ETV Bharat / state

दिल्ली परिवहन विभाग ने बदले वाहन जब्ती के नियम, इतने दिन में छुड़ा लें अपनी गाड़ी, वरना बन जाएगी कबाड़ - OVERAGE VEHICLE RULES IN DELHI

दिल्ली परिवहन विभाग ने जब्त किए जाने वाले पुराने वाहनों को लेकर नियमों में बदलाव किए हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से..

दिल्ली परिवहन विभाग ने नियमों में किए बदलाव
दिल्ली परिवहन विभाग ने नियमों में किए बदलाव (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 12, 2025, 1:02 PM IST

Updated : Feb 12, 2025, 2:09 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में 15 से अधिक पुराने पेट्रोल व 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों के चलाने पर प्रतिबंध है. दिल्ली परिवहन विभाग की तरफ से ऐसे वाहनों को जब्त कर लिया जाता है. अब परिवहन विभाग ने दिल्ली पार्किंग और प्रबंधन नियमावली 2019 में संशोधन करते हुए जब्त वाहनों पर कार्रवाई के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं.

अब नए नियमों के तहत अगर एक्सपायर वाहन अवैध पार्किंग में पाया जाता है और जब्त कर लिया जाता है तो उसे छुड़ाने के लिए अब 90 दिन के बजाय केवल 30 दिन का समय मिलेगा. यदि इस अवधि के भीतर वाहन नहीं छुड़ाया जाता, तो पहले की तरह 15 दिन के बजाय केवल सात दिन का नोटिस जारी किया जाएगा. नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद वाहन को सार्वजनिक नीलामी में डाल दिया जाएगा या स्क्रैप करा दिया जाएगा. परिवहन विभाग के मुताबिक, जब्त वाहनों को समय पर नहीं छुड़ाने के कारण स्क्रैप वाहनों की संख्या में वृद्धि हो रही थी, जिसे नियंत्रित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है.

इन वाहनों के लिए भी नियमों में संशोधन: परिवहन विभाग ने हल्के यात्री वाहनों और मालवाहक वाहनों के नियमों में भी बदलाव किया हैं. पहले इन वाहनों को छुड़ाने के लिए 90 दिन का समय दिया जाता था. इसके बाद 10 दिन का नोटिस जारी किया जाता था, लेकिन अब नए नियमों के तहत 10 दिन का समय दिया जाएगा और उसके बाद सिर्फ सात दिन का नोटिस जारी होगा.

वाहन खींचने का शुल्क भी देना होगा: परिवहन विभाग ने नए बदलावों के बावजूद भी वाहन खींचने का शुल्क पहले जैसा ही रखा है. यह शुल्क वाहनों की श्रेणी पर निर्भर करता है, जिसके लिए 200 से 1500 रुपये तक लिए जाते हैं. यदि कोई वाहन सात दिन के भीतर नहीं छुड़ाया जाता है तो शुल्क को दोगुना कर दिया जाता है.

दिल्ली में जब्त वाहन
दिल्ली में जब्त वाहन (ETV Bharat)

इसलिए परिवहन विभाग सख्त: परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कई वाहन मालिक जब्त सार्वजनिक परिवहन या मालवाहक वाहनों को छुड़ाने के लिए नहीं आते हैं, जिससे पार्किंग स्थल पर वाहनों का अंबार लग जाता है. इससे अन्य वाहनों को खड़ा करने की जगह नहीं बचती है. नए नियमों के लागू होने से न केवल इन वाहनों का निपटान तेजी से किया जा सकेगा, बल्कि सड़कों पर अवैध पार्किंग की समस्या पर भी लगाम लगाई जा सकेगी.

एक्सपायर वाहनों को लेकर ये है विकल्प: वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों व 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध है. ऐसे वाहन अब दिल्ली-एनसीआर में नहीं चलाए जा सकते हैं. ऐसे वाहनों का पंजीकरण स्वतः रद्द माना जाता है. वाहन मालिकों को ने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए अधिकृत स्क्रैपिंग केंद्रों से संपर्क करना पड़ता है. वाहन के स्क्रैप होने के बाद 'जमा प्रमाणपत्र' मिलता है. जिससे नए वाहन की खरीद पर रोड टैक्स में छूट भी मिलती है.

