लोहड़ी का त्योहार आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. यह त्यौहार हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है. इस दिन को लोग बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. इस दिन अग्नि में तिल और मूंगफली डालकर उसकी परिक्रमा करने की परंपरा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लोहड़ी के मौके पर आग में तिल और मूंगफली क्यों डाली जाती हैं? आखिर इसकी वजह क्या है? आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं.
लोहड़ी का त्यौहार कब मनाया जाता है?
लोहड़ी का त्यौहार सिखों और पंजाब का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है. इस त्यौहार को लोग बहुत धूमधाम से मनाते हैं. इस साल लोहड़ी का त्योहार 13 जनवरी 2025 दिन सोमवार को मनाया जाएगा.
लोहड़ी के अवसर पर आग में तिल और मूंगफली डालने की क्या परंपरा है?
लोहड़ी के दिन अग्नि जलाकर उसकी परिक्रमा की जाती है और फिर घर के सभी सदस्य अग्नि के चारों ओर एकत्रित होते हैं. परिक्रमा करते समय आग में मूंगफली और तिल डाले जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह परंपरा क्यों की जाती है?
लोहड़ी के दिन तिल और मूंगफली का महत्व
लोहड़ी के माध्यम से लोग भगवान से भरपूर फसल की कामना करते हैं और साल भर खेती में बढ़ोतरी की प्रार्थना करते हैं. इस दिन अग्नि देवता की पूजा की जाती है और अच्छी फसल के लिए उनका आभार व्यक्त करने के लिए अग्नि में तिल और मूंगफली डाली जाती हैं. लोहड़ी की अग्नि में मूंगफली डालकर लोग अपने घर में सौभाग्य और समृद्धि लाने की कामना करते हैं. किंवदंतियों के अनुसार, मूंगफली को देवी लक्ष्मी का पसंदीदा भोजन माना जाता है. इसलिए लोग लोहड़ी की अग्नि में मूंगफली डालकर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करते हैं. इसके अलावा लोहड़ी के दिन बुरी नजर से छुटकारा पाने, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी पारिवारिक जीवन की कामना के लिए भी लोहड़ी की अग्नि में तिल डाले जाते हैं. इसके अलावा कहा जाता है कि सर्दियों में तिल और मूंगफली का सेवन भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है.