल का टावर लगाने गया था. परिजनों ने बताया कि मजदूर सुनसान इलाके में स्थित घने जंगल में काम कर रहे थे. वहां से दूर-दूर तक आबादी नहीं थी. आसपास में कोई घर नहीं था. तीन चार आदिवासी का घर था. वहीं एक कमरे में सभी मजदूर एक साथ रह रहे थे. अचानक सभी मजदूर एक-एक कर बीमार पड़ने लगे. हालत गंभीर होते देख सभी 5 सितंबर को वापस बाढ़ लौट आए.

किनकी हुई मौतः मो. शकील (50), मो. मोख्तार उर्फ़ बब्बन (22) और मो. शाहिद (30) की इलाज के क्रम में मौत हो गई. जबकि मो. सलीम (23), मो. उमर उर्फ़ चुन्नू (45) और मो. पप्पू (28) का इलाज चल रहा है. इनमें से किसी का अपना मकान नहीं है. कोई सड़क किनारे झुग्गियों में रहता तो कोई किराए के मकान में रहता है. तीनों मृत मजदूरों को सुपुर्द ए ख़ाक कर दिया गया है.

सड़क किनारे रहते थे मृतक. (ETV Bharat)

कितनी मिलती थी मजदूरीः मृतक मो. शकील बंगाल के आसनसोल का रहने वाला था. विगत कई वर्षों से बाढ़ में बाज़ार स्थित वार्ड संख्या 9 किराए के मकान में परिवार के साथ रहता था. शकील अपने पीछे पत्नी और 7 संतान को छोड़ गया. शकील के पुत्र 23 वर्षीय मो. सलीम ने ईटीवी भारत से बताया कि 6 लोगों की टीम में ओडिशा गए थे. उसने बताया कि एक टावर खड़ा करने पर 6 हजार रुपए लेबर चार्ज मिलता था, जिसे खड़ा करने में 8 से 10 रोज का समय लगता था.

अंधविश्वास से दहशतः ओडिशा से गंभीर रूप से बीमार होकर लौटे मजदूर को अंधविश्वास के कारण किसी अनहोनी की आशंका सता रही है. सीलम के अनुसार उसके पिता के साथ रह रहे बब्बन ने खाने के लिए एक चिड़िया को मारा था. लेकिन, तभी अन्य मजदूर भी पहुंच गये. उनलोगों ने चिड़िया खाने से रोक दिया. सलीम का कहना है कि उसी दिन बब्बन बीमार पड़ गया. बुखार और सिर दर्द शुरू हो गया. धीरे-धीरे अन्य मजदूर भी बीमार पड़ने लगे. जिसके बाद सभी लोग घबरा कर वापस घर लौट आए.

बाढ़ का अनुमंडल अस्पताल. (ETV Bharat)

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Last Updated : Sep 14, 2024, 9:49 PM IST

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