यह भी पढ़ें-

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में 15 से अधिक पुराने पेट्रोल व 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों के चलाने पर प्रतिबंध है. दिल्ली परिवहन विभाग की तरफ से ऐसे वाहनों को जब्त कर लिया जाता है. अब परिवहन विभाग ने दिल्ली पार्किंग और प्रबंधन नियमावली 2019 में संशोधन करते हुए जब्त वाहनों पर कार्रवाई के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं.

अब नए नियमों के तहत अगर एक्सपायर वाहन अवैध पार्किंग में पाया जाता है और जब्त कर लिया जाता है तो उसे छुड़ाने के लिए अब 90 दिन के बजाय केवल 30 दिन का समय मिलेगा. यदि इस अवधि के भीतर वाहन नहीं छुड़ाया जाता, तो पहले की तरह 15 दिन के बजाय केवल सात दिन का नोटिस जारी किया जाएगा. नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद वाहन को सार्वजनिक नीलामी में डाल दिया जाएगा या स्क्रैप करा दिया जाएगा. परिवहन विभाग के मुताबिक, जब्त वाहनों को समय पर नहीं छुड़ाने के कारण स्क्रैप वाहनों की संख्या में वृद्धि हो रही थी, जिसे नियंत्रित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है.

इन वाहनों के लिए भी नियमों में संशोधन: परिवहन विभाग ने हल्के यात्री वाहनों और मालवाहक वाहनों के नियमों में भी बदलाव किया हैं. पहले इन वाहनों को छुड़ाने के लिए 90 दिन का समय दिया जाता था. इसके बाद 10 दिन का नोटिस जारी किया जाता था, लेकिन अब नए नियमों के तहत 10 दिन का समय दिया जाएगा और उसके बाद सिर्फ सात दिन का नोटिस जारी होगा.

वाहन खींचने का शुल्क भी देना होगा: परिवहन विभाग ने नए बदलावों के बावजूद भी वाहन खींचने का शुल्क पहले जैसा ही रखा है. यह शुल्क वाहनों की श्रेणी पर निर्भर करता है, जिसके लिए 200 से 1500 रुपये तक लिए जाते हैं. यदि कोई वाहन सात दिन के भीतर नहीं छुड़ाया जाता है तो शुल्क को दोगुना कर दिया जाता है.

दिल्ली में जब्त वाहन
दिल्ली में जब्त वाहन (ETV Bharat)

इसलिए परिवहन विभाग सख्त: परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कई वाहन मालिक जब्त सार्वजनिक परिवहन या मालवाहक वाहनों को छुड़ाने के लिए नहीं आते हैं, जिससे पार्किंग स्थल पर वाहनों का अंबार लग जाता है. इससे अन्य वाहनों को खड़ा करने की जगह नहीं बचती है. नए नियमों के लागू होने से न केवल इन वाहनों का निपटान तेजी से किया जा सकेगा, बल्कि सड़कों पर अवैध पार्किंग की समस्या पर भी लगाम लगाई जा सकेगी.

एक्सपायर वाहनों को लेकर ये है विकल्प: वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों व 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध है. ऐसे वाहन अब दिल्ली-एनसीआर में नहीं चलाए जा सकते हैं. ऐसे वाहनों का पंजीकरण स्वतः रद्द माना जाता है. वाहन मालिकों को ने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए अधिकृत स्क्रैपिंग केंद्रों से संपर्क करना पड़ता है. वाहन के स्क्रैप होने के बाद 'जमा प्रमाणपत्र' मिलता है. जिससे नए वाहन की खरीद पर रोड टैक्स में छूट भी मिलती है.

यह भी पढ़ें-

Last Updated : Feb 12, 2025, 2:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.