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औषधिय गुणों का भंडार है आंवला, स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताते हैं, तो करें नियमित सेवन, जानिए इसके अन्य फायदे - HEALTH BENEFITS OF AMLA

अगर आप मोबाइल, पीसी या टैबलेट पर ज्यादा स्क्रीन टाइम देते हैं तो आंवले के सेवन से नेत्र ज्योति को बचाया जा सकता है.

Health Benefits of Amla
शरीर को आंवले से होने वाले फायदे (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 12, 2025, 4:52 PM IST

Updated : Feb 12, 2025, 6:32 PM IST

अजमेर: आयुर्वेद में आंवला को सर्वोत्तम औषधिय फल माना गया है. अधिकांशत आयुर्वेद औषधियों में आंवले का उपयोग होता है. इतना ही नहीं मां के दूध के बाद शरीर को आवश्यक तत्वों को देने में सबसे उत्तम आंवले को ही माना गया है. गुणकारी और औषधि प्रभाव होने के कारण सनातन धर्म में आंवले की पूजा भी की जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं आयुर्वेद चिकित्सा विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बी एल मिश्रा से आंवले के औषधिय गुणों और विभिन्न रोगों के निदान में भूमिका.

स्वास्थ्य के लिए ऐसे ऑलराउंडर है आंवला (ETV Bharat Ajmer)

आयुर्वेद में आंवले को दी अमृत की संज्ञा: डॉ बी एल मिश्रा बताते हैं कि 6 रस में से आंवले में नमक नहीं है. जबकि अन्य सभी रस आंवले में पाए जाते हैं. आवलें का उत्पादन शीत ऋतु में होता है, इसलिए यह शीत गुण युक्त होता है. यानी आंवले का सेवन हर मौसम में किया जा सकता है. आंवले को रसायन के रूप में केवल शीत ऋतु में ही उपयोग किया जाता है. नियमित रूप से आवलें का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. आंवले में आयरन, विटामिन सी, फाइबर की मात्रा भी काफी होती है जो शरीर के लिए आवश्यक तत्व हैं. आयुर्वेद में इसे अमृत की संज्ञा दी गई है. इसी कारण सनातन धर्म में इसकी पूजा होती आई है.

पढ़ें: आंवला है विटामिन C का भंडार , शरीर के लिए कई फायदे - HEALTH TIPS - HEALTH TIPS

शरीर को आंवले से होने वाले फायदे:

  1. आंवले के नियमित सेवन से शरीर में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं.
  2. त्वचा में ग्लो आता है और रक्त विकार दूर होते हैं.
  3. आंतों में अमलता, वायु दोष, कब्ज, पेट फूलना (आफरा), अपच को दूर करता है.
  4. नेत्र ज्योति को बढ़ाने में सहायक है. वहीं बालों को भी मजबूती देता है.
  5. अर्श (पाइल्स) की रोकथाम के लिए भी अत्यंत फायदेमंद है.
  6. आंवले के नियमित सेवन से कैंसर, त्वचा रोग, हृदय रोग, यकृत और गुर्दा रोग से बचा जा सकता है.
  7. आंवले के सेवन से हृदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
  8. आंवला यूरिन इंफेक्शन से बचाता है.
  9. मधुमेह को नियंत्रित करता है.
  10. भूख बढ़ाने में कारगर है.
  11. महिलाओं में पीसीओडी-पीआईडी (कष्टमय मासिक धर्म और अनियंत्रित स्राव एवं श्वेत प्रदर) की रोकथाम में भी सहायक है.
  12. आंखों में होने वाली रतौंधी (रात को नहीं दिखना) रोग में भी काफी फायदेमंद है.
  13. आंवले में फाइबर और रस होने से आंतों में स्निग्धता प्रदान करता है.

पढ़ें: स्पेशल: ये आंवला है बेहद खास...दिल्ली, मुंबई के बाद ट्रंप के देश में भी बढ़ाया राजस्थान का मान - करौली

कैसे करें आवाले का उपयोग: डॉ मिश्रा बताते हैं कि आंवले का उपयोग किसी भी उम्र का व्यक्ति किसी भी रूप में कर सकता है. आंवले को दांतों से काट कर खाने से दांतों की ऊपरी परत को भी फायदा मिलता है. आंवला कच्चा नहीं खा पाने के कारण आंवले की कैंडी और जेली भी बनाई जाने लगी है, जो बच्चों को भी स्वादिष्ट लगती है. औषधि के रूप में त्रिफला चूर्ण और इसबगोल भूसी के साथ आंवला मिलाकर उपयोग करना भी गुणकारी है. उन्होंने बताया कि रसायन के रूप में आंवला युक्त च्वयनप्राश भी दिया जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग सर्दियों में ही उत्तम है.

पढ़ें: गर्मी को मात दे और वजन भी करे कम, स्वस्थ्य रहने के लिए बनाये आंवला वाले ये पांच डिश - 5 amla delights - 5 AMLA DELIGHTS

स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने वालों के लिए आंवला का सेवन जरूरी: आयुर्वेद चिकित्सा विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीएल मिश्रा बताते हैं कि लैपटॉप, पीसी, टैबलेट और मोबाइल फोन का प्रचलन तेजी से बढ़ गया है. लोग घण्टों स्क्रीन पर अपना समय बिताते हैं. इस कारण उनमें नेत्र रोग संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं. ऐसे में यदि आंवले का सेवन नियमित किया जाता है तो नेत्र ज्योति को बनाये रखने में सहायक होता है.

