ETV Bharat / business

गिरते बाजार में SIP जारी रखें या निकालें पैसे, छिड़ी बहस... जानें आपके लिए क्या है सही - MUTUAL FUND SIP

स्मॉल कैप और मीड कैप शेयर और एसआईपी के साथ जोखिमों पर बहस छिड़ गई है. ऐसे में जानें कि आपके लिए क्या सही है.

Mutual Fund
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 12, 2025, 12:52 PM IST

मुंबई: शेयर बाजार में गिरावट लगातार जारी है. इस गिरावट को देखकर निवेशक दुविधा में हैं. वे यह तय नहीं कर पा रहे हैं, कि वे बाजार में निवेशित रहें या फिर अपने पैसे निकाल लें. इस बीच प्रूडेंशियल आईसीआईसीआई एएमसी के सीआईओ और फंड मैनेजर एस. नरेन की एक टिप्पणी ने निवेशकों को और अधिक भ्रमित कर दिया है. नरेन ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे मिड कैप और स्मॉल कैप से अपने पैसे डालना रोक दे. उनकी राय से विपरीत एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने निवेशकों को इस तरह की बहस में न पड़ने की सलाह दी है. उन्होंने निवेशकों को निवेशित रहने की सलाह दी है. इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने वेल्थ प्लानर पंकज मिश्रा से बात की है. उन्होंने क्या कहा, यहां पढ़ें.

एस नरेन ने जो भी कहा उसके पीछे कारण है. उनको ऐसा लगता है कि मिड कैप और स्मॉल कैप में अधिक पैसा आ गया है, इसलिए इस समय निवेशकों को उससे अपना पैसा निकाल लेना चाहिए. हालांकि, मेरी राय कुछ अलग है. मुझे लगता है कि निवेशकों को स्मॉल कैप और मिड कैप कंपनी की ओर ध्यान देना चाहिए, लेकिन बेहतर यह होगा कि निवेश के लिए वे एसआईपी का तरीका अपनाएं. देखिए अगर मार्केट में वोलैटिलिटी रहती है तो ऐसी स्थिति में एसआईपी के जरिए निवेश करने से आपको ज्यादा यूनिट आवंटित होता है. इस लिहाज से देखेंगे तो यदि आपका लक्ष्य पांच साल या 10 साल का है, तो मिड कैप या स्मॉल कैप में एसआईपी के जरिए निवेश किया जा सकता है.- पंकज मिश्रा, वेल्थ प्लानर, भोपाल.

एस नरेन ने क्या कहा था
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते प्रूडेंशियल आईसीआईसीआई एएमसी के सीआईओ और फंड मैनेजर एस. नरेन ने टिप्पणी की थी कि स्मॉल कैप और मिड कैप शेयर ओवरवैल्यूड हैं. उन्होंने निवेशकों से इस सेगमेंट से बाहर निकालने की सलाह दी थी.

उन्होंने यह भी कहा था कि एसआईपी अस्थिर और कम मूल्यांकित परिसंपत्ति वर्गों में सबसे अच्छा काम करते हैं. एस. नरेन ने एसआईपी भी रोकने की सलाह दी थी. इन टिप्पणियों ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री और फंड मैनेजर के बीच बहस छेड़ दी है.

राधिका गुप्ता ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि एसआईपी आम आदमी के लिए एक सरल बचत निवेश है. उनके कहा कि फिल इट, शट इट, फॉरगेट इट की तर्ज पर देखने की बात कही है.

सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में गुप्ता ने निवेशकों से एक अच्छा मैनेजर खोजने और समझदारी और संतुलित तरीके से 10 साल तक निवेश बनाए रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि भय फैलाने वाली बातों या 10 दिन की बहस में न पड़ें. उन्होंने चार बिंदुओं पर विस्तार से बताया कि निवेशकों को इस बहस के दौरान क्या याद रखना चाहिए-

  • मिड और स्मॉल कैप सहित सभी चीजें संतुलित हैं. यहां तक ​​कि एक औसत फ्लेक्सी-कैप फंड भी इस श्रेणी में 30 फीसदी आवंटन रखता है.
  • अगर आप साइकल के टॉप से लेकर नीचे तक (जैसे 2006 से 2013 तक) किसी भी चीज के रिटर्न को देखें तो वे ठीक नहीं लगेंगे. अगर आप 10 से 15 साल के बाद रिटर्न को देखेंगे तो आपको मिलने वाला रिटर्न ठीक लगेंगे. इसलिए कम समय के भीतर कोई फैसला करना सही नहीं हो सकता है. जब भी आप मिड और स्मॉल कैप में पैसे लगाए तो उसे लंबे समय के लिए रखना सही माना जाता है.
  • लिक्विडिटी बहुत महत्वपूर्ण है और इसे प्रबंधित किया जा सकता है. हमने विनियामकों द्वारा पूछे जाने से पहले ही अपने फंडों में तरलता संख्या का खुलासा कर दिया है और नकद कॉल लिए बिना या बहुत अधिक लार्ज कैप रखे बिना इस तरलता को बनाए रखा है.
  • महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे कोई असहमत नहीं हो सकता कि पैसा बनाने की कुंजी एसआईपी को लंबे समय तक बनाए रखना है - 10 साल या उससे अधिक.

