नई दिल्ली :केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार केंद्रीय धन का दुरुपयोग कर रही है. वह 'अयोग्य' लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभार्थी बना रही है. छह दिनों के व्यवधान के बाद मंगलवार सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर उनके कनिष्ठ चंद्रशेखर पेम्मासानी ने भी सदन में बात की और इस बात को खारिज कर दिया कि सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के लिए धन में कटौती की है.
उन्होंने कहा कि एमजीएनआरईजीएस के लिए बजट आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में हर साल 10,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसमें कोई कमी नहीं की गई है. उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने वास्तव में 'पात्र' लोगों के बजाय 'अयोग्य' लोगों को लाभार्थी बनाया है. उन्होंने कहा कि ऐसा करके राज्य सरकार ने अपराध किया है.
चौहान ने कानून का हवाला देते हुए कहा कि अगर केंद्र की कोई योजना ठीक से लागू नहीं होती है या उसके फंड का दुरुपयोग होता है, तो केंद्र सरकार राज्यों को मिलने वाली फंडिंग रोक सकती है. मंत्री के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का नाम भी बदल दिया, जो एक ग्रामीण आवास योजना है, जो कानून के मुताबिक अवैध है और अपराध भी है. उन्होंने कहा कि हम देश के संसाधनों का दुरुपयोग नहीं होने देंगे. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं- 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा'.