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एमपी के इस मंदिर में बजरंगबली की लगती है विशेष अदालत, कोई अर्जी नहीं जाती खाली - KESARI NANDAN HANUMAN TEMPLE

छिंदवाड़ा के केसरी नंदन हनुमान मंदिर में भक्त पर्ची में अपनी मनोकामनाएं लिखकर बजरंगबली से अर्जी लगाते हैं. मान्यता है कि यहां मांगी गई मनोकामनाएं तय समय के अंदर पूरी होती हैं.

CHHINDWARA TEMPLE WRITE LATTER GOD
हनुमान जी के चरणों भक्त अर्पित करते हैं अर्जी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 12, 2025, 12:40 PM IST

छिन्दवाड़ा: मध्य प्रदेश में एक दरबार ऐसा है जिसके बारे में मान्यता है कि यहां लगाई हुई कोई अर्जी खाली नहीं जाती. सभी मांगे पूरी हो जाती हैं. हम किसी सरकारी दफ्तर या किसी मंत्री, विधायक के कार्यालय के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्थित हनुमान केसरी मंदिर की, जिनको अर्जी वाले हनुमान जी भी कहा जाता है.

मान्यता है कि यहां हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी खुद जनसुनवाई करते हैं और सबकी मुरादें पूरी करते हैं. उनके न्याय के इतने चर्चे हैं कि जो लोग यहां पहुंच नहीं पाते वे डाक से अपनी अर्जी भेजते हैं, जिसे मंदिर प्रशासन हनुमान जी के चरणों में अर्पित करता है.

मंगलवार और शनिवार को होती है जनसुनवाई (ETV Bharat)

हनुमान जी के चरणों भक्त अर्पित करते हैं अर्जी

छिंदवाड़ा के तिलक मार्केट में केसरी नंदन हनुमान मंदिर स्थित है. यहां हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में विराजित हैं. मान्यता है कि यहां पर कई सालों से मंगलवार के दिन जनसुनवाई होती है. दूर-दूर से लोग यहां आते हैं. मंदिर प्रशासन द्वारा हनुमान जी के नाम से बनवाए गए लेटर पैड पर अपनी अर्जी लिखकर उस पर सिंदूर से जय श्री राम लिखकर हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर देते हैं. अर्जी सिर्फ भगवान और भक्त के बीच ही रहती है. इस अर्जी को खोलने की अनुमति किसी को नहीं है.

मान्यता है कि चाहे किसी तरह की परेशानी हो सभी का समाधान हो जाता है. भगवान सबकी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. भक्त अर्जी लिखते हुए उसमें निदान की तारीख भी लिख देते हैं. लोग बताते हैं कि तयशुदा वक्त में ही उनकी अर्जी का समाधान हो जाता है. मनोकामना पूरी हो जाने पर लोग यहां दोबारा आते हैं और नारियल की माला चढ़ाते हैं.

'हवन कुंड के बीचों-बीच प्रकट हुई थी मूर्ति'

मंदिर के ट्रस्टी और पुजारी अनिल मालवीय ने बताया "यह देश भर में अयोध्या के बाद दूसरा और प्रदेश का इकलौता दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर है. लोगों की मान्यता है कि सैकड़ों साल पहले यहां हवन कुंड के बीचो-बीच दक्षिणमुखी हनुमान जी की प्रतिमा प्रकट हुई थी. तब से ही यहां पर लोग लिखित आवेदन के जरिए अपनी अर्जी लगाते हैं.

प्रदेश में इकलौते दक्षिणमुखी हनुमान के चमत्कारों को सुनकर दूर-दूर से भक्तों का आना-जाना लगा रहता है. वैसे तो भगवान के सामने अर्जी लगाने का कोई निर्धारित समय नहीं है, लेकिन हनुमान जी का दिन होने के नाते मंगलवार और शनिवार को यहां पर सबसे अधिक श्रद्दालु अपनी अर्जी लगाने पहुंचते हैं."

डाक से भी लगती है अर्जी, मंगलवार और शनिवार को होती है सुनवाई

वैसे तो हर दिन इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. हर दिन ही भक्त भगवान के सामने अपनी अर्जी लेकर पहुंचते हैं, लेकिन मंगलवार और शनिवार का दिन खास होता है और उस दिन ज्यादा भीड़ होती है. मंदिर के पुजारी ने बताया "अब तो डाक के जरिए भी भगवान के पास आवेदन आते हैं. हम उन्हें भी भगवान के चरणों में अर्पित कर देते हैं. बाद में लोग मनोकामना पूरी होने के बाद दर्शन करने आते हैं."

