नई दिल्ली: भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है. हर दिन 23 मिलियन से अधिक लोग रेलवे से रोजाना यात्रा करते है. त्यौहारों और शादियों के मौसम के दौरान रेल यात्रियों की संख्या और भी अधिक बढ़ जाती है. एक समय था जब यात्रियों को आरक्षित सीट पाने के लिए टिकट काउंटरों पर लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था. लेकिन भारत के तेजी से डिजिटल बदलाव के साथ ऑनलाइन टिकट बुकिंग पसंदीदा विकल्प बन गई है.
आज ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले यात्रियों की संख्या काउंटर से टिकट खरीदने वालों से कई गुना ज्यादा है. हालांकि यात्रियों के बीच एक आम चिंता यह है कि ऑनलाइन टिकट काउंटर टिकट से ज्यादा महंगे होते हैं. अगर आपने कभी ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक किया है, तो आपने देखा होगा कि यह काउंटर टिकट से ज्यादा महंगा होता है.
ऑनलाइन ट्रेन टिकट महंगे क्यों होते?
ऐसा इसलिए है क्योंकि ऑनलाइन ट्रेन टिकट केवल IRCTC के जरिए ही बुक किए जा सकते हैं. अगर आप टिकट बुक करने के लिए किसी थर्ड पार्टी ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो भी आपको IRCTC अकाउंट की जरूरत होगी. इसके बिना ऑनलाइन बुकिंग संभव नहीं है. ऑनलाइन टिकट बुक करते समय IRCTC यात्रियों से वस्तु एवं सेवा कर (GST) के साथ-साथ सुविधा शुल्क भी लेता है. सुविधा शुल्क सीधे IRCTC को जाता है, जबकि GST सरकार वसूलती है. ये अतिरिक्त शुल्क ऑनलाइन टिकट को काउंटर टिकट से महंगा बनाते हैं.
ऑनलाइन टिकट काउंटर टिकट से महंगे क्यों हैं?
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता संजय राउत ने हाल ही में राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया और सवाल किया कि ऑनलाइन टिकट काउंटर टिकट से ज्यादा महंगे क्यों हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि IRCTC को ऑनलाइन टिकटिंग सिस्टम को बनाए रखने, अपग्रेड करने और विस्तार करने के लिए काफी खर्च करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इन लागतों की भरपाई के लिए IRCTC ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर सुविधा शुल्क लगाता है. भारत में 80 फीसदी यात्री ऑनलाइन बुकिंग को प्राथमिकता देते हैं.