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HMPV को लेकर दिल्ली के अस्पतालों में बढ़ी निगरानी, हेल्पलाइन नंबर जारी - HMPV ALERT IN DELHI

डीजीएचएस ने कहा, सावधानी और बचाव की सलाह ले सकते हैं संदिग्ध मरीज, घबराने की जरूरत नहीं

दिल्ली में एचएमपीवी अलर्ट
दिल्ली में एचएमपीवी अलर्ट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 6, 2025, 12:48 PM IST

नई दिल्ली: चीन में फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के भारत में दो मामले मिलने पर दिल्ली में निगरानी बढ़ा दी गई है. दिल्ली के सभी अस्पतालों को फ्लू, सर्दी, जुकाम के मरीजों पर नजर रखने के लिए कहा गया है. साथ ही, अस्पतालों में दवाइयां का पर्याप्त स्टाक रखने के भी निर्देश दिए गए हैं.

इसके अलावा डीजीएचएस ने डेंगू और कोरोना मरीजों की मदद के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन (011-22307145/011-22300012) को एचएमपीवी मरीज की जानकारी देने के लिए भी एक्टिव कर दिया है. अगर किसी मरीज में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि होती तो वह इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके जानकारी दे सकता है. साथ ही, सावधानी और उपचार संबंधी सलाह भी ले सकता है.

दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉक्टर वंदना बग्गा ने सभी अस्पतालों और मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों को भी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. डीजीएचएस ने सभी 11 जिलों के जिला चिकित्सा अधिकारियों और एकीकृत रोग निगरानी समिति के राज्य प्रभारी के साथ बैठक करके मौजूदा स्थिति पर चर्चा की और दिल्ली में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए.

डीजीएचएस ने अस्पतालों को अलर्ट रहने, इन्फ्लुएंजा व सांस के गंभीर संक्रमण की बीमारी एसएआरआई (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) के मामलों को रिपोर्ट करने व दवाओं का पर्याप्त स्टाक रखने को भी कहा है. इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (आइएलआई) व एसएआरआई जैसे मामलों को तुरंत आईएचआइपी (इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफार्मेशन प्लेटफॉर्म) पर ऑनलाइन रिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं.

लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि डीजीएचएस के निर्देश के अनुसार पालन करना शुरू कर दिया है. अस्पताल में आने वाले मरीजों पर निगरानी रखी जा रही है. साथ ही इन्फ्लूएंजा के गंभीर संक्रमण वाले मरीजों को अलग से आइसोलेट करने की व्यवस्था की गई है. हालांकि, अभी गंभीर संक्रमण के मरीज अस्पताल में नहीं आ रहे हैं. सर्दी, खांसी, बुखार के सामान्य मरीज अस्पताल में आ रहे हैं. अस्पताल में पैरासिटामॉल और अन्य आवश्यक दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक है. उन्होंने बताया कि एचएमपीवी वायरस के लक्षण बर्ड फ्लू जैसे ही हैं. इसमें सांस लेने में दिक्कत होती है. सामान्य मामलों में, यह खांसी या गले में घरघराहट, नाक बहने या गले में खराश का कारण बनता है.

वहीं, स्वामी दयानंद हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ग्लैडविन त्यागी ने बताया कि हमारे अस्पताल में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के सामान्य मरीज ही आ रहे हैं. अभी बहुत ज्यादा मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है. अगर कोई गंभीर संक्रमण का मरीज आएगा तो उसकी निगरानी की जाएगी.

डीजीएचएस ने कहा चिंता करने की जरूरत नहीं. एचएमपीवी व रेस्परेटरी सिंसिटियल वायरल (आरएसवी) के संक्रमण से सामान्य तौर पर सांस लेने पर हल्की परेशानी होती है. यह खुद ठीक हो जाती है. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है. डीजीएचएस ने यह भी स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय रोग निगरानी केंद्र (एनसीडीसी) व विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से मिली सूचना के अनुसार, चीन में एचएमपीवी के संक्रमण की कोई इमरजेंसी घोषित नहीं है. स्वाइन फ्लू (एच1एन1) जैसी मौसमी बीमारी बढ़ी है.

