जम्मू: कश्मीर के लिए बहुत जल्द ट्रेन सेवा शुरू होगी. श्रीनगर जाने वाली और वापस आने वाली सभी ट्रेनें कटरा स्थित श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन पर रुकेंगी. यात्रियों को हर बार कटरा स्टेशन पर ट्रांसशिपमेंट की प्रक्रिया से गुजरना होगा. जम्मू में रेलवे के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया गया है कि कटरा रेलवे स्टेशन एक ऐसा स्थान होगा, जहां यात्रियों को ट्रांसशिपमेंट करना होगा.
एक अधिकारी ने कहा, "जब कोई ट्रेन श्रीनगर से आएगा या वहां जाएगी तो हर बार वह कटरा स्थित एसएमवीडी रेलवे स्टेशन पर रुकेगी और यात्रियों को आगे की यात्रा के लिए दूसरी ट्रेन में सवार होना होगा." उन्होंने कहा, "प्लेटफॉर्म नंबर 1 को कश्मीर जाने वाली ट्रेनों के लिए समर्पित किया गया है और जब भी कोई ट्रेन वहां आती है तो सभी यात्रियों को सामान के साथ उतरना होगा और स्टेशन के बाहर जाना होगा. उन्हें प्रस्थान लाउंज में अपने सामान को फिर से स्कैन करना होगा और फिर आगे की यात्रा के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर खड़ी ट्रेन में सवार होना होगा. वह ट्रेन आगे के गंतव्यों के लिए नहीं जाएगी. यात्रियों को आगे के सफर के लिए अगली ट्रेन का इंतजार करना होगा."
31 दिसंबर को उत्तरी रेलवे द्वारा कश्मीर के लिए जारी की गई समय सारणी में इस बात का उल्लेख किया गया कि एसएमवीडी रेलवे स्टेशन कटरा और श्रीनगर के बीच प्रतिदिन एक वंदे भारत और दो मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलेंगी. ट्रेन की टाइमिंग भी बताई गई है, लेकिन इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि कटरा से देश के बाकी हिस्सों में आगे की यात्रा के लिए क्या व्यवस्था की जाएगी.
उत्तरी रेलवे द्वारा जारी चार्ट के अनुसार, वंदे भारत ट्रेन कटरा से सुबह 8:10 बजे रवाना होगी और 11:20 बजे श्रीनगर पहुंचेगी. मेल एक्सप्रेस ट्रेन कटरा से सुबह 9:50 बजे रवाना होगी और दोपहर 1:10 बजे श्रीनगर पहुंचेगी और एक अन्य मेल एक्सप्रेस ट्रेन दोपहर 3 बजे कटरा से रवाना होगी और शाम 6:20 बजे श्रीनगर पहुंचेगी.
इसी तरह श्रीनगर से मेल एक्सप्रेस ट्रेन सुबह 8:45 बजे रवाना होगी और दोपहर 12:05 बजे कटरा पहुंचेगी. वंदे भारत ट्रेन दोपहर 12:45 बजे रवाना होगी और दोपहर 3:55 बजे कटरा पहुंचेगी और दूसरी मेल एक्सप्रेस दोपहर 3:05 बजे रवाना होगी और शाम 6:30 बजे कटरा पहुंचेगी.
अब, ईटीवी भारत को पता चला है कि यात्रियों को कटरा में ट्रांसशिपमेंट करना होगा, यानी दूसरी ट्रेन पकड़नी होगी.
कश्मीर के लिए ट्रेन सेवा के उद्घाटन का इंतजार
इस बीच, सभी की निगाहें कश्मीर के लिए ट्रेन के उद्घाटन की तारीख की घोषणा करने के लिए केंद्र सरकार पर टिकी हैं. 13 जनवरी को उद्घाटन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीनगर का दौरा करेंगे और गगनगीर और सोनमर्ग के बीच श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करेंगे. लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.
जम्मू-कश्मीर में पहली बार 1890 में शुरू हुई थी ट्रेन सेवा
जम्मू-कश्मीर में रेलवे का इतिहास आजादी से पहले का है. 1890 में जम्मू और सियालकोट (अब पाकिस्तान में) के बीच ट्रेन सेवा शुरू की गई थी. उसके बाद 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के बाद ही पंजाब से जम्मू तक सीधी ट्रेन चलाने का काम शुरू हुआ. 1972 में पहली ट्रेन श्रीनगर एक्सप्रेस के नाम से जम्मू पहुंची, जिसे अब झेलम एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता है और उसके बाद अन्य ट्रेनें भी जम्मू में पहुंचीं. इनमें सबसे नई ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस है, जिसके नई दिल्ली से सीधे कश्मीर जाने वाली पहली ट्रेन बनने की उम्मीद है.
1981 में जम्मू से उधमपुर ट्रेन परियोजना शुरू की गई और इसकी आधारशिला 14 अप्रैल, 1983 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी. यह परियोजना लंबे समय तक लंबित रही और 13 अप्रैल, 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उधमपुर के लिए ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई. उधमपुर में भारतीय सेना के उत्तरी कमान का मुख्यालय भी है.
इसके बाद से कश्मीर घाटी में रेलगाड़ियां चलने लगीं. 11 अक्टूबर 2009 से विभिन्न रेल खंडों पर स्थानीय ट्रेन सेवा शुरू की गई और 4 जुलाई 2014 को माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर कटरा के लिए सीधी रेल सेवा भी शुरू की गई, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
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