ये भी पढ़ें-

मुंबई: शेयर बाजार में गिरावट लगातार जारी है. इस गिरावट को देखकर निवेशक दुविधा में हैं. वे यह तय नहीं कर पा रहे हैं, कि वे बाजार में निवेशित रहें या फिर अपने पैसे निकाल लें. इस बीच प्रूडेंशियल आईसीआईसीआई एएमसी के सीआईओ और फंड मैनेजर एस. नरेन की एक टिप्पणी ने निवेशकों को और अधिक भ्रमित कर दिया है. नरेन ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे मिड कैप और स्मॉल कैप से अपने पैसे डालना रोक दे. उनकी राय से विपरीत एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने निवेशकों को इस तरह की बहस में न पड़ने की सलाह दी है. उन्होंने निवेशकों को निवेशित रहने की सलाह दी है. इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने वेल्थ प्लानर पंकज मिश्रा से बात की है. उन्होंने क्या कहा, यहां पढ़ें.

एस नरेन ने जो भी कहा उसके पीछे कारण है. उनको ऐसा लगता है कि मिड कैप और स्मॉल कैप में अधिक पैसा आ गया है, इसलिए इस समय निवेशकों को उससे अपना पैसा निकाल लेना चाहिए. हालांकि, मेरी राय कुछ अलग है. मुझे लगता है कि निवेशकों को स्मॉल कैप और मिड कैप कंपनी की ओर ध्यान देना चाहिए, लेकिन बेहतर यह होगा कि निवेश के लिए वे एसआईपी का तरीका अपनाएं. देखिए अगर मार्केट में वोलैटिलिटी रहती है तो ऐसी स्थिति में एसआईपी के जरिए निवेश करने से आपको ज्यादा यूनिट आवंटित होता है. इस लिहाज से देखेंगे तो यदि आपका लक्ष्य पांच साल या 10 साल का है, तो मिड कैप या स्मॉल कैप में एसआईपी के जरिए निवेश किया जा सकता है.- पंकज मिश्रा, वेल्थ प्लानर, भोपाल.

एस नरेन ने क्या कहा था
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते प्रूडेंशियल आईसीआईसीआई एएमसी के सीआईओ और फंड मैनेजर एस. नरेन ने टिप्पणी की थी कि स्मॉल कैप और मिड कैप शेयर ओवरवैल्यूड हैं. उन्होंने निवेशकों से इस सेगमेंट से बाहर निकालने की सलाह दी थी.

उन्होंने यह भी कहा था कि एसआईपी अस्थिर और कम मूल्यांकित परिसंपत्ति वर्गों में सबसे अच्छा काम करते हैं. एस. नरेन ने एसआईपी भी रोकने की सलाह दी थी. इन टिप्पणियों ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री और फंड मैनेजर के बीच बहस छेड़ दी है.

राधिका गुप्ता ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि एसआईपी आम आदमी के लिए एक सरल बचत निवेश है. उनके कहा कि फिल इट, शट इट, फॉरगेट इट की तर्ज पर देखने की बात कही है.

सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में गुप्ता ने निवेशकों से एक अच्छा मैनेजर खोजने और समझदारी और संतुलित तरीके से 10 साल तक निवेश बनाए रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि भय फैलाने वाली बातों या 10 दिन की बहस में न पड़ें. उन्होंने चार बिंदुओं पर विस्तार से बताया कि निवेशकों को इस बहस के दौरान क्या याद रखना चाहिए-

  • मिड और स्मॉल कैप सहित सभी चीजें संतुलित हैं. यहां तक ​​कि एक औसत फ्लेक्सी-कैप फंड भी इस श्रेणी में 30 फीसदी आवंटन रखता है.
  • अगर आप साइकल के टॉप से लेकर नीचे तक (जैसे 2006 से 2013 तक) किसी भी चीज के रिटर्न को देखें तो वे ठीक नहीं लगेंगे. अगर आप 10 से 15 साल के बाद रिटर्न को देखेंगे तो आपको मिलने वाला रिटर्न ठीक लगेंगे. इसलिए कम समय के भीतर कोई फैसला करना सही नहीं हो सकता है. जब भी आप मिड और स्मॉल कैप में पैसे लगाए तो उसे लंबे समय के लिए रखना सही माना जाता है.
  • लिक्विडिटी बहुत महत्वपूर्ण है और इसे प्रबंधित किया जा सकता है. हमने विनियामकों द्वारा पूछे जाने से पहले ही अपने फंडों में तरलता संख्या का खुलासा कर दिया है और नकद कॉल लिए बिना या बहुत अधिक लार्ज कैप रखे बिना इस तरलता को बनाए रखा है.
  • महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे कोई असहमत नहीं हो सकता कि पैसा बनाने की कुंजी एसआईपी को लंबे समय तक बनाए रखना है - 10 साल या उससे अधिक.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.