नई दिल्ली: चीन में फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के भारत में दो मामले मिलने पर दिल्ली में निगरानी बढ़ा दी गई है. दिल्ली के सभी अस्पतालों को फ्लू, सर्दी, जुकाम के मरीजों पर नजर रखने के लिए कहा गया है. साथ ही, अस्पतालों में दवाइयां का पर्याप्त स्टाक रखने के भी निर्देश दिए गए हैं.

इसके अलावा डीजीएचएस ने डेंगू और कोरोना मरीजों की मदद के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन (011-22307145/011-22300012) को एचएमपीवी मरीज की जानकारी देने के लिए भी एक्टिव कर दिया है. अगर किसी मरीज में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि होती तो वह इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके जानकारी दे सकता है. साथ ही, सावधानी और उपचार संबंधी सलाह भी ले सकता है.

दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉक्टर वंदना बग्गा ने सभी अस्पतालों और मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों को भी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. डीजीएचएस ने सभी 11 जिलों के जिला चिकित्सा अधिकारियों और एकीकृत रोग निगरानी समिति के राज्य प्रभारी के साथ बैठक करके मौजूदा स्थिति पर चर्चा की और दिल्ली में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए.

डीजीएचएस ने अस्पतालों को अलर्ट रहने, इन्फ्लुएंजा व सांस के गंभीर संक्रमण की बीमारी एसएआरआई (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) के मामलों को रिपोर्ट करने व दवाओं का पर्याप्त स्टाक रखने को भी कहा है. इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (आइएलआई) व एसएआरआई जैसे मामलों को तुरंत आईएचआइपी (इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफार्मेशन प्लेटफॉर्म) पर ऑनलाइन रिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं.

लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि डीजीएचएस के निर्देश के अनुसार पालन करना शुरू कर दिया है. अस्पताल में आने वाले मरीजों पर निगरानी रखी जा रही है. साथ ही इन्फ्लूएंजा के गंभीर संक्रमण वाले मरीजों को अलग से आइसोलेट करने की व्यवस्था की गई है. हालांकि, अभी गंभीर संक्रमण के मरीज अस्पताल में नहीं आ रहे हैं. सर्दी, खांसी, बुखार के सामान्य मरीज अस्पताल में आ रहे हैं. अस्पताल में पैरासिटामॉल और अन्य आवश्यक दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक है. उन्होंने बताया कि एचएमपीवी वायरस के लक्षण बर्ड फ्लू जैसे ही हैं. इसमें सांस लेने में दिक्कत होती है. सामान्य मामलों में, यह खांसी या गले में घरघराहट, नाक बहने या गले में खराश का कारण बनता है.

वहीं, स्वामी दयानंद हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ग्लैडविन त्यागी ने बताया कि हमारे अस्पताल में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के सामान्य मरीज ही आ रहे हैं. अभी बहुत ज्यादा मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है. अगर कोई गंभीर संक्रमण का मरीज आएगा तो उसकी निगरानी की जाएगी.

डीजीएचएस ने कहा चिंता करने की जरूरत नहीं. एचएमपीवी व रेस्परेटरी सिंसिटियल वायरल (आरएसवी) के संक्रमण से सामान्य तौर पर सांस लेने पर हल्की परेशानी होती है. यह खुद ठीक हो जाती है. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है. डीजीएचएस ने यह भी स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय रोग निगरानी केंद्र (एनसीडीसी) व विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से मिली सूचना के अनुसार, चीन में एचएमपीवी के संक्रमण की कोई इमरजेंसी घोषित नहीं है. स्वाइन फ्लू (एच1एन1) जैसी मौसमी बीमारी बढ़ी है.

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