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चारधाम परियोजना मामला : सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

चारधाम यात्रा को लेकर कोर्ट ने सरकार को साफ किया था कि उसे (सरकार) अपने परिपत्र का पालन करना होगा. इसमें कई चीजें शामिल थीं. अदालत के आदेश के कुछ महीने बाद सरकार पर आरोप है कि उसने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है.

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चारधाम शिकायत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
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Published : Oct 19, 2020, 3:05 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने चारधाम परियोजना के लिए नियुक्त हाई पावर्ड कमेटी के चेयरमैन द्वारा लिखे गए एक शिकायती पत्र का स्वत: संज्ञान लिया है. 26 अक्टूबर को इस पर सुनवाई होने की संभावना है. अध्यक्ष ने हाल ही में अदालत को एक पत्र लिखा था, जिसमें केंद्र द्वारा अदालत के आदेश का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया था.

इस साल की शुरुआत में अदालत ने सरकार को यह स्पष्ट कर दिया था कि उसे 2018 के अपने परिपत्र का पालन करना होगा, जिसमें सड़कों की चौड़ाई 5.5 मीटर होगी. अदालत ने सरकार से चार धाम परियोजना के निर्माण से होने वाले नुकसान की भरपाई हेतु पेड़ लगाने के लिए भी कहा था.

पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, चारधाम प्रोजेक्ट में केंद्र कराए पौधरोपण

आदेश आठ सितंबर को आया था और लगभग पांच महीनों के बाद, यानी पांच अक्टूबर को, अध्यक्ष ने इसका पालन न करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आदेश के बारे में सड़क परिवहन और यातायात मंत्रालय (MoRTH) को लिखा था और कुछ विवरण मांगे थे, लेकिन उन्हें पूर्ण संतोषजनक उत्तर नहीं मिला.

चारधाम परियोजना में यात्रा को कम करने और गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ के 4 मंदिरों को जोड़ने के लिए उत्तराखंड में राजमार्गों का निर्माण शामिल है.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने चारधाम परियोजना के लिए नियुक्त हाई पावर्ड कमेटी के चेयरमैन द्वारा लिखे गए एक शिकायती पत्र का स्वत: संज्ञान लिया है. 26 अक्टूबर को इस पर सुनवाई होने की संभावना है. अध्यक्ष ने हाल ही में अदालत को एक पत्र लिखा था, जिसमें केंद्र द्वारा अदालत के आदेश का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया था.

इस साल की शुरुआत में अदालत ने सरकार को यह स्पष्ट कर दिया था कि उसे 2018 के अपने परिपत्र का पालन करना होगा, जिसमें सड़कों की चौड़ाई 5.5 मीटर होगी. अदालत ने सरकार से चार धाम परियोजना के निर्माण से होने वाले नुकसान की भरपाई हेतु पेड़ लगाने के लिए भी कहा था.

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आदेश आठ सितंबर को आया था और लगभग पांच महीनों के बाद, यानी पांच अक्टूबर को, अध्यक्ष ने इसका पालन न करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आदेश के बारे में सड़क परिवहन और यातायात मंत्रालय (MoRTH) को लिखा था और कुछ विवरण मांगे थे, लेकिन उन्हें पूर्ण संतोषजनक उत्तर नहीं मिला.

चारधाम परियोजना में यात्रा को कम करने और गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ के 4 मंदिरों को जोड़ने के लिए उत्तराखंड में राजमार्गों का निर्माण शामिल है.

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