Muharram 2022: अजमेर में दिखा कर्बला की जंग का मंजर, निभाई 800 साल पुरानी हाइदौस की परंपरा
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पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत का आज दिन है. अजमेर में दरगाह क्षेत्र में स्थित अंदरकोट में 800 सालों से मोहर्रम (Muharram 2022) की 10 तारीख को हाइदौस खेला जाता है. कोरोना की वजह से पिछले दो वर्ष हाइदौस नहीं खेला गया. इस बार दो वर्ष के बाद अंदरकोटियान पंचायत की ओर से हाइदौस का आयोजन रखा. हाइदौस देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. अजमेर में अंदरकोट इलाके में इमाम हुसैन की याद में अंदरकोटियान पंचायत की ओर से हाइदौस खेला गया. हाइदौस खेलने के लिए प्रशासन ने अंदरकोटियान पंचायत को 100 तलवारें और एक तोप भी दी. इस बार हाइदौस खेलते एक दर्जन से अधिक लोग जख्मी हुए हैं. अजमेर में विश्वविख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हजारों लोग जियारत के लिए आते हैं. ऐसे में उनके लिए हाइदौस विशेष आकर्षण बन जाता है. वहीं, बीकानेर में हजरत इमाम हुसैन की याद में बुधवार शाम गमगीन माहौल में ताजिये ठंडे किए गए. नम आंखों से ताजियों को अंतिम विदाई दी गई. आशूरा का रोजा रखा गया और नवाफिल पढ़े. दिनभर जियारत के बाद शाम को जब ताजियों के उठने का समय आया तो अकीदतमन्दों की आंखें भर आई.