उदयपुर. भाजपा की दूसरी सूची आने के बाद चित्तौड़गढ़, राजसमंद के बाद अब उदयपुर शहर में भी ताराचंद जैन का विरोध शुरू हो गया है. जैन के खिलाफ डिप्टी मेयर पारस सिंघवी ने मोर्चा खोल दिया है. दो दिनों तक लगातार बैठक और मंथन के बाद तीसरे दिन सोमवार को पारस सिंघवी ने शहर के टाउन हॉल से जगदीश चौक तक अपने समर्थकों के साथ स्वाभिमान रैली निकाली और ताराचंद जैन का खुलकर विरोध किया. सिंघवी ने कहा कि किसी भी सूरत में ताराचंद जैन को स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
सिंघवी की स्वाभिमान रैली को सबसे पहले बड़ा बाजार में रोका गया. इसके जब उन्होंने कहा कि वे राजनीतिक तौर पर कोई प्रदर्शन नहीं कर रहे, बल्कि वे तो देव दर्शन के लिए जगदीश मंदिर जा रहे. हालांकि, कुछ मिनट की बहस के बाद आचार संहिता की बात कहते हुए उनके समर्थकों से माइक और लाउडस्पीकर जब्त कर लिए गए. उसके बाद उनके समर्थक मंदिर के लिए रवाना हो गए.
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पुलिस ने जब्त किया साउंड सिस्टम - जगदीश मंदिर से पहले रैली के आगे पुलिस ने गाड़ियां लगा दी और जाब्ता तैनात कर दिया. पुलिस अधिकारियों ने पारस की रैली के माइक को लेकर अपील करते हुए कहा कि रैली की स्वीकृति नहीं है ऐसे में आप सहयोग करें, क्योंकि अभी आचार संहिता लागू है. रैली समाप्ति के बाद पारस ने कहा कि उन्होंने रैली को लेकर प्रशासन को लिखित में स्वीकृति के लिए सुबह पत्र भी दिया था. पुलिस ने साउंड सिस्टम के ठेलों को जब्त कर सड़क के किनारे रखवाया दिया.
पुष्प वर्षा कर समर्थकों ने किया सिंघवी का स्वागत - रैली टाउनहॉल से रवाना हुई, जिसमें भारी संख्या में महिला व पुरुष शामिल रहे. जिन्होंने पारस के समर्थन में नारेबाजी भी की. टाउनहॉल से रवाना हुई रैली बापू बाजार, सूरजपोल, अस्थल चौराहा, लखारा चौक, मंडी, मोचीवाड़ा होते हुए बड़ा बाजार पहुंची, जहां पुलिस ने रैली को रोक दिया. हालांकि, बाद में लोगों को जाने दिया गया. इसके बाद सभी जगदीश मंदिर पहुंचकर दर्शन किए. इस दौरान जगह-जगह समर्थकों ने पुष्प वर्षा कर सिंघवी का स्वागत किया.
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मीडिया से बातचीत में पारस सिंघवी ने कहा कि वे अभी भी पार्टी के साथ हैं और भी बने रहेंगे, लेकिन उनकी एक ही मांग है कि जिस व्यक्ति का नाम सूची में नहीं था भला उसको टिकट कैसे मिल गया. ऐसे में पार्टी को उसको लेकर विचार करने की जरूरत है, क्योंकि वो पार्टी विरोधी है. उन्होंने कहा कि यदि टिकट मुझे नहीं देना चाहते हैं तो किसी और को दे दीजिए. वो उसका विरोध नहीं करेंगे, लेकिन ताराचंद किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है. एक सवाल के जवाब में सिंघवी ने कहा कि उनके सामने सारे रास्ते खुले हैं और वे अपनों के बीच बैठकर आगे निर्णय करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं अभी भी पार्टी के साथ हूं, पार्टी के शीर्ष नेताओं से आग्रह है कि उदयपुर के निर्णय पर फिर से विचार करें.
दरअसल, 2 दिन पहले ताराचंद जैन का टिकट फाइनल हुआ था, तब पारस सिंघवी के समर्थकों ने इसका विरोध किया था. वहीं, सिंघवी ने असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया पर भी निशाना साधा था. हालांकि, सिंघवी की रैली से भाजपा पदाधिकारी और पार्षद नदारद रहे.