डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, यह बीमारी आजकल की खराब जीवनशैली और खान-पान के कारण आम हो गई है. डायबिटीज रोगी अपने ब्लड शुगर लेवल को लेकर बहुत सावधान रहते हैं. अपने शुगर लेवल की वे नियमित जांच करते हैं. जांच करने के लिए आमतौर से रोगी के उंगली से ब्लड निकालने के लिए सुई की आवश्यकता होती है, जो हल्का दर्दनाक होता है. लेकिन अब शुगर टेस्ट के लिए सुई या किसी पैच की जरूरत नहीं पड़ेगी.
जी हां, कनाडा में वाटरलू विश्वविद्यालय के इंजीनियरों ने एक ऐसा पहनने योग्य उपकरण विकसित किया है जो बिना किसी आक्रामक तरीके से ग्लूकोज के स्तर की निगरानी के लिए रडार टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है. वाटरलू के इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के सहायक एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जॉर्ज शेकर ने कहा कि हमने एक रडार तकनीक विकसित की है, जो अब स्मार्टवॉच के अंदर फिट हो सकती है और ग्लूकोज के स्तर को पहले से कहीं अधिक सटीकता से पहचान सकती है. जिस तरह आप अपनी दृष्टि को बेहतर बनाने के लिए चश्मे का उपयोग करते हैं, उसी तरह हमारी तकनीक ग्लूकोज के स्तर को बेहतर ढंग से पहचानने में मदद करती है.
हाल ही में नेचर के कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में Radar near-field sensing using metasurface for biomedical applications टाइटल से एक अध्ययन प्रकाशित हुआ था. क्लिनिकल ट्रायल और आगे के विकास की योजनाओं के साथ, यह इनोवेटिव इक्विपमेंट पहनने लायक हेल्थ टेक्नोलॉजी में एक महत्वपूर्ण छलांग का प्रतिनिधित्व करता है.
टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है
यह नया सिस्टम वेदर सैटेलाइट से प्रेरित है, जो तूफान की गतिविधियों जैसे वायुमंडलीय परिवर्तनों की निगरानी के लिए रडार का उपयोग करते हैं. शेकर ने बताया कि हमने उपग्रहों पर इन रडार प्रणालियों को छोटा करने, उन्हें पहनने योग्य डिवाइस में डालने और वायुमंडल में होने वाले परिवर्तनों को देखने वाली उसी रडार तकनीक का उपयोग मानव शरीर में होने वाले परिवर्तनों को देखने के लिए करने का एक तरीका निकाला है.
डिवाइस में तीन महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स शामिल हैं...
- रडार चिप: शरीर के माध्यम से संकेत भेजता और प्राप्त करता है.
- मेटा-सरफेस:टीम द्वारा विकसित एक विशेष सामग्री, जो अधिक सटीक ग्लूकोज रीडिंग के लिए रडार के रिज़ॉल्यूशन और संवेदनशीलता को बढ़ाती है.
- एआई एल्गोरिदम वाले माइक्रोकंट्रोलर: रडार संकेतों को संसाधित करता है तथा समय के साथ डेटा से सीखकर सटीकता और विश्वसनीयता में सुधार करता है.
यह नई खोज त्वचा में प्रवेश की आवश्यकता को समाप्त करता है, जो गैर-आक्रामक ( बिना कोई चीरा नहीं लगाए दर्द रहित) ग्लूकोज मॉनिटर करता है. यह पहली बार है जब इस तरह की टेक्नोलॉजी विकसीत की गई है. शेकर ने कहा कि मौजूदा तरीकों के विपरीत, हमारी प्रणाली पूरी तरह से गैर-आक्रामक है और ग्लूकोज के स्तर में छोटे बदलावों का भी पता लगा सकती है. कोई भी अन्य तकनीक रक्तप्रवाह के साथ सीधे संपर्क के बिना इस स्तर की सटीकता प्रदान नहीं कर सकती है.
डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए लाभकारी
डायबिटीज से पीड़ित लाखों लोगों के लिए, बार-बार उंगली में सुई चुभाना और आक्रामक पैच लगाना दर्द, संक्रमण का खतरा और असुविधा जैसी चुनौतियों के साथ आता है. नया पहनने योग्य उपकरण इन समस्याओं का समाधान करता है और अत्यधिक सटीक रीडिंग प्रदान करता है. शेकर ने कहा कि इस प्रौद्योगिकी में लोगों के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार लाने की क्षमता है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार रडार-आधारित प्रणाली निरंतर ग्लूकोज निगरानी को कम आक्रामक और अधिक सुलभ बनाती है.
भविष्य की संभावना
जबकि वर्तमान प्रोटोटाइप USB केबल द्वारा संचालित है, टीम इसे बैटरी के उपयोग के लिए अनुकूलित करने पर काम कर रही है ताकि इसे पूरी तरह से पोर्टेबल बनाया जा सके. टीम भविष्य में ब्लड प्रेशर जैसे अन्य स्वास्थ्य मीट्रिक की निगरानी के लिए डिवाइस की क्षमताओं का विस्तार करने की भी कल्पना करते हैं.
जल्द बाजार में होगा उपलब्ध
बता दें, टीम बाजार में इस्तेमाल के लिए तकनीक को बेहतर बनाने के लिए उद्योग भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रही है. शेकर ने कहा कि हमारे पास एक न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद है जिसका पहले से ही नैदानिक परीक्षणों में उपयोग किया जा रहा है, और जबकि अभी और काम किया जाना बाकी है, हम पूरी तरह से बाजार में बिकने लायक डिवाइस बनाने के बहुत करीब हैं.