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पंचतत्व में विलीन राजमाता, नम आंखों से बेटे सिंधिया ने दी अंतिम विदाई, 14 दिनों तक निभाई जाएगी ये राजसी परंपरा - 14 Days Royal Mourn Tradition

सिंधिया राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया को अंतिम विदाई दी गई. एमपी के ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजसी परंपरा के मुताबिक मां को मुखाग्नि दी. पूरा सिंधिया परिवार इस दौरान मौजूद रहा. वहीं तमाम राजनीतिक हस्तियां भी अंतिम संस्कार में पहुंची. जानिए अंतिम संस्कार के बाद महल में 14 दिनों तक कैसे निभाई जाएगी राजसी परंपरा...

MADHAVI RAJE SCINDIA LAST RITES
पंचतत्व में विलीन हुईं राजमाता (Twitter Image)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 16, 2024, 7:21 PM IST

Updated : May 16, 2024, 8:44 PM IST

पंचतत्व में विलीन राजमाता (ETV Bharat)

ग्वालियर।सिंधिया राजघराने की राजमाता व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां को अंतिम विदाई दी गई. एमपी के ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने मां को मुखाग्नि दी. ग्वालियर आने के बाद राजमाता की पार्थिव देह पहले रानी महल में अंतिम दर्शन के लिए रखी गई थी. इसके बाद सिंधिया रियासत के थीम रोड स्थित छतरी मैदान में पूरे राजसी परंपरा के साथ पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मां को अंतिम विदाई दी. इस दौरान सीएम मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित तमाम राजनीतिक हस्तियां मौजूद रहीं. आपको बता दें आम आदमी के रीति-रिवाजों से राजसी परंपरा अलग होती है. सिंधिया राजघराने में 14 दिनों तक शोक रहेगा. जानते हैं किस विधि के साथ राजमाता का अंतिम संस्कार हुआ और 14 दिन क्या खास होगा.

राजसी परंपरा से राजमाता को दी गई अंतिम विदाई

राजमाता माधवी राजे सिंधिया की पार्थिव देह को गुरुवार को एमपी के ग्वालियर लाया गया. वो इसलिए क्योंकि सिंधिया ग्वालियर में निवास करते हैं. यहां जय विलास पैलेस में राजमाता का पार्थिव शरीर रखा गया. जहां आज तमाम हस्तियां अंतिम दर्शन करने और श्रद्धांजलि देने पहुंची. वहीं इसके बाद सिंधिया पैलेस से फूलों से सजे वाहन में राजमाता की अंतिम यात्रा निकली. इस दौरान बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया साथ में मौजूद रहे. छतरी मैदान में राजमाता के अंतिम संस्कार की तैयारियां की गईं थी. जहां पति माधवराजे सिंधिया की समाधि के बाजू में माधवी राजे की अंतिम क्रिया की गई. इस दौरान पूरा सिंधिया परिवार मौजूद रहा. पुरोहित की मौजूदगी में राजसी परंपरा और मंत्रोच्चारण के साथ राजमाता को अंतिम विदाई गई. सिंधिया ने अपना सिर भी मुंडवाया. इसके बाद पुरोहित द्वारा बताए सारे नियमों का पालन करते हुए मां माधवी राजे सिंधिया को मुखाग्नि दी.

राजमाता माधवी राजे को अंतिम विदाई (Twitter Image)

13 दिनों तक किन नियमों का होगा पालन

आपको बता दें अंतिम संस्कार के बाद अस्थि संचय किया जाएगा. फिर राजपुरोहित द्वारा 10 दिनों तक महल में रोजाना पूजा-पाठ होगी. दसवें दिन परिवार के सदस्य गंगा स्नान कर अस्थि विसर्जन करेंगे और गंगाजी की विशेष पूजा करेंगे. 10वें दिन ही अस्थि विसर्जन के बाद ग्वालियर स्थित पूरे महल की गंगा जल से शुद्ध होगी. फिर 13वें दिन तेरहवीं का कार्यक्रम आयोजित होगा. जिसमें परिवार और राज परिवार से जुड़े लोग शामिल होंगे. इसमें आम लोग शामिल नहीं हो सकते.

सिंधिया राजपरिवार (Twitter Image)

तेरहवीं के बाद 14वें दिन महल में होगा गंगभोज

वहीं 14वें दिन गंगभोज का आयोजन किया जाएगा. जिसमें सगे-संबंधियों के साथ परिचित और अन्य लोग शामिल होंगे. राजमाता की आत्म की शांति के लिए राज परिवार की ओर से ब्राह्मणओं को दक्षिणा जिसमें पैसे और वस्त्र दिए जाएंगे. गौरतलब है कि राजसी परंपरा आम आदमी से अलग होती है. इनके पंडित और राजपुरोहित भी अलग होते हैं. वहीं गंगभोज बनाने वाले कारीगर और हलवाई भी अलग होते हैं.

राजमाता को अंतिम विदाई देने पहुंची हस्तियां (Twitter Image)

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बुधवार को दिल्ली एम्स में राजमाता ने ली अंतिम सांस

गौरतलब है कि राजमाता माधवी राजे सिंधिया तीन महीनों से दिल्ली एम्स में भर्ती थीं. जहां बुधवार सुबह उन्हें 76 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. बुधवार को दिल्ली स्थित सिंधिया हाउस में माधवी राजे का पार्थिव शरीर रखा गया था. जहां पूर्व सीएम शिवराज सहित कई राजनीतिक हस्तियों ने पहुंचकर श्रद्धांजलि दी थी. इसके बाद दूसरे दिन गुरुवार को राजमाता का पार्थिव शरीर एमपी के ग्वालियर स्थित जयविलास पैलेस लाया गया. यहां भी कुछ घंटों के लिए राजमाता की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था. इसके बाद फूलों से सजे वाहन के साथ अंतिम यात्रा निकालने के बाद सिंधिया ने मुखाग्नि दी.

Last Updated : May 16, 2024, 8:44 PM IST

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