बीकानेर : देश-विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बीकानेर का अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव में राजस्थानी संस्कृति के रंग देखने को मिलते हैं. इस बार उत्सव 10 से 12 जनवरी तक आयोजित होगा. इन तीन दिनों तक ऊंट नृत्य, ऊंट दौड़ और फर कटिंग की प्रतियोगिता आयोजित होगी. हर साल होने वाले इस आयोजन के लिए ऊंट पालक पूरे साल मेहनत करते हैं.
फर कटिंग की कलाकारी : वैसे तो उत्सव में भाग लेने वाले ऊंट और उसके मालिक के लिए पूरे साल भर तैयारी होती है, लेकिन ऊंट उत्सव से करीब 2 महीने पहले दिन के 6 से 7 घंटे इसकी तैयारी में बिताते हैं. दरअसल, ऊंट के शरीर पर खास तौर से कटिंग के जरिए आकृति उकेरी जाती है. ऊंट के उगे बालों के बीच में उकेरी इस आकृति को स्थानीय भाषा में भी फर कटिंग कहते हैं.
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बाघिन 'मछली' से लेकर घूमर तक : ऊंट पालक मोईन खान ने बताया कि इस बार उन्होंने कई नवाचार करने का प्रयास किया है. पूरे ऊंट के शरीर पर राजस्थान की अलग-अलग खासियत और महत्वपूर्ण चीजों को उकेरने का प्रयास किया है. इनमें रणथंभौर की बाघिन 'मछली' से लेकर नृत्य करता हुआ ऊंट, राजस्थान की रंगोली और अनेक चीजों को ऊंट के शरीर पर प्रदर्शित करने का प्रयास किया है.
हर साल लेते हैं भाग : ऊंट पालक ने बताया कि पिछले 20-22 सालों से वे हर साल ऊंट उत्सव में भाग ले रहे हैं और इस बार भी उनकी तैयारियां जोरों पर हैं. उन्होंने बताया कि बीकानेर का यह सबसे बड़ा आयोजन है. राजस्थान के जहाज के रूप में ऊंट की उपयोगिता शुरू से रही है और यहां आने वाले पर्यटक भी ऊंट की उपयोगिता से रूबरू हों, इसलिए हम इस प्रतियोगिता में भाग लेते हैं.