हल्द्वानी(उत्तराखंड): लालकुआं रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में हाईकोर्ट ने कब्जा हटाने के आदेश दिये हैं. जिसके बाद आज यहां अतिक्रमणकारियों को हटाने की कार्रवाई शुरू की गई. अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम को भारी विरोध झेलना पड़ा. इसके बाद भी रेलवे ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
अतिक्रमण हटाने के दौरान लोगों ने काफी विरोध किया जहां कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेते हुए उनको थाने को भेजा है. अतिक्रमण के दायरे में एक मजार भी आई. जिसे जेसीबी से ध्वस्त कर दिया. फिलहाल पूरे मामले में रेलवे प्रशासन कुछ भी कहने से बच रहा है. उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कानून व्यवस्था के व्यक्तिगत रेलवे का सहयोग करते हुए अतिक्रमण हटाने का काम होता है. यहां करीब 400 मीटर के दायरे में अतिक्रमण हटाया जाना है.
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गौरतलब है कि लालकुआं रेलवे स्टेशन कुमाऊं का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है. यहां से कई राज्यों के लिए ट्रेनें संचालित की जाती हैं. अमृत भारत स्कीम के तहत वंदे भारत ट्रेन चलाने की रेलवे प्रशासन की योजना है. जिसके तहत स्टेशन का विस्तारीकरण के साथ-साथ फिटलाइन का भी निर्माण होना है. जिसके लिए रेलवे को अपनी भूमि की आवश्यकता है. पिछले कई सालों से अतिक्रमणकारी बैठे हुए थे. रेलवे ने कई बार नोटिस जारी किया. इसके बाद भी अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण नहीं हटाया. जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन ने बलपूर्वक आज अतिक्रमण हटाया.
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बता दें रेलवे ने 3 मई को नोटिस देकर अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया था. जिसकी अंतिम तिथि 18 मई थी. 2018 में इस भूमि पर राज्य सरकार व रेलवे ने एक साथ जांच शुरू की थी. उस वक्त 84 अतिक्रमण पाए गए.इसके बाद रेलवे ने कई बार जांच की. वर्तमान में यहां पर करीब 4 हजार लोगों ने टिन शेड डालकर रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है. इनको हटाने के लिए रेलवे ने इन्हें दस दिन का समय दिया है. रेलवे की तरफ से यह भी कहा गया कि इनको हटाने के लिए उनके द्वारा जिला प्रसाशन से पुलिस फोर्स मुहैया कराने का पत्र दिया, परन्तु प्रशासन उसमें सहयोग नहीं कर रहा है. लालकुआं रेलवे स्टेशन का अमृत भारत स्कीम के तहत आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण होना है. इसलिए यहां से अतिक्रमण को हटाना आवश्यक है.