अजमेर: आयुर्वेद में आंवला को सर्वोत्तम औषधिय फल माना गया है. अधिकांशत आयुर्वेद औषधियों में आंवले का उपयोग होता है. इतना ही नहीं मां के दूध के बाद शरीर को आवश्यक तत्वों को देने में सबसे उत्तम आंवले को ही माना गया है. गुणकारी और औषधि प्रभाव होने के कारण सनातन धर्म में आंवले की पूजा भी की जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं आयुर्वेद चिकित्सा विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बी एल मिश्रा से आंवले के औषधिय गुणों और विभिन्न रोगों के निदान में भूमिका.

स्वास्थ्य के लिए ऐसे ऑलराउंडर है आंवला (ETV Bharat Ajmer)

आयुर्वेद में आंवले को दी अमृत की संज्ञा: डॉ बी एल मिश्रा बताते हैं कि 6 रस में से आंवले में नमक नहीं है. जबकि अन्य सभी रस आंवले में पाए जाते हैं. आवलें का उत्पादन शीत ऋतु में होता है, इसलिए यह शीत गुण युक्त होता है. यानी आंवले का सेवन हर मौसम में किया जा सकता है. आंवले को रसायन के रूप में केवल शीत ऋतु में ही उपयोग किया जाता है. नियमित रूप से आवलें का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. आंवले में आयरन, विटामिन सी, फाइबर की मात्रा भी काफी होती है जो शरीर के लिए आवश्यक तत्व हैं. आयुर्वेद में इसे अमृत की संज्ञा दी गई है. इसी कारण सनातन धर्म में इसकी पूजा होती आई है.

पढ़ें: आंवला है विटामिन C का भंडार , शरीर के लिए कई फायदे - HEALTH TIPS - HEALTH TIPS

शरीर को आंवले से होने वाले फायदे:

  1. आंवले के नियमित सेवन से शरीर में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं.
  2. त्वचा में ग्लो आता है और रक्त विकार दूर होते हैं.
  3. आंतों में अमलता, वायु दोष, कब्ज, पेट फूलना (आफरा), अपच को दूर करता है.
  4. नेत्र ज्योति को बढ़ाने में सहायक है. वहीं बालों को भी मजबूती देता है.
  5. अर्श (पाइल्स) की रोकथाम के लिए भी अत्यंत फायदेमंद है.
  6. आंवले के नियमित सेवन से कैंसर, त्वचा रोग, हृदय रोग, यकृत और गुर्दा रोग से बचा जा सकता है.
  7. आंवले के सेवन से हृदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
  8. आंवला यूरिन इंफेक्शन से बचाता है.
  9. मधुमेह को नियंत्रित करता है.
  10. भूख बढ़ाने में कारगर है.
  11. महिलाओं में पीसीओडी-पीआईडी (कष्टमय मासिक धर्म और अनियंत्रित स्राव एवं श्वेत प्रदर) की रोकथाम में भी सहायक है.
  12. आंखों में होने वाली रतौंधी (रात को नहीं दिखना) रोग में भी काफी फायदेमंद है.
  13. आंवले में फाइबर और रस होने से आंतों में स्निग्धता प्रदान करता है.

पढ़ें: स्पेशल: ये आंवला है बेहद खास...दिल्ली, मुंबई के बाद ट्रंप के देश में भी बढ़ाया राजस्थान का मान - करौली

कैसे करें आवाले का उपयोग: डॉ मिश्रा बताते हैं कि आंवले का उपयोग किसी भी उम्र का व्यक्ति किसी भी रूप में कर सकता है. आंवले को दांतों से काट कर खाने से दांतों की ऊपरी परत को भी फायदा मिलता है. आंवला कच्चा नहीं खा पाने के कारण आंवले की कैंडी और जेली भी बनाई जाने लगी है, जो बच्चों को भी स्वादिष्ट लगती है. औषधि के रूप में त्रिफला चूर्ण और इसबगोल भूसी के साथ आंवला मिलाकर उपयोग करना भी गुणकारी है. उन्होंने बताया कि रसायन के रूप में आंवला युक्त च्वयनप्राश भी दिया जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग सर्दियों में ही उत्तम है.

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स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने वालों के लिए आंवला का सेवन जरूरी: आयुर्वेद चिकित्सा विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीएल मिश्रा बताते हैं कि लैपटॉप, पीसी, टैबलेट और मोबाइल फोन का प्रचलन तेजी से बढ़ गया है. लोग घण्टों स्क्रीन पर अपना समय बिताते हैं. इस कारण उनमें नेत्र रोग संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं. ऐसे में यदि आंवले का सेवन नियमित किया जाता है तो नेत्र ज्योति को बनाये रखने में सहायक होता है.

Last Updated : Feb 12, 2025, 6:32 PM IST
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