उन्होंने बताया "शनिवार और मंगलवार को महाआरती होती है. इसी दौरान ज्यादा से ज्यादा लोग जनसुनवाई में पहुंचते हैं. माना जाता है कि मंगलवार और शनिवार को लगाई गई अर्जी में भगवान जल्द सुनवाई करते हैं.

छिन्दवाड़ा: मध्य प्रदेश में एक दरबार ऐसा है जिसके बारे में मान्यता है कि यहां लगाई हुई कोई अर्जी खाली नहीं जाती. सभी मांगे पूरी हो जाती हैं. हम किसी सरकारी दफ्तर या किसी मंत्री, विधायक के कार्यालय के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्थित हनुमान केसरी मंदिर की, जिनको अर्जी वाले हनुमान जी भी कहा जाता है.

मान्यता है कि यहां हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी खुद जनसुनवाई करते हैं और सबकी मुरादें पूरी करते हैं. उनके न्याय के इतने चर्चे हैं कि जो लोग यहां पहुंच नहीं पाते वे डाक से अपनी अर्जी भेजते हैं, जिसे मंदिर प्रशासन हनुमान जी के चरणों में अर्पित करता है.

मंगलवार और शनिवार को होती है जनसुनवाई (ETV Bharat)

हनुमान जी के चरणों भक्त अर्पित करते हैं अर्जी

छिंदवाड़ा के तिलक मार्केट में केसरी नंदन हनुमान मंदिर स्थित है. यहां हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में विराजित हैं. मान्यता है कि यहां पर कई सालों से मंगलवार के दिन जनसुनवाई होती है. दूर-दूर से लोग यहां आते हैं. मंदिर प्रशासन द्वारा हनुमान जी के नाम से बनवाए गए लेटर पैड पर अपनी अर्जी लिखकर उस पर सिंदूर से जय श्री राम लिखकर हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर देते हैं. अर्जी सिर्फ भगवान और भक्त के बीच ही रहती है. इस अर्जी को खोलने की अनुमति किसी को नहीं है.

मान्यता है कि चाहे किसी तरह की परेशानी हो सभी का समाधान हो जाता है. भगवान सबकी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं. भक्त अर्जी लिखते हुए उसमें निदान की तारीख भी लिख देते हैं. लोग बताते हैं कि तयशुदा वक्त में ही उनकी अर्जी का समाधान हो जाता है. मनोकामना पूरी हो जाने पर लोग यहां दोबारा आते हैं और नारियल की माला चढ़ाते हैं.

'हवन कुंड के बीचों-बीच प्रकट हुई थी मूर्ति'

मंदिर के ट्रस्टी और पुजारी अनिल मालवीय ने बताया "यह देश भर में अयोध्या के बाद दूसरा और प्रदेश का इकलौता दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर है. लोगों की मान्यता है कि सैकड़ों साल पहले यहां हवन कुंड के बीचो-बीच दक्षिणमुखी हनुमान जी की प्रतिमा प्रकट हुई थी. तब से ही यहां पर लोग लिखित आवेदन के जरिए अपनी अर्जी लगाते हैं.

प्रदेश में इकलौते दक्षिणमुखी हनुमान के चमत्कारों को सुनकर दूर-दूर से भक्तों का आना-जाना लगा रहता है. वैसे तो भगवान के सामने अर्जी लगाने का कोई निर्धारित समय नहीं है, लेकिन हनुमान जी का दिन होने के नाते मंगलवार और शनिवार को यहां पर सबसे अधिक श्रद्दालु अपनी अर्जी लगाने पहुंचते हैं."

डाक से भी लगती है अर्जी, मंगलवार और शनिवार को होती है सुनवाई

वैसे तो हर दिन इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. हर दिन ही भक्त भगवान के सामने अपनी अर्जी लेकर पहुंचते हैं, लेकिन मंगलवार और शनिवार का दिन खास होता है और उस दिन ज्यादा भीड़ होती है. मंदिर के पुजारी ने बताया "अब तो डाक के जरिए भी भगवान के पास आवेदन आते हैं. हम उन्हें भी भगवान के चरणों में अर्पित कर देते हैं. बाद में लोग मनोकामना पूरी होने के बाद दर्शन करने आते हैं."

उन्होंने बताया "शनिवार और मंगलवार को महाआरती होती है. इसी दौरान ज्यादा से ज्यादा लोग जनसुनवाई में पहुंचते हैं. माना जाता है कि मंगलवार और शनिवार को लगाई गई अर्जी में भगवान जल्द सुनवाई करते हैं.

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